DU News: अकादमिक परिषद की बैठक में डीयू के स्ट्रैटेजिक प्लान पर मुहर, आइडीपी के लिए बनी समिति

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : DU News: दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की 1020वीं बैठक में 2024 से 47 तक स्ट्रैटेजिक प्लान को पारित कर दिया गया है। पहले इसको लेकर विरोध था और इसमें शामिल सामग्री को नकल की हुई बताया गया था। बदलाव के बाद इसे दोबारा बैठक में पेश किया गया। इसके साथ ही सांस्थानिक विकास योजना (आइडीपी) पर सदस्यों के विरोध के बाद कुलपति को अधिकृत करते हुए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसके सुझावों के बाद आइडीपी को कुलपति स्वयं पारित करेंगे।

डीयू 2047 की परिकल्पना

 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्ट्रैटजिक प्लान पर कहा कि विकसित भारत में अपनी भूमिका के लिए डीयू की यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह प्लान एक व्यवस्थित प्रक्रिया है, जो मिशन-क्रिटिकल कार्य के लिए आवश्यक प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्धता बनाती है। इससे यह मदद मिलती है कि विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण, टिकाऊ और जवाबदेह बना रहे। इसका उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ प्रदान करने वाले एक प्रमुख बहु-विषयक गहन अनुसंधान विश्वविद्यालय के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करना है। उत्कृष्टता, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना इसके मूल में होगी। ब्रांडिंग, संसाधन निर्माण, परोपकार और वैश्वीकरण के मुख्य मापदंडों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा और छात्रों का अनुभव, अनुसंधान, विश्वविद्यालय समुदाय, परिसरों और स्थानीय समुदाय के बीच कनेक्ट, अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों और उद्योग के साथ सहयोग और वैश्विक प्रभाव जैसे लक्ष्यों के माध्यम से डीयू 2047 की परिकल्पना है। अकादमिक परिषद के सदस्यों से आए सुझावों के बाद ही स्ट्रैटेजिक प्लान के मसौदे को तैयार किया गया है।

आइडीपी पर भारी विरोध

 

आइडीपी को अकादमिक परिषद की बैठक में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने विरोध जताया। एनडीटीएफ के प्रो. हरेंद्र तिवारी ने कहा कि छात्रों के फीडबैक को शिक्षकों की पदोन्नति से जोड़ा गया है। हमने इसका विरोध किया है। इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस के सदस्य प्रो. मेघराज ने कहा कि आइडीपी में छात्रों से फंड सृजित करने पर जोर दिया गया है। पिछले वर्षों में यूजीसी की ग्रांट कम हुई है। छात्रों से सृजित फंड बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय को निजीकरण की ओर ले जाने की तैयारी है। विश्वविद्यालय खर्च की भरपाई के लिए अधिक स्ववित्त पोषित कोर्स शुरू करना चाहता है। इस विरोध के बाद कुलपति को आइडीपी पर स्वीकृति के लिए अधिकृत किया गया है। तीन सदस्यीय सिमिति बनाई गई है। इसमें रामजस कालेज के प्राचार्य प्रो. अजय अरोड़ा, श्यामलाल कालेज के प्राचार्य प्रो. नचिकेता सिंह और प्रो. राजीव गुप्ता शमिल हैं। प्रो. अजय अरोड़ा ने कहा कि समिति ने कार्य शुरू कर दिया है। सदस्यों ने जिन बिंदुओं पर विरोध जताया है। उन पर विचार किया जाएगा और बदलाव के बाद ही इसे पारित कराने के लिए कुलपति के पास भेजा जाएगा।

सेंट स्टीफेंस से संवाद के लिए समिति गठित

 

अकादमिक परिषद की बैठक में सेंट स्टीफेंस कालेज और डीयू में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विवाद का मुद्दा उठा। इसके बाद कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने परिषद के सदस्यों की एक समिति का गठन किया है। समिति कालेज जाकर प्राचार्य से बातचीत करेगी। समिति में डा. हरेंद्र तिवारी, डा. माया जॉन और डा. आलोक पांडेय को शामिल किया गया है। बता दें कि कालेज में हर साल प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विवाद होता है। इस साल सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे में कई छात्रों को कालेज ने प्रवेश देने से इन्कार कर दिया था। इसके अलावा अतिरिक्त सीट आवंटन से आए छात्रों के प्रवेश भी अटका दिए थे। हाई कोर्ट में पूरा मामला चला गया तब जाकर छात्रों को राहत मिल सकी थी।

