Priya Saroj: मछलीशहर से नवनिर्वाचित सांसद प्रिया सरोज की पहली संसद यात्रा, जानें- युवाओं को लेकर क्या कहा

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: मछलीशहर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की नवनिर्वाचित सांसद प्रिया सरोज (Priya Saroj) सोमवार को पहली बार संसद भवन पहुंचीं। इस अवसर पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि युवा आगे आ रहे हैं। मुझे लगता है कि जितना अधिक युवा आगे आएंगे, देश उतनी ही तेजी से विकास करेगा।”

प्रिया सरोज की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक युवा और प्रतिबद्ध व्यक्ति राजनीति में प्रवेश कर सकता है और समाज के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकता है। उनकी उपलब्धि ने उन्हें न केवल उनके क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई है। देश के सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त करने वाली प्रिया सरोज आने वाले समय में और भी ऊंचाइयों को छूने की संभावना रखती हैं।

डिंपल यादव के साथ दिखी प्रिया सरोज

आज सुबह अखिलेश यादव, डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के सभी सांसद भारत के संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचें। सभी 37 सांसदों के साथ में संविधान की प्रति  थी। मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज डिंपल यादव के साथ नजर आई। दोनों आपस में बात करते हुए आगे बढ़ रही थी। ग्रुप फोटो को दौरान भी प्रिया सरोज से डिंपल कुछ कहते हुए दिखाई दी।

यूपी की सबसे गरीब सांसद

प्रिया सरोज उत्तर प्रदेश की सबसे गरीब सांसद मानी जा रही हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में चुने गए देश के सबसे युवा सांसदों में से एक, प्रिया सरोज, पुष्पेंद्र सरोज, संजना जाटव, और प्रियंका सिंह की कतार में शामिल हैं।

शिक्षा और करियर

प्रिया सरोज ने दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद, 2022 में उन्होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में वह सुप्रीम कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस कर रही हैं। प्रिया ने बताया कि वह शुरू से ही अपने पिता के साथ राजनीति में सक्रिय रहीं हैं और उनका बचपन से ही सांसद बनने का सपना था।

बचपन का ख्वाब था सांसद बनना

प्रिया सरोज का कहना है कि राजनीति में आकर जन सेवा करना उनका बचपन का ख्वाब था, जो अब साल 2024 में पूरा हो गया। उन्होंने अपने पिता को तीन बार सांसद और एक बार विधायक बनते देखा है। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर प्रिया ने जनता की सेवा करने का निश्चय किया। उनके पिता के सांसद होने की वजह से उनका बचपन सांसद आवास दिल्ली में ही बीता और वहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी की। राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने जानबूझकर एलएलबी की, ताकि कानून की अच्छी समझ हो सके।

चुनावी मुद्दे और सफलता

प्रिया सरोज ने अपने चुनाव अभियान में धर्म की राजनीति से दूर रहते हुए युवाओं का रोजगार, पेंशन, महिला उत्थान और मूलभूत सुविधाओं के मुद्दों पर फोकस किया। उनके अनुसार, “मुझे देश में सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनने का गौरव हासिल हुआ है। मैं 25 साल 5 माह की उम्र में सांसद बनी हूं जबकि हमारी ही पार्टी के पुष्पेंद्र सरोज कौशांबी से 25 साल 3 माह की उम्र में चुनाव जीतकर देश के सबसे युवा सांसद बने हैं।”

राजनीतिक सक्रियता और उद्देश्य

प्रिया सरोज ने बताया कि उन्होंने राजनीति अपने पापा से सीखी और कभी धर्म की राजनीति नहीं की। उनका उद्देश्य है कि वह युवाओं के रोजगार, पेंशन, महिला उत्थान और मूलभूत सुविधाओं के मुद्दों पर काम करें। उनका कहना है कि जितना अधिक युवा राजनीति में आगे आएंगे, देश उतना ही तेजी से विकास करेगा।

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