Haryana News: पूर्व ओलिंपियन ममता खरब को एएसपी पदनामित करने पर हरियाणा सरकार करे विचार, हाई कोर्ट ने दिया आदेश
नरेन्द्र खरब, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana Highcourt) ने हरियाणा की गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर पूर्व हाकी ओलिंपियन खिलाड़ी ममता खरब (Former Olympian Mamta Kharab) की हरियाणा पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर पदनामित करने संबंधी याचिका पर हरियाणा गृह विभाग को निर्णय लेने का निर्देश दिया है। भारतीय महिला हाकी टीम की पूर्व कप्तान एवं अर्जुन पुरस्कार विजेता ममता खरब के अनुसार उन्हें वर्ष 2007 में खेल कोटे के तहत हरियाणा पुलिस में डीएसपी नियुक्त किया गया था और एएसपी के पद पर पदोन्नति में उनकी अनदेखी की गई है। आपको बता दें कि ममता खरब को 2002 राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्णिम गोल के लिए जाना जाता है, जिसने भारत को खेलों में स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की थी।
सरकार ने एएसपी के पद पर नामित नहीं किया
ममता खरब ने दावा किया है कि हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) अधिकारी होने के नाते उन्हें 10 वर्ष की सेवा पूरी करने पर एएसपी के पद पर पुनः पदनामित किया जाना था, लेकिन राज्य सरकार ने एएसपी के पद पर पुनर्पदनामित करने में उनकी योग्यता की अनदेखी करते हुए 15 अन्य एचपीएस अधिकारियों को पुनर्पदनामित कर दिया है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार दो महीने के भीतर ममता के आवेदन पर विचार करे और यदि उसके द्वारा उठाई गई दलीलें विचारणीय पाई जाती हैं, तो सक्षम प्राधिकारी कानून के अनुसार आवश्यक राहत प्रदान करेगा। यदि सक्षम प्राधिकारी की राय है कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई दलीलें विचारणीय नहीं हैं, तो दो महीने की अवधि के भीतर उन्हें खारिज करने का आदेश पारित किया जाए।
फरीदाबाद में डीएसपी के रूप में कार्यरत
हाईकोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने ममता खरब द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। वर्तमान में फरीदाबाद में डीएसपी (राज्य अपराध शाखा) के रूप में कार्यरत खरब ने निर्देश देने की मांग की थी कि उन्हें विजय सिंह, सिद्धार्थ ढांडा, करण गोयल, संदीप कुमार, पूनम, भारती डबास, अमित दहिया, ऊषा देवी, जितेंद्र गहलावत, पुष्पा, धारणा यादव, अनिल कुमार, हितेश यादव, नूपुर बिश्नोई, पंखुड़ी कुमारी और पूजा डबास सहित 15 अन्य एचपीएस अधिकारियों के ऊपर एएसपी के रूप में फिर से नामित किया जाना चाहिए।
राज्य के अधिकारियों ने नहीं की कोई कार्रवाई
ममता खरब ने दलील दी है कि डीएसपी के रूप में सेवा में शामिल होने, प्रशिक्षण पूरा करने और पद पर स्थायी होने के मामले में वह उन सभी से वरिष्ठ है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि 28 फरवरी को उन्होंने अपनी शिकायत के संबंध में गृह विभाग को एक ज्ञापन भी भेजा था, लेकिन राज्य के अधिकारियों ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
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