इरफान हबीब के लेख पाठ्यक्रम से हटाए

बैठक में पाठ्यक्रमों में बदलावों को पारित किया गया। दिल्ली थ्रू द एजेस: द मेकिंग आफ इट्स अर्ली मार्डन हिस्ट्री नामक जेनरिक इलेक्टिव पेपर में कई बदलाव कर पेश किया गया। कुछ सदस्यों ने विरोध जताया और कहा कि पाठ्यक्रम में लगातार बदलाव किया जा रहा है। सजेस्टेड रीडिंग से जाने-माने इतिहास के लेख हटाए गए हैं। इंद्रप्रस्थ और योगिनी का पुरा का जिक्र है। डा. माया जॉन ने कहा कि इंद्रप्रस्थ और योगिनी पुरा का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। ऐसे में मिथक और कहानियों को पुस्तकों में जोड़ना ठीक नहीं है।

खुद का उपग्रह लांच करने की योजना

 

दिल्ली विश्वविद्यालय ने कई महत्वाकांक्षी पहलों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें अपना स्वयं का उपग्रह लांच करना, परिसर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने की नीति लागू करना और छात्रों के लिए दोपहर के मुफ्त भोजन की योजना शुरू करना शामिल है। ये योजनाएं विश्वविद्यालय के संस्थागत विकास योजना (आइडीपी) 2024 में दर्शाए गए दीर्घकालिक लक्ष्यों का हिस्सा हैं।

इसरो जैसे संगठनों से सेवाएं लेने पर विचार

निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार, विश्वविद्यालय का लक्ष्य एक डीयू उपग्रह प्रणाली स्थापित करना है, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, दूरसंचार, जीपीएस नेविगेशन के साथ-साथ दूरस्थ शिक्षा में प्रमुख भूमिका निभा सके। हालांकि, यदि वित्तीय सीमाएं उत्पन्न होती हैं, तो डीयू इस योजना को वास्तविकता बनाने के लिए इसरो जैसे संगठनों से सेवाएं लेने पर विचार कर सकता है। इसके अलावा, डीयू परिसर में जीवाश्म ईंधन वाहनों को प्रतिबंधित करके जीरो-कार्बन लक्ष्य पेश करने की योजना के साथ पर्यावरणीय स्थिरता पर नजर रख रहा है।

विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि छात्रों और कर्मचारियों के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण बनाने के लिए छात्रा मार्ग जैसे क्षेत्रों से शुरुआत करके इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा। इन परियोजनाओं के तौर-तरीके और उनके कार्यान्वयन की व्यवहार्यता तब तय की जाएगी, जब इन्हें शुरू करने पर विचार किया जाएगा।

विश्वविद्यालय कैफेटेरिया में मुफ्त भोजन की पेशकश

डीयू द्वारा शुरू की जाने वाली एक और बड़ी पहल वंचित छात्रों के लिए एक कामकाजी दोपहर के भोजन की योजना है, जो काम के बदले विश्वविद्यालय कैफेटेरिया में मुफ्त भोजन की पेशकश करती है। आइडीपी की परिकल्पना है कि कैंटीन सख्त खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करेंगे और स्थानीय समुदायों का समर्थन करने के लिए भोजन खरीद के लिए स्वयं सहायता समूहों के साथ सहयोग कर सकते हैं। इन योजनाओं के साथ-साथ, डीयू विदेशों में विश्वविद्यालयों की तर्ज पर एक “यूनिवर्सिटी हाट” बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि एक वाणिज्यिक शापिंग क्षेत्र स्थापित किया जा सके, जहां विश्वविद्यालय के छात्र-नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप द्वारा विकसित उत्पादों को प्रदर्शित किया जा सके और बिक्री के लिए रखा जा सके।

दस्तावेज में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की लगभग छह लाख लोगों की विशाल आबादी एक अद्वितीय बाजार अवसर प्रस्तुत करती है। विश्वविद्यालय की अन्य दीर्घकालिक दृष्टि में एक ‘यूनिवर्सिटी एलुमनी एंजेल नेटवर्क’ विकसित करना शामिल है, जहां सफल पूर्व छात्र-नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप को सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं, रिवर्स इंटर्नशिप की पेशकश कर सकते हैं।

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