Farmers Protest : भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर और रणजीत सिंह से सवाल पूछने आए किसान, नहीं मिले तो किया विरोध प्रदर्शन

नरेन्द्र सहारण, सिरसा। Haryana Politics: हरियाणा और पंजाब में किसान संगठनों को भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगतार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में सिरसा के रानियां शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक लेने निजी रिसोर्ट में आए भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह व अशोक तंवर से किसान सवाल पूछने पहुंच गए। दोनों नेताओं के न मिलने पर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
किसान संगठनों से जुड़े दर्जनों लोग गुरुद्वारे के सामने इकट्ठा हुए
राष्ट्रीय किसान मंच, भारतीय किसान यूनियन चढूनी और दूसरे संगठनों से जुड़े दर्जनों लोग गोबिंदपुरा के समीप स्थित गुरुद्वारा के सामने एकत्रित हो गए। यहां पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया किया कि दोनों नेता यहां रुककर आपकी बात सुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नेता रास्ता बदल कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद किसान वहां से रिसार्ट की ओर चल पड़े। रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
विरोध करने वाले किसान नहीं, बल्कि पेड आदमी हैं : रणजीत
गाबा रिसोर्ट में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए रणजीत सिंह ने कहा कि बाहर जो इक्का-दुक्का लोग किसान बनकर विरोध कर रहे हैं, वह किसान नहीं है बल्कि पेड आदमी हैं। इनको विरोध करने के लिए भेजा जाता है। किसानों का एक्ट वापस हो गया, आंदोलन खत्म हो गया, अब विरोध किस चीज का है। यह लोग जो किसान नेता बनकर फिर रहे हैं, यह पंजाब में चुनाव में खड़े हुए थे। इनको चार-चार हजार वोट ही आए थे। इनकी सारी कहानी खत्म हो गई है।
घुकांवाली गांव में अशोक तंवर का किसानों ने किया घेराव, वापस लौटाया
इससे पहले किसानों ने पिछले शनिवार को भाजपा के सिरसा लोकसभा प्रत्याशी डा. अशोक तंवर का घेराव किया था। गांव घुकांवाली में किसानों ने उनसे सवाल किए। काफी देर तक दोनों पक्षों में चर्चा होती रही। बाद में अशोक तंवर वापस लौट गए।
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के आह्वान पर हरियाणा किसान एकता डबवाली के सदस्य एसपी मसीतां, प्रधान मनदीप देसूजोधा के नेतृत्व में गांव घुकांवाली में एकत्रित हुए थे। जैसे ही अशोक तंवर गांव में पहुंचे तो किसानों ने एक के बाद एक सवाल किए। मसीतां ने कहा कि आंदोलन के दौरान मारे गए सैकड़ों किसानों को इंसाफ क्यों नहीं मिला। सरकार द्वारा की गई वादाखिलाफी के विरोध में दिल्ली जा रहे किसानों के रास्ते में कंटीली तारें व बड़े बड़े पत्थर लगाकर रास्ता क्यों रोका। मसीतां ने कहा कि आप किसानों के प्रति स्टैंड स्पष्ट करो और ऐसी क्या मजबूरी थी कि आप पिछले एक साल में एक से दूसरा राजनीतिक दल बदलते गए। आपने चार राजनीतिक दल बदले। इतना सुनते ही अशोक तंवर गुस्सा गए। हालांकि उन्होंने कहा कि क्या वे चोरों का साथ देते। बता दें, कुछ दिन पहले जजपा नेता दिग्विजय सिंह को किसानों ने पिपली गांव में घेरा था।
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