Haryana News : गेहूं बुआई पर अनुदान देगी हरियाणा सरकार, 8 जिलों के किसानों के 25 तक दिसंबर करना होगा आवेदन

नरेन्‍द्र सहारण , चंडीगढ़ : Haryana News : हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गेहूं की बुआई के लिए 3600 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान देने की घोषणा की है। यह अनुदान योजना प्रदेश के आठ जिलों में लागू होगी, और किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए 25 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत कुल 1041 एकड़ जमीन पर गेहूं की बुआई के लिए 37.48 लाख रुपये अनुदान प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना उन्नत तकनीक से अधिक उपज देने वाली गेहूं की किस्मों के प्रदर्शन प्लॉट्स पर केंद्रित है, ताकि किसानों को बेहतर फसल उत्पादन मिल सके।

कौन से जिले होंगे शामिल?

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा यह योजना विशेष रूप से आठ जिलों में लागू की जाएगी। इन जिलों में अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, मेवात, पलवल, चरखी दादरी और रोहतक शामिल हैं। सरकार ने इन जिलों में उन्नत तकनीक अपनाकर अधिक उपज देने वाली गेहूं की किस्मों के प्रदर्शन प्लॉट्स पर अनुदान देने का निर्णय लिया है।

इस योजना के तहत, किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे 25 दिसंबर तक आवेदन पूरा कर लें, ताकि अनुदान की राशि समय पर उनके बैंक खातों में भेजी जा सके।

जिला वार अनुदान विवरण

योजना के तहत, हर जिले में बुआई क्षेत्र के अनुसार अनुदान राशि निर्धारित की गई है।

जिला बुआई क्षेत्र (एकड़) अनुदान राशि (लाख रुपये)

अंबाला                     140                                              5.04
भिवानी                      170                                             6.12
हिसार                       140                                             5.04
झज्जर                       145                                              5.22
मेवात                        120                                             4.32
पलवल                      110                                              3.96
रोहतक                     110                                              3.96
चरखी दादरी             106                                              3.82
कुल                          1041                                            37.48

किसानों को लाभ कैसे मिलेगा?

 

किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए अधिकतम 2.5 एकड़ भूमि तक का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से अनुसूचित जाति, महिला किसान, और लघु एवं सीमांत किसानों को इस योजना में 20 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इसके तहत, किसानों को योजना के अंतर्गत प्रयोग होने वाली कृषि सामग्री की खरीद के लिए पंजीकरण कराना होगा।

कृषि सामग्री हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की सिफारिशों के अनुसार सरकारी, अर्ध सरकारी, सहकारी समितियों या अधिकृत विक्रेताओं से खरीदी जा सकती है। खरीद की रसीद किसानों को संबंधित कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) के पास जमा करनी होगी। कृषि विकास अधिकारी सत्यापन के बाद रसीदों को उप कृषि निदेशक के कार्यालय में भेजेगा। इसके बाद, उप कृषि निदेशक के कार्यालय से अनुदान राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

उन्नत तकनीक से होगी बेहतर फसल

 

यह योजना किसानों को आधुनिक और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। गेहूं की उन्नत किस्में अधिक उपज देने में सक्षम होती हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। सरकार का मानना है कि इस योजना से खेती की पारंपरिक विधियों में सुधार होगा और किसानों को उन्नत तकनीक से बेहतर फसल उत्पादन का अनुभव प्राप्त होगा।

आवेदन प्रक्रिया

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते हैं। आवेदन के बाद, किसानों को सभी आवश्यक दस्तावेजों और रसीदों को समय पर जमा करना होगा। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि किसानों को अनुदान की राशि बिना किसी परेशानी के मिल सके।

कृषि विभाग का यह कदम किसानों के लिए काफी सहायक साबित हो सकता है, खासकर उन किसानों के लिए जो सीमित संसाधनों के बावजूद अधिक उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि हरियाणा में कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर भी ले जाएगा।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की योजनाएं किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रति जागरूक करती हैं और उन्हें अपने खेतों में बेहतर उत्पादन करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्नत किस्मों का उपयोग करके किसान न केवल अपनी उपज बढ़ा सकते हैं, बल्कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी अपनी फसलों को बचाने में सक्षम हो सकते हैं।

हरियाणा सरकार का यह प्रयास राज्य में कृषि के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

 

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