Prayagraj Sangam: घने कोहरे के बीच पौष पूर्णिमा का गंगा स्नान, संगम पर श्रद्धालुओं का रेला

पौष मूर्णिमा पर प्रयागराज संगम में स्तान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़

प्रयागराज, BNM News: पौष पूर्णिमा पर स्नान दान का विशेष महत्व है। कहते हैं कि पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। हिन्दू धर्म में इस पूर्णिमा को काफी महत्व दिया जाता है। इस दिन पूजा-उपासना से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी फल की प्राप्ति के लिए श्रद्धालु  संगम (माघ मेला) स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। रात से ही छाए घने कोहरे के बावजूद संगम और माघ मेले का समूचा क्षेत्र स्नानार्थियों से भर गया। हर हर गंगे, के घोष के साथ स्नान करने को लोगों का उत्साह हिलोरें मारने लगा ब्रम्ह मुहूर्त में यानी भोर करीब चार बजे से स्नानार्थियों ने गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के जल में स्नान शुरू कर दिया। संगम नोज पर छह बजे तक इतनी भीड़ पहुंच गई कि माइक से एनाउंस करके यह कहा जाने लगा कि पुलिस कर्मी घाट को जल्दी जल्दी खाली कराएं। घाट पर कोई भी देर तक न रुके। सुबह साढ़े आठ बजे तक संगम से लेकर किला घाट तक करीब दो लाख से अधिक लोगों के स्नान कर लेने का अनुमान लगाया गया। दृश्यता कुछ बढ़ने के साथ संगम पर भीड़ भी बढ़ने लगी है।

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पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास भी शुरू हो गया है इसलिए संगम पर स्नानार्थियों की संख्या मकर संक्रांति से भी अधिक रही। लगभग सभी प्रवेश द्वारों से श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंचे। उधर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी संगम नोज का लगातार भ्रमण करते रहे। पुलिस कर्मियों, सिविल डिफेंस के वालेंटियर, जिला अपराध निरोधक समिति के वालेंटियर भी टोलियों में संगम नोज पर डटे रहे और सीटियां बजाते लोगों को सचेत करते रहे। वहीं, जल पुलिस के जवान पानी मे जेटी पर तैनात रह कर स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिये उन्हें गहरे पानी की तरफ जाने से रोकते रहे।

डीआईजी राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि पौष पूर्णिमा का पर्व है और माघ मेला भी शुरू हो गया है। श्रद्धालु पावन स्नान कर रहे हैं। सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस द्वारा निगरानी की जा रही है। सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जा रही है। आवश्यकता के अनुसार ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाएगा। महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।

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पौष पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा के दिन उदया तिथि में स्नान-दान करने का बड़ा महत्व माना गया है। इस दिन सूर्यदेव के साथ चंद्रदेव की भी पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और धर्म-कर्म के कार्यों को करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है। पौष मास में तीर्थ स्नान का भी बहुत महत्व माना गया है।

पौष पुर्मिमा पर मिलते हैं ये लाभ

पौष पूर्णिमा के दिन यदि आप व्रत कर रहे हैं, तो आपको प्रातःकाल उठकर नदी आदि में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति पौष पूर्णिमा के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

करें ये काम

पौष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और पवित्र नदी या अपने आसपास किसी नदी में भगवान का ध्यान करते हुए स्नान आदि करना चाहिए। जो साधक पूरे माघ मास के लिए स्नान का संकल्प करते हैं, वह अपने स्नान का प्रारम्भ पौष पूर्णिमा से शुरू कर देते हैं, जो माघी पूर्णिमा तक चलता है। ऐसे में पौष पूर्णिमा के दिन ही माघ स्नान का संकल्प ले लेना चाहिए। इसके साथ ही अपने सामर्थ्य अनुसार, गरीबों और जरूरतमंदों को दान आदि भी करना चाहिए।

 

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