हरियाणा सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में किया संशोधन, जानें इससे किसे मिलेगा लाभ
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। खेतों में फसल पककर तैयार होने के बावजूद मंडी में इसे बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण न हो पाने के मामले में हरियाणा सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन कर दिया है। सरकार के अनुसार अब जमीन मालिक की सहमति से खेती करने वाले किसान को ओटीपी जारी किया जाएगा। किसी भी विवाद में सक्षम प्राधिकारी द्वारा उचित निर्णय लिया जाएगा। सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
किसानों द्वारा दायर याचिका का किया गया निपटारा
कोर्ट ने साफ कर दिया कि याची पक्ष ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन को चुनौती नहीं दी थी, लेकिन कोर्ट उनके किसी कानूनी अधिकार को नहीं रोकता, अगर वह चाहे तो कानून के अनुसार किसी नीति को चुनौती दे सकते हैं। हाई कोर्ट ने यह आदेश दर्जनों किसानों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिया। याचिका दाखिल करते हुए कुरुक्षेत्र निवासी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और अन्यों ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रदेश में किसानों को फसल मंडी में बेचने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे किसान हैं जो पंचायत की भूमि या अन्य जमीन पर खेती करते हैं।
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पंचायत या जमीन मालिक के पास आता है ओटीपी
भूमि का मालिकाना हक पंचायतों के पास या अन्यों के पास होने के चलते ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर पंजीकरण के लिए ओटीपी पंचायत या जमीन मालिक के पास आता है। अधिकतर मामलों में किसानों को ओटीपी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है, जिसके चलते किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। यदि समय से मंडी में फसल नहीं बिक पाए तो उनका बहुत अधिक नुकसान हो जाएगा। ऐसे में किसानों को ओटीपी उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आदेश जारी किया जाए।
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