हार पर हो रहा मंथन: हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की तैयारी; हाईकमान नाराज, गिरेगी कई नेताओं पर गाज

नरेन्द्र सहारण, नई दिल्ली/चंडीगढ़: Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान राज्य के नेतृत्व से बेहद नाराज है और बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हार के लिए जिम्मेदार नेताओं को जल्द साइडलाइन किया जा सकता है। इस कड़ी में सबसे पहले प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को हटाने की संभावना है, जबकि हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की भी छुट्टी तय मानी जा रही है। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष पद पर किसी गैर-जाट नेता को लाने की योजना है।

नेतृत्व में बदलाव की आहट

 

चुनावी हार के कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दो बैठकें की हैं। इन बैठकों में सामने आया है कि पार्टी की अंदरूनी खेमेबाजी और नेताओं के निजी स्वार्थ चुनावी हार के प्रमुख कारण रहे हैं। राहुल गांधी इस बात से काफी नाराज हैं, और इसी के चलते हार के कारणों की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। पार्टी हाईकमान ने पहले ही प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, और प्रभारी दीपक बाबरिया को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, हुड्डा विरोधी खेमा, जिसमें कुमारी सैलजा और कैप्टन अजय यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं, भी इन्हीं नेताओं पर खुलकर निशाना साध रहा है और बदलाव की मांग कर रहा है।

नए नेतृत्व की तलाश

 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को हटाकर एक नए चेहरे को नियुक्त कर सकती है। उदयभान, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं, अन्य धड़ों को साधने में विफल रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अब एक ऐसे व्यक्ति की तलाश की जा रही है, जो सभी धड़ों को साथ लेकर चल सके और विवाद से परे हो। इस दौड़ में सबसे आगे अंबाला के सांसद वरुण चौधरी का नाम है। चौधरी एक दलित चेहरा होने के साथ-साथ युवा और उच्च शिक्षित हैं, और प्रदेश के मुद्दों पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा, उनके प्रति कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों का समर्थन भी है।

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गैर-जाट नेता की तलाश

कांग्रेस अब विधायक दल के नेता के रूप में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है। पिछली बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस पद पर थे, लेकिन इस बार उनके विरोधी खेमे ने खुलकर विरोध जताया है। विधानसभा चुनाव में जाट बनाम गैर-जाट समीकरणों का खामियाजा भुगतने के बाद, कांग्रेस इस बार किसी गैर-जाट नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है। इस पद के लिए थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। अरोड़ा पहले इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं, और गैर-जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।

फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद होगा फैसला

चुनावी हार के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी हरियाणा के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद ही कांग्रेस हाईकमान हरियाणा के नेताओं के साथ एक बैठक करेगा, ताकि असली मुद्दों पर चर्चा हो सके और हार के लिए जिम्मेदार नेताओं की जवाबदेही तय की जा सके। आने वाले दिनों में हरियाणा कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो पार्टी की भविष्य की रणनीति को नए सिरे से तय करेंगे।

तिवारी बोले- 20 सीटों पर दोबारा मतगणना हो

वहीं चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘कांग्रेस को जानबूझकर 20 सीटों पर हराया गया है। पहले पार्टी इन सीटों पर आगे चल रही थी। बाद में इन सीटों पर काउंटिंग प्रोसेस धीमा हो गया। इससे शक पैदा हुआ। चुनाव निष्पक्ष के साथ-साथ पारदर्शी भी होना चाहिए। उनकी मांग है कि 20 सीटों पर दोबारा गिनती कराई जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवालों को खत्म किया जा सके।’

 

 

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