Reservation for Agniveers: अग्निवीरों के आरक्षण को दस प्रतिशत बढ़ाएगी हरियाणा सरकार, लाया जाएगा प्रस्ताव

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Reservation For Agniveers: हरियाणा में अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की नीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर अग्निवीरों को राज्य पुलिस में 20 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की सिफारिश की है। यह निर्णय अग्निवीरों के प्रति सम्मान और उनकी सेवाओं की सराहना को दर्शाता है।
अग्निवीरों की पृष्ठभूमि
अग्निवीर योजना भारतीय सेना की एक पहल है, जिसके तहत युवा नागरिकों को चार साल की सेवा में शामिल किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को सेना में सेवा का अनुभव देना और उन्हें बाद में नियमित सेना में शामिल होने का अवसर प्रदान करना है। अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि के दौरान और उसके बाद कई लाभ मिलते हैं, जैसे कि सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता।
हिसाब किताब के अनुसार वर्ष 2022-23 में हरियाणा से कुल 1,830 अग्निवीरों का चयन हुआ था, जबकि वर्ष 2023-24 में 2,215 अग्निवीरों की भर्ती की गई थी। इसका मतलब है कि हरियाणा से अग्निवीरों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है।
आरक्षण में परिवर्तन
हरियाणा सरकार ने पिछले साल की एक बैठक में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। इसमें पुलिस कांस्टेबल, खनन गार्ड, वन गार्ड, जेल वार्डन, और एसपीओ के पदों पर सीधी भर्ती के लिए आरक्षण की बात कही गई थी। हालांकि, यह आरक्षण अभी तक लागू नहीं हो पाया था। अब केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा भेजे गए पत्र ने इस आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का रास्ता खोल दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने के प्रयास केवल हरियाणा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे अन्य राज्यों में भी अग्निवीर नीति पर असर पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को हुई बैठक में, जो कि पिछले साल हुई थी, अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अग्निवीरों को ग्रुप सी के पदों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह कदम अग्निवीरों के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार उनके प्रति गंभीर है और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहती है।
गृह मंत्री का पत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पत्र गौण नहीं है। इसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में वापस आ जाएगा। इसमें से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। साथ ही, श्री शाह ने उल्लेख किया है कि अग्निवीरों को समाज में लौटने के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की आवश्यकता है। उनके पत्र से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अग्निवीरों के भविष्य के प्रति गंभीर है और उन्हें योग्यताओं के अनुसार अवसर प्रदान करना चाहती है।
चुनावी वादे
याद रहे, अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने चुनावी सभाओं में यह वादा किया था कि हर अग्निवीर को पेंशन वाली नौकरी दी जाएगी। यह वादा इस बात को दर्शाता है कि अग्निवीरों के प्रति सरकार की नीतियों में आस्था और विश्वास है। ऐसे में हरियाणा की अग्निवीर नीति केवल एक राज्य का मामला नहीं रह जाएगा, बल्कि देश भर में अग्निवीरों के लिए अवसरों का द्वार खोलेगा।
अग्निवीरों का भविष्य
अग्निवीरों का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है। चार साल की सेना में सेवा के बाद, उन्हें भारतीय सेना के नियमित कैडर में भर्ती होने का अवसर मिलेगा। प्रत्येक बैच के 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनके प्रदर्शन और निर्धारित शर्तों के आधार पर यह अवसर दिया जाएगा। यह नीति यह सुनिश्चित करती है कि केवल योग्य और सक्षम अग्निवीरों को ही आगे बढ़ने का मौका मिले।
समाज में अग्निवीरों की भूमिका
अग्निवीरों का समाज में लौटने के बाद क्या भूमिका होगी, यह भी एक सवाल है। वे न केवल अपने अनुभव का लाभ उठाएंगे, बल्कि अपने साथ-साथ अपने समुदाय के अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा बनेंगे। अग्निवीरों की उपस्थिति से बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद मिलेगी, और वे समाज में रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।
सकारात्मक कदम
हरियाणा में अग्निवीरों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश सरकार की तरफ से एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल अग्निवीरों के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी मान्यता देता है। अब देखना यह है कि सरकार अग्निवीरों के लिए इस नीति को लागू करते हुए क्या कदम उठाती है। यदि इस दिशा में ठोस कार्य किया जाता है, तो यह न केवल हरियाणा के युवाओं के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।