कैथल में मकान और 2 दुकानों में लगी आग: लाखों रुपए का नुकसान, फायर ब्रिगेड की देरी से ग्रामीणों में आक्रोश

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के शिमला गांव में रविवार रात एक दर्दनाक अग्निकांड हुआ, जिसमें शॉर्ट सर्किट के कारण एक रिहायशी मकान और दो दुकानें जलकर राख हो गईं। इस भीषण आगजनी में पीड़ित परिवार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। घटना रात करीब 10:30 बजे घटी, जब परिवार के सदस्य अपनी दुकानें बंद करके घर के अंदर एक कमरे में गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक, बिजली के तारों में हुए शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़क उठी, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया।
धुएं का गुबार
आग की लपटें और धुएं का गुबार देखकर परिवार के सदस्य तुरंत जागे और आग बुझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि उनके सारे प्रयास विफल रहे। शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण भी अपने घरों से बाहर निकल आए और आग बुझाने में जुट गए। ग्रामीणों ने पानी और मिट्टी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग की प्रचंडता के आगे उनकी सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं।
मौके पर नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियां
मकान मालिक अजय ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आग लगने के तुरंत बाद गांव के लोगों ने डायल 112 नंबर पर फोन कर पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। हालांकि, अफसोस की बात यह रही कि सूचना देने के बावजूद डायल 112 की टीम और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां समय पर मौके पर नहीं पहुंच सकीं।
ग्रामीणों ने बताया कि जब काफी देर तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंची, तो वे खुद कलायत थाने पहुंचे और वहां से पुलिस को लेकर गांव आए। फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटना स्थल पर करीब एक घंटे की देरी से पहुंची। तब तक आग ने घर और दुकानों में रखे सारे सामान को पूरी तरह से जलाकर राख कर दिया था।
सारा घरेलू सामान जल गया
अग्निकांड के कारण घर में रखे बेड, अलमारी, फ्रिज, कूलर, एयर कंडीशनर, कंप्यूटर और स्कूटी समेत सारा घरेलू सामान जल गया। इसके अलावा, दुकानों में रखा किराने का सामान और लाखों रुपये का कपड़ा भी आग की भेंट चढ़ गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि घर में रखी एक लाख रुपये से अधिक की नकदी भी जलकर राख हो गई, जिससे उन्हें दोहरा नुकसान हुआ है।
आग बुझाने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी वापस चली गई थी लेकिन सुबह करीब 10 बजे आग फिर से सुलगना शुरू हो गई। इसके बाद दमकल की गाड़ी को दोबारा बुलाया गया और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
बेघर और बेसहारा
इस भीषण अग्निकांड से पीड़ित परिवार पूरी तरह से बेघर और बेसहारा हो गया है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से तत्काल आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। ग्रामीणों में फायर ब्रिगेड की देरी से पहुंचने को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर दमकल की गाड़ियां समय पर पहुंच जातीं, तो शायद इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। ग्रामीणों ने प्रशासन से भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।
कलायत थाने से मौके पर पहुंचे सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) जोगिंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना मिलते ही उनकी टीम तुरंत गांव पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस नुकसान का आकलन कर रही है और आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच करेगी कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पहुंचने में इतनी देरी क्यों हुई।
शोक और चिंता का माहौल
इस अग्निकांड ने शिमला गांव में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। पड़ोसी और रिश्तेदार पीड़ित परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं और हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इतना बड़ा नुकसान होने के बाद परिवार को सरकार और प्रशासन की मदद की सख्त जरूरत है ताकि वे अपने घर और कारोबार को फिर से खड़ा कर सकें।
तत्परता और पहुंच पर सवाल
यह घटना एक बार फिर हरियाणा में फायर ब्रिगेड की सेवाओं की तत्परता और पहुंच पर सवाल उठाती है। अक्सर ऐसी खबरें आती हैं कि आग लगने की घटनाओं पर दमकल की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पाती हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए और फायर ब्रिगेड की सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ और त्वरित बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
प्रभावी कदम
शिमला गांव के अग्निकांड के पीड़ित परिवार को तत्काल राहत और मुआवजा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके अलावा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना भी आवश्यक है। गांवों और कस्बों में बिजली के तारों और उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं को कम किया जा सके। साथ ही, फायर ब्रिगेड को आधुनिक उपकरणों और पर्याप्त कर्मचारियों से लैस किया जाना चाहिए ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत पहुंच सकें और जान-माल की रक्षा कर सकें।
भयानक नुकसान का सामना
इस दुखद घटना से सबक लेते हुए सरकार और प्रशासन को आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी परिवार को इस तरह के भयानक नुकसान का सामना न करना पड़े। शिमला गांव के पीड़ित परिवार को न्याय और उचित मुआवजा मिलना चाहिए, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उन्हें अपने जीवन को फिर से बनाने में हर संभव सहायता मिले। यह घटना मानवीय संवेदना और सामुदायिक एकजुटता का भी परिचय देती है, जहां ग्रामीणों ने अपनी क्षमता के अनुसार आग बुझाने और पीड़ित परिवार की मदद करने का प्रयास किया। हालांकि, एक सुव्यवस्थित और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र की कमी ने नुकसान को और बढ़ा दिया, जो भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।