किसानों को चाहिए एमएसपी गारंटी कानून, सब्सिडी में भी बढ़ोतरी की मांग, जानें चुनावों में क्या है किसानों की मांग

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत। Haryana Assembly Seat 2024:  विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। राजनीतिक दल लगातार रैली और जनसभाओं के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचकर जनता से वोट की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं, ऐसे में जिले के किसान भी अपने मुद्दे उठा रहे हैं। किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा एमएसपी खरीद गारंटी कानून, किसानों को कर्ज मुक्त करने, सब्सिडी बढ़ाना, मुफ्त बिजली, नहरी पानी की उपलब्धता बढ़ाना आदि प्रमुख मुद्दे हैं। जिनको पूरा करने की मांग उठाई जा रही है। किसानों का कहना है कि सालों से सरकार उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है, ऐसे में राजनीतिक दलों को किसानों की समस्या को चुनाव में मुद्दा बनाना चाहिए। गन्नौर ब्लाक के खुबडू और आसपास के गांवों के किसानों से बातचीत की गई तो उन्होंने खुलकर अपने मुद्दों पर बात की।

-प्राकृतिक आपदा के कारण हर साल हजारों एकड़ फसल खराब होती है। फसल खराबे का मुआवजा कभी भी किसानों को पूरा नहीं मिलता। दो साल से तो बीमा कंपनी ही नहीं थी। किसानों से प्रीमियम तो लिया गया, लेकिन मुआवजा के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया गया। काफी किसानों का पिछले तीन साल का मुआवजा भी लंबित है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इस मुद्दे को उठाए।

-आशीष, किसान

-प्रदेशभर में बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के साथ धोखा किया जाता है। हमारी मांग रखी कि सरकार अपना प्राधिकरण बनाए और उसी से फसलों का बीमा कराए, क्योंकि मौजूदा बीमा कंपनियां फायदे के लिए काम कर रही हैं, न कि किसान के लिए। यह एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर बात होनी चाहिए। क्योंकि फसल खराब होने पर किसान को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। नहरी पानी की उपलब्धता भी बढ़ाई जाए और सोलर ट्यूूबवेल सस्ता किया जाए।

-सुमित, किसान

– हमारी मांग है कि जैसे ही किसान की फसल मंडी में बिकती है, उसके 72 घंटे के अंदर उसको राशि मिलनी चाहिए। लेकिन अभी जब तक मंडी से फसल का उठान नहीं होता, तब तक किसान को राशि नहीं दी जाती। इस सिस्टम को बदला जाए और देरी होने पर ब्याज भी दिलाया जाए। अभी मंडी में किसानों की फसल की बेकद्री होती है।

-दिलशेर धनखड़, किसान

-किसानों के मुद्दे जो भी हल करेगा किसान उसके साथ ही जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने देखा है किसानों की नाराजगी का उसे कितना नुकसान हुआ है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में मात्र 5 सीटों पर ही रह गई, जबकि पिछले चुनाव यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में 10 सीटें जीती थी। हमने 32 मांगों का एक पत्र भी सरकार को सौंपा था। किसानों की इन सभी मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।

-विरेंद्र सिंह पहल, किसान नेता

 

23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी दिया जाए। एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाया जाए और किसानों व खेत मज़दूरों को पेंशन दी जाए। वर्तमान नीतियों के कारण किसानों को खेती से कुछ भी नहीं बच रहा है और नुकसान झेलना पड़ता है।

-मोनू, किसान

 

सरकार द्वारा किसानों के लिए कई पोर्टल शुरू किए गए हैं, लेकिन अधिकतर पोर्टल का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। ज्यादातर पोर्टल से परेशानी बढ़ी है। सरकार इन पोर्टलबाजी को छोड़कर धरातल पर किसान के लिए कार्य करें ताकि किसानों की आय बढ़ सकें। यह एक बड़ी समस्या बन रही है। बुआई से लेकर बिक्री तक के काम में किसानों को पोर्टल में उलझा दिया है। कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।

– रमेश, किसान

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना चाहिए। सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन किया जाए। कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए, तभी किसानों को कुछ राहत मिलेगी।
-राजा, किसान

 

VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन