Farmers Protest 2024: केंद्र सरकार और किसान नेताओं में फंसी बात, जानें किन बिंदओं पर है टकराव
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर चंडीगढ़ में रविवार रात करीब सवा आठ से बजे किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ वार्ता शुरू हुई। इसमें किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच एमएसपी को लेकर सहमति बन नहीं पा रही है। केंद्रीय मंत्री कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं तो किसान संगठन कमेटी बनाने के हक में नहीं हैं।
आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा उठाया
एक किसान नेता ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा भी उठाया। वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल व नित्यानंद राय के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने किसानों की तरफ से पक्ष रखा। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों ने सबसे पहले शंभू बार्डर पर दिवंगत होने वाले किसान और हरियाणा पुलिस के जवान को श्रद्धांजलि दी।
तीन दौर की वार्ता रही असफल
उल्लेखनीय है कि आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बैठकें भी बेनतीजा रही थीं। भगवंत मान 15 फरवरी को हुई तीसरे दौर की बैठक में भी शामिल हुए थे।
इन बातों को लेकर गतिरोध
वार्ता में ए2+एफएल फार्मूले पर सरकार जोर दे रही है। सरकार का कहना है कि बीज, खाद, सिचाईं व अन्य वस्तुओं की कीमतों और मजदूरी के आधार पर ही फसल की लागत तय होगी। सरकार ने संकेत दे दिया है कि जब तक आचार संहिता नहीं लगी है, तब तक हम जो कर सकते हैं, उसी पर किसान नेता बात करें। कृषि ऋण जो सरकारी बैंकों से लिए गए हैं, उनको माफ करने पर सरकार विचार कर सकती है, लेकिन निजी तरीके से लिए गए ऋणों को किसानों को चुकाना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि पिछले आंदोलन के दौरान 3,500 किसानों पर जो केस दर्ज हैं, उनको सरकार वापस ले सकती है।
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