पूंडरी में हरियाणा CM की जनसभा में कुर्सी पर विवाद:भाजपा के पूर्व MLA और चेयरमैन कार्यक्रम छोड़ लौटे; जानें क्या है वजह
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गुरुवार को कैथल जिले के पूंडरी स्थित नई अनाज मंडी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की विभिन्न योजनाओं, विकास कार्यों और पार्टी के राजनीतिक दृष्टिकोण पर अपने विचार व्यक्त किए। हालांकि, उनके इस दौरे में एक विवाद भी पैदा हो गया, जब कैथल के दो प्रमुख भाजपा नेता, पूर्व विधायक लीलाराम गुर्जर और हैफेड के पूर्व चेयरमैन कैलाश भगत, मंच पर कुर्सी न मिलने के कारण कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
मंच पर कुर्सी को लेकर हुआ विवाद
मुख्यमंत्री नायब सैनी के मंच पर पहुंचने से पहले पूर्व विधायक लीलाराम गुर्जर और कैलाश भगत को अगली पंक्ति में बैठने की जगह नहीं मिली, जिससे दोनों नेता नाराज हो गए। वे दोनों ही भाजपा के प्रमुख नेता माने जाते हैं और कैथल जिले में उनकी महत्वपूर्ण राजनीतिक उपस्थिति है। दोनों नेताओं ने मंच पर बैठने के लिए अगली पंक्ति की कुर्सियां मांगी थीं, लेकिन जब यह मांग पूरी नहीं की गई तो वे मंच से उठकर कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
हालांकि, कुछ समय तक वे मंच की पिछली पंक्ति में बैठे रहे, लेकिन अंत में उन्हें अपनी नाराजगी के कारण कार्यक्रम छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। इस घटना ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की जब उनसे पूछा गया। यह घटनाक्रम भाजपा के भीतर के गहरे राजनीतिक तनाव और वरिष्ठ नेताओं के बीच की प्रतिस्पर्धा को उजागर करता है।
कांग्रेस पर कटाक्ष: डॉ. अंबेडकर का अपमान
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, और सोनिया गांधी के शासनकाल में डॉ. भीमराव अंबेडकर का सबसे ज्यादा अपमान हुआ। सीएम ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह भी नहीं मालूम कि संविधान में क्या लिखा है। उनका आरोप था कि कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान का अपमान किया है और राहुल गांधी को इस संविधान के बारे में कोई बात करने का अधिकार नहीं है।
सीएम ने यह भी कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व झूठ बोलने में माहिर है और अगर पार्टी इसी तरह की राजनीति करती रही तो 2029 में कांग्रेस पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई नीति और नीयत नहीं है और पार्टी का कोई ऐसा नेता नहीं है, जो उसे दिशा दे सके।
कैथल में विकास कार्यों के लिए बजट की घोषणा
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपनी जनसभा में कई विकास कार्यों के लिए फंड की घोषणा की। उन्होंने पूंडरी विधानसभा क्षेत्र में 5 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का ऐलान किया। इन कार्यों में सरकारी स्कूलों के नवीनीकरण के लिए 5 करोड़ रुपए, गांव फतेहपुर और बदनारा में हेल्थ सेंटर बनाने के लिए धनराशि, मंडी बोर्ड की सड़कों की मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए और लोक निर्माण विभाग की नई सड़कों के लिए 10 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने कैथल-करनाल पूंडरी बाइपास बनाने के लिए फिजिबिलिटी अध्ययन कराने का भी वादा किया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि उनकी सरकार जनता के हित में लगातार काम कर रही है और आने वाले समय में इन योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जाएगा।
14.80 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान 14.80 करोड़ रुपए की लागत से तैयार विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इनमें पिलनी गांव से सेगा रोड तक बने 1.07 करोड़ रुपए के फिरनी, 11.84 करोड़ रुपए की लागत से 6 सड़कों की मजबूतीकरण योजना और गांव कोल में 1.88 करोड़ रुपए की लागत से नीलोखेड़ी-कारसा-ढांड रोड की मरम्मत शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में और भी विकास कार्य किए जाएंगे।
पूंडरी को सब डिवीजन का दर्जा देने की संभावना
मुख्यमंत्री नायब सैनी के आगमन पर स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि वे पूंडरी को सब डिवीजन का दर्जा देंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक कमेटी बनाई गई है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। स्थानीय नेताओं और जनता ने इस मुद्दे पर सरकार से जल्दी निर्णय लेने की अपेक्षा जताई है, क्योंकि यह कदम क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक कार्यों को और प्रभावी बना सकता है।
कृषि कॉलेज को विश्वविद्यालय में तब्दील करने की मांग
इस अवसर पर जिला परिषद के चेयरमैन कर्मबीर कौल ने मुख्यमंत्री से करकौल के कृषि कॉलेज को विश्वविद्यालय में तब्दील करने की मांग की। उन्होंने बताया कि करकौल के कृषि कॉलेज में वह सारे संसाधन उपलब्ध हैं जो एक विश्वविद्यालय में होने चाहिए। चेयरमैन ने कहा कि उत्तरी हरियाणा के किसानों और कृषि उद्यमियों को अपनी कृषि संबंधी समस्याओं के लिए चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार जाना पड़ता है। अगर करकौल का कृषि कॉलेज विश्वविद्यालय बन जाता है, तो यह किसानों और छात्रों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगा, क्योंकि उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब हिसार नहीं जाना पड़ेगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री नायब सैनी का कैथल दौरा प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। जहां एक ओर भाजपा के भीतर राजनीतिक विवाद उभर कर सामने आया, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास और जनता की भलाई के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कैथल में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भारी वित्तीय सहायता की घोषणा की और अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए पार्टी की राजनीतिक रणनीति को कठघरे में खड़ा किया। इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र में सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार की योजनाओं को विस्तार से रखा। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री द्वारा किए गए ऐलान और उनकी योजनाओं का कितना प्रभाव स्थानीय जनता पर पड़ता है।
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