Haryana Congress: विधायक दल के नेता और अध्यक्ष के लिए हरियाणा कांग्रेस में दोनों खेमों में जबरदस्त खींचतान

Bhupendra Hooda Kumari Selja

भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा।

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Congress: हरियाणा की राजनीति में संभावनाओं का खेल कब हकीकत बन जाए, कहना मुश्किल है। विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की हालिया बैठक में कांग्रेस की तरफ से एक अप्रत्याशित कदम देखने को मिला, जिसने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जगह झज्जर की विधायक गीता भुक्कल की मौजूदगी से सियासी कयासों का बाजार गर्म हो गया है। माना जा रहा है कि गीता भुक्कल को कांग्रेस विधायक दल की नई नेता बनाने की तैयारी हो रही है। साथ ही, थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा का नाम हरियाणा कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उभर रहा है।

गीता भुक्कल और अशोक अरोड़ा का बढ़ता कद

गीता भुक्कल और अशोक अरोड़ा, दोनों ही दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री हैं। उनकी गिनती भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी और भरोसेमंद साथियों में होती है। कांग्रेस के भीतर इन दोनों नेताओं को विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा, बेरी के विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर डॉ. रघुबीर कादियान का नाम भी दावेदारों में शामिल है। हालांकि, उनकी दावेदारी को लेकर अभी चर्चाएं उतनी जोर नहीं पकड़ पाई हैं।

सैलजा खेमे की रणनीति और दावेदारी

दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा का खेमा भी सक्रिय है। इस गुट की ओर से विधायक दल के नेता के रूप में पंचकूला के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम उछाला जा रहा है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए असंध से चुनाव हार चुके पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी का नाम भी चर्चा में है। सैलजा स्वयं भी प्रदेश अध्यक्ष पद की एक मजबूत दावेदार हैं और कांग्रेस के आंतरिक समीकरणों में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में कांग्रेस द्वारा गीता भुक्कल को भेजने का मतलब साफ दिखाई देता है। यह संकेत है कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने के मूड में है। यह कदम केवल एक औपचारिक उपस्थिति नहीं बल्कि संभावित राजनीतिक बदलाव की ओर इशारा कर रहा है, जिसे पार्टी नेतृत्व गंभीरता से देख रहा है।

सैलजा बनाम हुड्डा: गुटबाजी और संघर्ष

 

हरियाणा कांग्रेस में इस समय सबसे बड़ी सियासी जंग भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के खेमों के बीच है। दोनों नेताओं के बीच की यह प्रतिद्वंद्विता दो महत्वपूर्ण पदों को लेकर है-  कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष। पार्टी के प्रभारी दीपक बाबरिया ने पहले ही पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, जिसे हाईकमान ने गंभीरता से लिया। इस स्थिति में जितेंद्र बघेल को सह प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इस परिस्थिति में हुड्डा और सैलजा अपने-अपने खेमों की गोटियां बिछाने में लगे हुए हैं। कुमारी सैलजा के समर्थकों को उम्मीद है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद पर दोबारा जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा, चर्चाएं यह भी हैं कि उन्हें केसी वेणुगोपाल की जगह पार्टी के शीर्ष संगठन में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। हालांकि, भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों को यह बात कतई मंजूर नहीं है कि सैलजा को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाए।

उदयभान को बनाए रखना हुड्डा की प्राथमिकता

हुड्डा गुट का उद्देश्य साफ है। वे किसी भी सूरत में चौधरी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए रखना चाहते हैं। यदि सैलजा प्रदेश अध्यक्ष बनती हैं, तो यह हुड्डा खेमे के लिए एक बड़ा झटका होगा। जरूरत पड़ने पर हुड्डा समर्थक अशोक अरोड़ा को प्रदेश अध्यक्ष बनवाने की भी पूरी कोशिश करेंगे। हुड्डा समर्थकों का तर्क है कि 37 कांग्रेस विधायकों में से 33 विधायक उनके पक्ष में हैं। ऐसे में सैलजा के खेमे के महज चार समर्थकों के आधार पर किसी नेता को विधायक दल का प्रमुख बनाना तर्कसंगत नहीं होगा।

कांग्रेस हाईकमान के सामने चुनौती यह है कि वह सैलजा और हुड्डा खेमों के बीच संतुलन कैसे बनाए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाए रखना उनके खेमे के लिए सम्मान की बात होगी। यदि ऐसा नहीं होता, तो गीता भुक्कल को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। गीता भुक्कल का नाम इसलिए भी मजबूत है क्योंकि उनकी निष्ठा हुड्डा के प्रति है और वे पार्टी के भीतर अच्छी पकड़ रखती हैं।

हाईकमान का निर्णय और आगे की राह

हरियाणा कांग्रेस के लिए यह समय बदलाव और अनिश्चितता का है। दोनों खेमों के बीच गहराई तक फैला यह संघर्ष पार्टी के भविष्य की दिशा तय करेगा। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व अब एक सटीक और संतुलित निर्णय लेना चाहेगा ताकि आंतरिक विवादों से निपटा जा सके।

वर्तमान में, सभी की नजरें कांग्रेस हाईकमान पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे नई जिम्मेदारी सौंपती है और यह फैसला प्रदेश की राजनीति में क्या बदलाव लाता है।

 

यह भी पढ़ेंः ढाई लाख लेकर शादी की, सुहागरात की सेज पर पति को दिया टका जवाब… फिर कर दिया कारनामा

यह भी पढ़ेंः Sapna Choudhary: दूसरी बार मां बनीं सपना चौधरी, नामकरण में जुटे हजारों लोग, नन्हे बेटे का रखा ये नाम

VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed