‘सत्य मार्ग पर चलकर ही मिलेगा शाश्वत सुख’: जौनपुर में प्रेमभूषण महराज बोले-अधर्म से अर्जित धन से सुख नहीं मिल सकता

जौनपुर, बीएनएम न्यूजः जौनपुर के बीआरपी इंटर कॉलेज मैदान में रविवार को श्रीराम कथा का आयोजन हुआ, जिसमें प्रेमभूषण जी महाराज ने पहले दिन कथा का वाचन किया। इस कथा के दौरान उन्होंने जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं और श्रीराम के संदेशों पर चर्चा की।
कथा का मुख्य संदेश
प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जो भी संसार में इकट्ठा करता है, वह उसके साथ नहीं जाता। केवल परमार्थ, सत्कर्म और पुण्य ही जीवन के साथ होते हैं। उन्होंने कहा कि सत्य मार्ग पर चलकर ही शाश्वत सुख की प्राप्ति होती है। धोखाधड़ी और अधर्म से अर्जित धन से सुख नहीं मिल सकता।
महाराज जी ने कहा, “आज अक्षय नवमी है, इस दिन किया गया दान करोड़ों गुणा होकर मिलता है।” उन्होंने दान के महत्व पर बल दिया और कहा कि इस कलयुग में हर व्यक्ति को एक मुट्ठी अन्न दान करने की आदत डालनी चाहिए।
रामकथा और जीवन के विकार
महाराज जी ने कलियुग में विकारों के प्रभाव पर भी बात की। उन्होंने कहा, “काम, क्रोध, लोभ, मद और मत्सर आदि विकार हैं, जिन्हें ‘कलिमल’ कहा जाता है। श्रीराम कथा ही इस कलिमल को धोने का एकमात्र उपाय है।” उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति राम कथा को सुनता, कहता और गाता है, वह सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करता है और प्रभु श्रीराम के धाम को भी पहुंचता है।
माता-पिता की सेवा का महत्व
महाराज जी ने कहा कि यदि घर में जीवित माता-पिता हैं तो वही हमारे भगवान हैं। माता-पिता की सेवा करके हम वह सब प्राप्त कर सकते हैं जो हम भगवान से चाहते हैं। श्रीरामचरितमानस में यह बताया गया है कि माता-पिता की आज्ञा मानने वाले, गुरु और बड़ों की आज्ञा मानने वाले सदा सुखी रहते हैं।
धर्म, पूजा और भजन का महत्व
महाराज जी ने पूजा पाठ और भजन के महत्व को बताया और कहा कि “जब मनुष्य पूजा पाठ में संलग्न होता है, तो उसका मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है क्योंकि वह भगवान के निकट पहुंचता है।” इस प्रकार के कार्यों से जीवन में शांति और संतोष मिलता है। भगवान से प्रेम का संदेशमहाराज जी ने कहा कि भगवान को केवल प्रेम ही प्रिय है और यह प्रेम भगवान से लेन-देन की भावना नहीं होनी चाहिए। “जो भगवान से प्रेम करते हैं, उनका जीवन धन्य होता है।
उपस्थित श्रोताओं का आनंद
कथा के दौरान महाराज जी ने कई सुंदर भजनों का गायन किया, जिससे श्रोतागण भावविभोर हो गए। रामकथा के प्रेमी भारी संख्या में उपस्थित थे और भजनों का आनंद लेते हुए झूमते नजर आए। इस नौ दिवसीय रामकथा के आयोजन का उद्देश्य लोगों को श्रीराम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना और जीवन में सत्कर्मों की महत्वपूर्णता को समझाना है।
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