इजरायल के ड्रोन हमले में हमास नेता सालेह अल-अरौरी की मौत, उस पर 40 करोड़ का था इनाम
बेरूत, एजेंसी। लेबनान की राजधानी बेरूत के उपनगर दाहिया में मंगलवार शाम इजरायली ड्रोन हमले में हमास का वरिष्ठ नेता सालेह अल-अरौरी मारा गया। अरौरी की गिनती हमास की सैन्य शाखा के संस्थापकों में से एक में होती थी और उसने वेस्ट बैंग में समूह का नेतृत्व किया था। सालेह अल अरौरी कई साल तक इजराइल में वांटेड भी रह चुका था। बताया जा रहा है कि अल अरौरी पर 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम भी था। लेबनान की सरकारी नेशनल न्यूज एजेंसी के अनुसार हमले में कुल चार लोग मारे गए हैं। सालेह के मारे जाने की सूचना हमास के अक्सा रेडियो ने भी दी है। इजराइल हमास जंग शुरू होने से पहले सात अक्टूबर को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अरौरी की जान लेने की धमकी दी थी। अरौरी फिलहाल लेबनान में रह रहा था।
एक अन्य हमले में हिजबुल्ला के चार लड़ाके मारे गए
इजरायल के दक्षिणी लेबनान के काफिर कला पर एक अन्य हमले में हिजबुल्ला के चार लड़ाके मारे गए हैं। हिजबुल्ला ने अपने चार लोगों के मारे जाने की सूचना दी है। गाजा में इजरायली हमले के विरोध में हिजबुल्ला आठ अक्टूबर से इजरायल पर हमले कर रहा है। इजरायल भी इन हमलों का जवाब दे रहा है। इसी के साथ गोलान पहाड़ियों पर सीरिया से हुए राकेट हमलों के जवाब में इजरायल ने सोमवार रात सीरिया में हवाई हमले किए। इजरायली सेना ने बताया है कि उसके लड़ाकू विमानों ने दमिश्क के नजदीक स्थित ठिकानों को निशाना बनाया है।
कई बड़ी घटनाओं का मास्टर माइंड था आरौरी
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया अधिकारियों का मानना है कि अल अरौरी ने जून 2014 में तीन इजराइली किशोरों गिल अद शाह, इयाल यिफराच और नफ्ताली फ्रेंकेल के अपहरण और हत्या के साथ-साथ कई और मामलों में साजिश रची थी।
7 अक्टूबर को हमले के बारे में पहले से पता था
ऐसा माना जाता है कि अरौरी को 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए हमले के बारे में पहले से पता था। अरौरी को उस समय निशाना बनाया गया जब बेरूत में फिलिस्तीनी गुट की बैठक में शामिल होने के लिए जा रहा था, तभी उसकी कार पर ड्रोन से हमला हुआ और उसकी मौत हो गई।