हरियाणा चुनाव में ईवीएम हैकिंग के आरोपों पर भाजपा ने किया पलटवार, कांग्रेस को दी ‘दिमागी इलाज’ की सलाह
नरेन्द्र सहारण , चंडीगढ़: Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में 14 सीटों पर ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाकर कांग्रेस ने एक बार फिर सियासी हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान के इन आरोपों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली सहित अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर झूठ बोलने और हार छिपाने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया है।
उदयभान के आरोपों से शुरू हुआ विवाद
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने दावा किया है कि आठ अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को एक मोबाइल संदेश मिला था, जिसमें बताया गया था कि कांग्रेस 14 सीटें हारने वाली है। उदयभान का कहना है कि यह संदेश इस बात का प्रमाण है कि चुनाव में गड़बड़ी हुई और ईवीएम हैकिंग की गई।
कांग्रेस के इस दावे के बाद भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस आरोप को नकारते हुए कहा, “कांग्रेस को हार पचाने में मुश्किल हो रही है। यदि प्रदेश प्रभारी को पहले से ही ऐसा संदेश मिला था, तो संभव है कि वह बीमार होने पर किसी परिजन के माध्यम से यह संदेश भेज रहे हों। कांग्रेस का पूरा आधार झूठ पर टिका हुआ है।”
भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया
मोहन लाल बड़ौली ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को अपने दिमाग का इलाज करवाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन 37 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस जीती है, क्या वहां ईवीएम ठीक थीं? “यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकरा किसी न किसी पर फोड़ने की रणनीति के तहत काम कर रही है। जिस दिन एग्जिट पोल आए थे, उसी दिन हमने कहा था कि जनता जवाब देगी और कांग्रेस फिर से ईवीएम का रोना रोएगी। आज वही हो रहा है,” उन्होंने कहा।
भाजपा मंत्रियों का प्रहार
परिवहन मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी आदत है कि जब भी वह हारती है, तो ईवीएम को दोष देती है। विज ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस की झूठ बोलने की यूनिवर्सिटी में यह एक चैप्टर है। हर हार के बाद ईवीएम को दोष देना उनका सिलेबस बन चुका है।”
कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने भी कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए सवाल किया कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थीं। उन्होंने कहा, “क्या उस समय भी ईवीएम खराब थी? और अब जब कांग्रेस 37 विधानसभा सीटें जीत चुकी है, तो क्या इन क्षेत्रों में भी ईवीएम खराब थी? बेहतर होगा कि कांग्रेस इस तरह के आरोप लगाने के बजाय अपनी पार्टी को संभालने पर ध्यान दे।”
ईवीएम पर सवाल और भाजपा का जवाब
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता का सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने यह दावा किया था कि जिन क्षेत्रों में ईवीएम की बैटरी 90 प्रतिशत से अधिक चार्ज थी, वहां कांग्रेस प्रत्याशी हार गए। हालांकि, भाजपा ने इस तर्क को खारिज कर दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि हार-जीत ईवीएम से तय नहीं होती, बल्कि जनता के निर्णय से होती है।
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व को नकार दिया है। परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा, “कांग्रेस को हरियाणा की जनता ने नकार दिया है, लेकिन वे हार स्वीकार करने के बजाय बहाने ढूंढ रहे हैं।”
लोकसभा और विधानसभा के नतीजों पर सवाल
भाजपा ने कांग्रेस के दावों की खामियों को उजागर करते हुए कहा कि अगर ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी, तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा में पांच सीटें कैसे जीतीं? भाजपा नेताओं ने सवाल किया कि अगर विधानसभा चुनाव में ईवीएम खराब थीं, तो क्या लोकसभा चुनाव में ईवीएम अलग थीं?
भविष्य की राजनीति पर प्रभाव
भाजपा के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस का यह रवैया उनकी साख को और नुकसान पहुंचा सकता है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली ने कहा, “कांग्रेस को चाहिए कि वह अपनी हार की समीक्षा करे और जनता के फैसले का सम्मान करे। हर बार चुनाव हारने के बाद ईवीएम को दोष देना कांग्रेस के लिए आत्मघाती सिद्ध हो सकता है।”
सियासी माहौल गरमाया
कांग्रेस और भाजपा के बीच ईवीएम को लेकर छिड़ा यह विवाद हरियाणा की राजनीति में नई बहस को जन्म दे रहा है। जहां कांग्रेस अपने आरोपों पर अड़ी हुई है, वहीं भाजपा इसे महज हार का बहाना बता रही है।
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