पाकिस्तान में चुनाव में उतरीं सवीरा प्रकाश का भारत को लेकर बड़ा बयान, कहा- अगर जीती तो…..

पेशावर, एजेंसी। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की बुनेर सीट से पीपीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं पहली हिंदू उम्मीदवार डॉक्टर सवीरा प्रकाश ने भारत से अच्छे रिश्ते रखने पर जोर दिया है। चुनाव लड़ने वाली पहली हिंदू महिला डा. सवीरा प्रकाश ने कहा यदि वह चुनी जाती हैं तो वह पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध सुधारने में मदद करेंगी। पेशे से चिकित्सक 25 वर्षीय सवीरा ने गत सप्ताह बुनेर जिले की पीके-25 सामान्य सीट के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। साथ ही उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा में महिला अधिकारों की लड़ाई को भी अपने एजेंडे में सबसे ऊपर बताया है। सवीरा प्रकाश पढ़ी लिखीं हैं और पेशे से डॉक्टर हैं। पाकिस्तान का अल्पसंख्यक समुदाय भी चुनाव में उनको उम्मीद की नजरों से देख रहा है।

सवीरा को ‘बुनेर की बेटी’ की उपाधि मिली

 

पीपीपी उम्मीदवार सवीरा ने कहा कि उन्हें ‘बुनेर की बेटी’ की उपाधि मिली है और मुस्लिम भाइयों ने न केवल उन्हें वोट मिलने का आश्वासन दिया है बल्कि पूर्ण समर्थन का वादा किया है। सांसद के रूप में निर्वाचित होने पर वह पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की समस्याओं का हल निकालने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि वह देशभक्त हिंदू हैं और बुनेर की बेटी की उपाधि मिलने के बाद उनका मनोबल और बढ़ गया है। सवीरा का कहना है कि दुनिया में सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है और वो इसी धर्म के लिए काम करेंगी। डॉक्टर सवेरा ने चुनाव लड़ने के लिए पीपीपी को चुनने पर कहा कि उनके परिवार का पार्टी को 37 साल पुराना संबंध है। प्रांतीय विधानसभा सदस्य के रूप में चुने जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच संबंधों के प्रति सकरात्मक भूमिका निभाएंगी और पाकिस्तान व सीमा पार भारत में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग बिना हिचकिचाहट के उनसे संपर्क कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें न केवल पीपीपी का समर्थन प्राप्त है बल्कि अन्य दलों से भी समर्थन मिल रहा है।

8 फरवरी को पाकिस्तान में होने हैं चुनाव

 

सवीरा ने अपनी पार्टी पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो की गोवा यात्रा को भारत-पाक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक विकास बताया। उन्होंने कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत यात्रा और पार्टी का टिकट मिलना दोनों देशों के बीच संबंधों की दिशा में एक सकारात्मक विकास है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी, 2024 को चुनाव होंगे, इस दौरान नेशनल असेंबली की 266 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में महिलाओं के लिए 60 सीटें आरक्षित हैं, वहीं अल्पसंख्यकों (गैर मुस्लिमों) के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं। नेशनल एसेंबली के साथ ही प्रान्तों की एसेंबली के लिए भी 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

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