तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी मामले की जांच करेगा FSSAI, जेपी नड्डा बोले- दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली/अमरावती, बीएनएम न्यूज। प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में प्रसाद लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। उन्होंने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) से मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की।

नड्डा ने बताया कि उन्हें इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इस विवाद की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की और रिपोर्ट मंत्रालय के साथ साझा करने का आग्रह किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने इस मामले में अन्य धर्मों को बढ़ावा देने के प्रयासों की भी गहन जांच की आवश्यकता बताई। उन्होंने लिखा कि यदि चर्बी का प्रयोग किया गया है, तो यह हिंदू धर्म पर बड़ा हमला है और सख्त कानून बनाने की जरूरत है।

नंदिनी ब्रांड घी की खरीद शुरू

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक से नंदिनी ब्रांड घी की खरीद शुरू की है, ताकि लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने नायडू पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का इस्तेमाल कर रहे हैं।

घरेलू लैब के न होने का फायदा उठाया

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं ने घरेलू लैब के न होने का फायदा उठाया है, जिसके कारण घी की गुणवत्ता में गिरावट आई है। सीएम नायडू ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चार ट्रक घी की आपूर्ति रोक दी गई है और जांच के लिए नमूने भेजे गए थे।

सनातन धर्म रक्षण बोर्ड गठित की आवश्यकता

एआर डेरी, जो मंदिर को घी की आपूर्ति कर रही थी, ने कहा कि उन्होंने केवल जून और जुलाई में आपूर्ति की थी और उनके उत्पाद की गुणवत्ता प्रमाणित की गई है। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मंदिरों और उनकी प्रथाओं के अपमान के मामलों पर एक ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ गठित करने की आवश्यकता जताई है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने इस मामले को बड़ा घोटाला बताते हुए आरोप लगाया कि लड्डू बनाने में करोड़ों का राजस्व शामिल है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले पर 25 सितंबर को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।

 

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