Haryana CM : अमित शाह की मौजूदगी में होगा हरियाणा के मुख्यमंत्री का चयन, राव इंद्रजीत व अनिल विज की दावेदारी होगी खारिज
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana CM: भारतीय जनता पार्टी के संसदीय दल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। ऐसा पहली बार होगा, जब शाह किसी राज्य में पर्यवेक्षक बनकर पहुंच रहे हैं। इसका आशय माना जा रहा है कि राज्य में सब कुछ ठीक नहीं है। पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बीते दिनों जिस तरह मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की है, उससे हाईकमान सतर्क हो गया है। उसे लगता है कि विधायक दल की बैठक में विज और राव इंद्रजीत के समर्थक विधायक कुछ गड़बड़ कर सकते हैं, जिन्हें सिर्फ अमित शाह ही काबू कर पाएंगे।
पार्टी के सामने नया संकट खड़ा कर दिया
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा को लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला है। 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 48 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से दो अधिक हैं। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन किया है, जिससे उसके पास 51 विधायक हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं। 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का दायित्व ग्रहण समारोह है, जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। इससे एक दिन पूर्व 16 अक्टूबर को भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाना है। चुनाव से पहले ही भाजपा ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था। उनके नाम को लेकर कोई संशय नहीं था, लेकिन अंबाला छावनी से सातवीं बार विधायक चुने गए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जताकर पार्टी के सामने नया संकट खड़ा कर दिया था। आरंभ में विज की दावेदारी को चुनाव जीतने की रणनीति से जोड़कर देखा गया, लेकिन चुनाव बाद भी जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताई तो पार्टी ने गंभीरता से लिया।
सीएम की दावेदारी ठोंक रहे राव इंद्रजीत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की दूसरी परेशानी केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने बढ़ाई है, जिनकी निगाह लंबे समय से मुख्यमंत्री के पद पर टिकी हुई है। जब भी मौका मिलता है, वह मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी करना नहीं छोड़ते। अहीरवाल में राव इंद्रजीत भाजपा का बड़ा नाम है। राव दो बार महेंद्रगढ़ और चार बार गुरुग्राम से सांसद बने हैं। इस बार उनकी बेटी आरती राव अटेली से विधायक चुनी गई हैं। राव की पसंद से भाजपा ने आठ टिकट दिए हैं, जिनमें सभी चुनाव जीतकर आए हैं। महेंद्रगढ़ के एक अन्य विधायक कंवर सिंह यादव भी राव की शरण में चले गए हैं। भाजपा ने अहीरवाल बेल्ट में 11 में से 10 सीटें जीती हैं। इनमें नौ विधायकों की राव ने दो दिन पहले परेड कराकर हाईकमान को संदेश देने की कोशिश की है कि उन्हें हलके में नहीं लिया जाना चाहिए। राव की सक्रियता को बेटी आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराने की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
राव इंद्रजीत ने दी सफाई
शनिवार को राव इंद्रजीत ने एक्स पर पोस्ट कर सफाई दी है कि उन्हें नौ विधायकों के साथ अलग गुट के रूप में पेश किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। वह पार्टी के मजबूत सिपाही हैं। राव के स्पष्टीकरण के बावजूद भाजपा का शीर्ष कोई खतरा उठाने के मूड में नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, साढ़े नौ वर्ष तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया तो उन्होंने शाह को पर्यवेक्षक बनाकर हरियाणा भेज दिया। पार्टी का मानना है कि शाह के सामने कोई पार्टी लाइन के खिलाफ जाने का साहस नहीं कर सकता।
प्रल्हाद जोशी और तरुण चुघ होंगे जम्मू-कश्मीर के लिए पर्यवेक्षक
वहीं भाजपा संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और पार्टी महासचिव तरुण चुघ को जम्मू-कश्मीर में विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने यह जानकारी दी।
नेशनल कान्फ्रेंस 42 सीटें जीतकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। 90 सदस्यीय सदन में उसके पास स्पष्ट बहुमत है, क्योंकि उसके गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और माकपा ने क्रमशः छह और एक सीट जीती है। भाजपा को इस केंद्र शासित प्रदेश में 29 सीटें मिली हैं, जो उसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। आम आदमी पार्टी भी अपना खाता खोलने में कामयाब रही और उसे डोडा विधानसभा सीट पर जीत मिली।
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