Haryana New Cabinet: सैनी सरकार में सातों राज्य मंत्री नया चेहरा, इन क्षेत्रों को मिला ज्यादा प्रतिनिधित्व, जातीय समीकरण को ऐसे साधा गया

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana New Cabinet: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने सियासी गहमागहमी के बीच मंगलवार को कैबिनेट का विस्तार कर मंत्रिमंडल (Haryana Cabinet Expansion) पूरा कर लिया। राजभवन में आठ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें एक कैबिनेट मंत्री और सात राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शामिल हैं। बीती 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) और पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली थी। सैनी सरकार में अब छह कैबिनेट और सात राज्य मंत्री हैं। सभी कैबिनेट मंत्री पुराने हैं, ये मनोहर सरकार में भी शामिल थे। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर शपथ लेने वाले सभी नए चेहरे हैं।

लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए नायब सैनी ने मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण के साथ पार्टी के गढ़ को मजबूत करने की कवायद की है। जीटी बेल्ट से अब मुख्यमंत्री समेत पांच मंत्री हैं। मंत्री बनाने में लोकसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा है।

अब सोनीपत और रोहतक को छोड़कर सभी आठ लोकसभा क्षेत्र में कम से कम एक मंत्री जरूर है। मंत्रिमंडल में ब्राह्मण, जाट, पंजाबी, राजपूत, वैश्य, पिछड़े और अनुसूचित समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया गया है। मंत्रिमंडल में सिर्फ एक महिला को जगह मिली है। निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला भी अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। वहीं, मनोहर सरकार में मंत्री रहे अनिल विज, कमलेश ढांडा, संदीप सिंह और ओमप्रकाश यादव को सैनी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

कमल गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर संस्कृत में शपथ ली

 

राजभवन में मंगलवार शाम को शपथ लेने वालों में सबसे पहले हिसार के विधायक कमल गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर संस्कृत में शपथ ली। वह मनोहर सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे। उसके बाद फरीदाबाद के बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर शपथ ली। वह पंजाबी समुदाय से आती हैं।

इसके बाद पानीपत ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से महिपाल ढांडा, अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल, नांगल चौधरी से विधायक अभय सिंह यादव, कुरुक्षेत्र के थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, भिवानी के बवानी खेड़ा से विधायक बिशंबर वाल्मीकि और सोहना से विधायक संजय सिंह ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर शपथ ली। इससे पहले 12 मार्च को जगाधरी से विधायक कंवरपाल गुर्जर, बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा, लोहारू से विधायक जेपी दलाल, बावल से विधायक बनवारी लाल और रानिया से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं।

ऐसे साधा जातीय समीकरण

 

मंत्रिमंडल विस्तार में जाट के साथ वैश्य, पंजाबी, पिछड़ा और अनुसूचित वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। इस बार वैश्य समुदाय के दो मंत्री हैं। हिसार के कमल गुप्ता और अंबाला के असीम गोयल। इसके अलावा पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष हैं। मनोहर सरकार में दुष्यंत और बबली को मिलाकर पांच जाट विधायक थे। सैनी सरकार में इस वर्ग से दो कैबिनेट व एक राज्य मंत्री है। रणजीत सिंह चौटाला, जेपी दलाल और महिपाल ढांडा।

मनोहर लाल के हटने के बाद पार्टी ने उनकी कमी को पूरा करने के लिए पंजाबी समुदाय से सीमा त्रिखा और सुभाष सुधा को जगह मिली है। ओबीसी कोटे से सीएम सैनी के अलावा कंवरपाल गुर्जर और अभय सिंह यादव मंत्री हैं। अनुसूचित जाति से बनवारी लाल और बिशंबर वाल्मीकि को मंत्री बनाया गया है। गुर्जर व राजपूत विवाद के बाद से नाराज राजपूतों को मनाने के लिए सोहाना के विधायक संजय सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मूलचंद शर्मा ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।

बीजेपी ने क्षेत्रीय समीकरण में जीटी बेल्ट को किया मजबूत

 

जीटी बेल्ट में आने वाले शहर में भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। पार्टी ने जीटी बेल्ट को और मजबूत कर दिया है। सीएम नायब सिंह सैनी अंबाला के रहने वाले हैं और नारायणगढ़ से विधायक रह चुके हैं। अब वे करनाल से विधानसभा उपचुनाव भी लड़ेंगे। जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर कैबिनेट मंत्री हैं। इनकी हैसियत सैनी सरकार में नंबर-2 की है। अंबाला से असीम गोयल, थानेसर से सुभाष सुधा और पानीपत से महिपाल ढांडा को मंगलवार को मंत्री परिषद में शामिल किया गया है। पलवल, सोनीपत, कैथल, फतेहाबाद व जींद में भाजपा के विधायक हैं, मगर यहां से किसी को जगह नहीं मिली। एनसीआर से मूलचंद शर्मा व सीमा त्रिखा मंत्री बनी हैं। अहीरवाल से डॉ. बनवारी लाल, अभय सिंह यादव, संजय सिंह और जेपी दलाल मंत्री बनाए गए हैं। रोहतक, झज्जर, सिरसा, नूंह व चरखी दादरी में भाजपा के विधायक नहीं है।

सैनी मंत्रिमंडल में इन्हें नहीं मिली जगह

 

अनिल विज : मनोहर सरकार में सबसे वरिष्ठ और गृह व स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज, नायब सिंह सैनी को सीएम घोषित करने के बाद से नाराज हैं। बताया जाता है कि नायब सैनी के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची में उनका नाम था, लेकिन वे मंत्री नहीं बने।

संदीप सिंह : मनोहर सरकार के खेल मंत्री संदीप सिंह सबसे विवादित मंत्री थे। उन पर महिला कोच से छेड़खानी का आरोप लगा था। विपक्ष लगातार इसे मुद्दा बना रहा था। चुनाव को देखते हुए उन्हें जगह नहीं मिली।

ओमप्रकाश यादव : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश की यादव का भी रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं था। साथ ही राव इंद्रजीत से करीबी भी मंत्री न बनाए जाने का एक कारण है। पार्टी यहां नया यादव चेहरा खड़ा करना चाहती है।

कमलेश ढांडा : पूर्व महिला और बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा का एक मंत्री के तौर पर कोई खास प्रदर्शन नहीं था। उनके विधानसभा क्षेत्र से भी आई रिपोर्ट ठीक नहीं थी।

 

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