Haryana Politics: हरियाणा कांग्रेस का EVM पर बड़ा खुलासा: प्रदेश अध्यक्ष बोले-14 सीटों की ईवीएम हुई हैक; 8 अक्टूबर को बाबरिया को आया था मैसेज
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने बुधवार को दावा किया कि ईवीएम को हैक किया गया, जिसके कारण पार्टी को 14 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणामों से पहले ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को एक मोबाइल संदेश मिला था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कांग्रेस इन 14 सीटों पर हारने वाली है। चुनाव परिणाम आने पर इन सभी सीटों पर पार्टी की हार हुई, जिससे कांग्रेस के आरोपों को बल मिला है।
चुनाव परिणाम से पहले मोबाइल संदेश
चौधरी उदयभान ने कहा कि 8 अक्टूबर को सुबह साढ़े सात बजे, मतगणना शुरू होने से पहले, दीपक बाबरिया के मोबाइल पर तीन संदेश आए। इन संदेशों में दावा किया गया कि भाजपा ने ईवीएम को हैक कर लिया है और कांग्रेस 14 सीटों पर हारने वाली है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने पर ठीक वही हुआ, जो संदेश में लिखा था।
हालांकि, उदयभान ने बताया कि इन संदेशों की जानकारी उन्हें 9 अक्टूबर को मिली, क्योंकि दीपक बाबरिया उस समय बीमार थे और संदेश तुरंत कांग्रेस नेतृत्व को नहीं दिखा पाए। उदयभान ने दावा किया कि अगर यह जानकारी समय पर मिल जाती, तो पार्टी चुनावी नतीजों से पहले ही इस मामले का भंडाफोड़ कर सकती थी।
ईवीएम पर कांग्रेस के आरोप
चौधरी उदयभान ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिससे कांग्रेस को हराया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहा था और सरकार के इशारे पर काम कर रहा था। उदयभान ने कहा, “हमने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन हमें वहां से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की उम्मीद नहीं है। इसलिए अब हम हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।” कांग्रेस नेताओं ने बताया कि उनकी पार्टी जल्द ही ईवीएम की बैटरी, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और चुनावी अनियमितताओं को लेकर अदालत में याचिका दायर करेगी।
जिन सीटों पर हार का दावा किया गया
उदयभान ने कहा कि जिन 14 सीटों पर कांग्रेस की हार का दावा किया गया था, उनमें कालका, खरखौदा, असंध, राई, सफीदों, उचाना कलां, बाढ़ड़ा, दादरी, महेंद्रगढ़, होडल, बड़खल, गोहाना, नरवाना और खरखौदा शामिल हैं। मोबाइल संदेश में यह भी बताया गया था कि भाजपा को 46 से 49 सीटें, कांग्रेस को 36 से 38 सीटें, इनेलो को दो से तीन सीटें और अन्य को तीन से चार सीटें मिलेंगी। चुनाव परिणाम के बाद आंकड़े लगभग इसी तरह के निकले, जो ईवीएम हैकिंग के आरोपों को और मजबूती देते हैं।
संदेश भेजने वाले का नाम उजागर नहीं किया
उदयभान ने बताया कि संदेश भेजने वाले व्यक्ति को दीपक बाबरिया जानते हैं, लेकिन उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बाबरिया को आशंका है कि अगर वह उस व्यक्ति का नाम बताएंगे, तो उसकी हत्या हो सकती है। इसलिए, उस व्यक्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसका नाम छिपाया जा रहा है।
चुनाव आयोग और सरकारी मशीनरी पर सवाल
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उदयभान ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा था और निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके भाजपा ने यह चुनाव जीता है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान ईवीएम के आंकड़ों में हेरफेर की गई थी।
कांग्रेस का अगला कदम
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले को अदालत में ले जाएगी। पार्टी जल्द ही हाई कोर्ट में याचिका दायर करेगी, जिसमें ईवीएम हैकिंग, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और अन्य चुनावी अनियमितताओं की जांच की मांग की जाएगी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह मामला न केवल पार्टी की हार का सवाल है, बल्कि देश में लोकतंत्र की साख और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया की रक्षा का भी मुद्दा है।
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि हार से बौखलाई कांग्रेस अब अनर्गल आरोप लगा रही है। भाजपा ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष है और कांग्रेस को इस तरह के आरोप लगाने से पहले तथ्यों के साथ बात करनी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस का ईवीएम हैकिंग का आरोप गंभीर है, लेकिन इसे साबित करना कठिन हो सकता है। यदि कांग्रेस इस मामले को अदालत में ले जाती है और पर्याप्त सबूत पेश करती है, तो यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कांग्रेस को अपनी हार के अन्य कारणों की भी समीक्षा करनी चाहिए, जैसे संगठन की कमजोरियां, उम्मीदवारों का चयन और चुनाव प्रचार की रणनीति।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी ने ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाते हुए इसे भाजपा की साजिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है, इसलिए अब वे अदालत का सहारा लेंगे। कांग्रेस के इन आरोपों ने हरियाणा की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना यह है कि अदालत इस मामले में क्या फैसला करती है और क्या कांग्रेस अपने आरोपों को साबित कर पाती है।
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