Encounter In Yogi Rule: यूपी में यादव से ज्यादा ब्राह्मण-ठाकुरों का एनकाउंटर, जानें- योगी के शासन में कितने अपराधी मारे गए
लखनऊ, बीएनएम न्यूजः सुलतानपुर में डकैती के आरोपित मंगेश यादव को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद प्रदेश में सियासी पारा भी चढ़ा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। पुलिस व अपराधियों के बीच हुई कई मुठभेड़ को लेकर खाकी की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं ।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 5 सितंबर को X पर लिखीं। उन्होंने डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाए। आरोप लगाया- मंगेश इसलिए मारा गया, क्योंकि वह जाति विशेष का था। 8 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश को जवाब दिया। कहा- डकैत मारा गया तो इनको बुरा लग गया। चिल्ला रहे हैं।
इनामी बदमाशों को मार गिराने वाले पुलिसकर्मी वीरता पदक से सम्मानित भी हुए हैं और कई मामलों में अभी जांच चल रही है। भले ही इन घटनाओं पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सीधे तौर पर कुछ न बोलें पर पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ का सिलसिला जारी है।
पुलिस के आंकड़े खुद इसके गवाह भी हैं। कुछ अधिकारी इसे सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस नीति का हिस्सा मानते हैं। बीते सात वर्षों में प्रदेश में अब तक 207 अपराधी पुलिस की गोली लगने से मारे गए और 7,167 बदमाश घायल हुए।
अब योगी सरकार के कार्यकाल में एनकाउंटर
योगी आदित्यनाथ 19 मार्च, 2017 को सीएम बने। तब से लेकर अब तक प्रदेश में पुलिस और बदमाशों के बीच लगभग 12,964 मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें 27,117 अपराधी पकड़े गए। 207 मारे गए। 7,167 बदमाश घायल हुए। इनमें सर्वाधिक 66 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए। बदमाशों से मुकाबले में अब तक 17 पुलिस अधिकारी व कर्मी बलिदान हुए और 1,601 घायल हुए। मेरठ के बाद वाराणसी जोन में 22 व आगरा जोन में 17 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं।
एनकाउंटर में ढेर अपराधियों के धर्म व जाति वार आंकड़े
जाति और धर्म की बात करें तो बीते साढ़े सात साल में जो एनकाउंटर हुए हैं, उसमें 67 मुस्लिम अपराधी और 130 हिंदू अपराधी मारे गए हैं। ऐसे में जाति या धर्म देखकर एनकाउंटर करने का आरोप गलत है। योगी के शासन में पुलिस मुठभेड़ में 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट-गुर्जर, 16 यादव जाति, 14 दलित, 3 अनुसूचित जाति, 2 सिख, 8 अन्य ओबीसी व 42 अन्य आरोपी ढेर हुए।
अपराधी की जाति देखकर नहीं की जाती एनकाउंटरः पूर्व डीजीपी
जाति-धर्म देखकर एनकाउंटर के सवाल पर पूर्व DGP ओम प्रकाश सिंह कहते हैं- किसी भी अपराधी के खिलाफ कार्रवाई उसकी जाति देखकर नहीं की जाती। पहला प्रयास रहता है कि अपराधी को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां तक एनकाउंटर के तरीके का सवाल है, हर एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच होती है। मानवाधिकार के मापदंडो का पालन होता है।
वो एनकाउंटर जिन पर सबसे अधिक उठे सवाल
बिकरू कांड में विकास दुबे का एनकाउंटर
कानपुर बिकरू कांड में पुलिस पार्टी पर फायरिंग के आरोपी विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर के सामने सरेंडर किया था। यहां से उसे यूपी लाया गया। कानपुर के पास विकास दुबे जिस कार में बैठा था, वह पलट गई। विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया और पुलिस की गोली से मारा गया। इसे लेकर जमकर राजनीति हुई और एनकाउंटर के तरीके पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि इसकी रिटायर्ड जस्टिस ने जांच की और पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया।
उमेश पाल हत्याकांड में असद का एनकाउंटर
झांसी में पिछले साल उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर को लेकर भी कई सवाल उठे थे। जिस जगह पर एनकाउंटर किया गया था, वह रास्ता आगे से बंद था। एसटीएफ ने बताया कि वह बाइक से भाग रहा था और पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में असद ढेर हो गया। सवाल उठा कि बाइक पर कोई डेंट क्यों नहीं आया और बाइक की चाबी घटना स्थल से क्यों नहीं बरामद हुई?
अब मंगेश के एनकाउंटर पर हो रहा विवाद
सुल्तानपुर के ज्वेलरी शॉप में डकैती का आरोपी मंगेश यादव 5 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया। इसके बाद से सियासत बढ़ गई। सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाया और कहा कि जाति देखकर जान ली गई। उन्होंने सपा का प्रतिनिधिमंडल बनाकर मंगेश के घर भेजा। फिर भीम आर्मी के चंद्रेशखर ने भी इस मामले में बयान दिया। इस विवाद में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर भी कूद पड़े। उन्होंने कहा- पुलिस आत्मरक्षा के लिए क्या फूल बरसाएगी?
जाति देखकर गोली मारी गई: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगेश इनकाउंटर पर कहा कि जाति देखकर गोली मारी गई। दो दिन पहले उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सबूत मिटा दिए जाएं।
किसी माफिया शार्गिद को मारा जाता है, तो चिल्लाने लगते हैं: योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप देखते होंगे, उनके किसी माफिया शार्गिद को मारा जाता है, तो चिल्लाने लगते हैं। जहां डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, वहां ग्राहक भी बैठे थे। डकैत उनकी हत्या करके भाग जाता तो हम उनकी जान को वापस कर पाते क्या? ग्राहक किसी भी जाति का हो सकता था। यादव भी हो सकता था, दलित भी।
‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे: राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिन पर उनका पालन कराने की जिम्मेदारी है। सुल्तानपर में हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा रूल आफ लॉ पर विश्वास ही नहीं करती। UP STF के दर्जनों एनकाउंटर सवालों के घेरे में हैं? क्या आज तक उनमें से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई? आखिर कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों? वर्दी पर लगी खून की छींटें साफ होनी चाहिए।