Haryana News: किसान नेताओं को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- बच्चों को आंदोलन में बनाया जा रहा ढाल

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ः पंजाब एंव हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर चंडीगढ़ में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने जहां इस मामले में वकीलों को फटकार लगाई, वहीं तस्वीरें देखकर जज किसानों पर भी बिफर गए। सुनवाई के दौरान उस समय कोर्ट के तेवर कड़े हो गए जब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को प्रोटेस्ट करते हुए कई फोटो दिखाई। कोर्ट ने शुभकर्ण की मौत की जांच को लेकर भी अहम आदेश दिया। इस दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख होते हुए कहा कि, हाथों में तलवार लेकर शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट कौन करता है।

प्रदर्शन की फोटो देखकर हाईकोर्ट नाराज

हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान पंजाब एंव हरियाणा सरकारों को फटकार लगाई और कहा कि इस पूरे मामले में दोनों ही राज्य अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाने में नाकाम रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि किसान शुभकरण की मौत की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में होगी। 3 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। सुनवाई के दौरान उस समय कोर्ट के तेवर कड़े हो गए जब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को प्रोटेस्ट करते हुए कई फोटो दिखाई।

आप लोगों को यहां खड़े होने का अधिकार नहीं

हाईकोर्ट फोटो देख कर हाईकोर्ट किसान आंदोलनकारियों पर बड़ी टिप्पणी की। कहा की बड़े शर्म की बात है आप लोग बच्चो को आगे कर रहे हैं, कैसे माता पिता हैं। बच्चों की आड़ में प्रदर्शन और वो भी हथियारों के साथ, आप लोगों को यहां खड़े होने तक का अधिकार नहीं। हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को कहा, आप वहां कोई जंग करने जा रहे हैं? यह पंजाब का कल्चर नही। आपके नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई भेजा जाना चाहिए। आप लोग निर्दोष लोगों को आगे कर रहे हो। काफी शर्मनाक है ये, कोर्ट ने बार बार इसे शर्मनाक बताया।

हरियाणा और पंजाब सरकार ने दाखिल किया हलफनामा

गुरुवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही हरियाणा व पंजाब सरकार की ओर से किसान आंदोलन को लेकर हलफनामा दाखिल किया गया। इस दौरान हाईकोर्ट ने किसान शुभकरण की मौत के बाद एफआईआर दर्ज करने में देरी पर हरियाणा व पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्य जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने का प्रयास कर रहे हैं। राज्यों की ओर से दायर हलफनामे पर गौर करते हुए कोर्ट ने कहा कि मौत जाहिर तौर पर अत्यधिक पुलिस बल का मामला है। हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज और हरियाणा व पंजाब से एडीजीपी रैंक के एक-एक अधिकारी शामिल होंगे।

जिन बच्चों को स्कूल में होना चाहिए, वो हथियारों के साथ नजर आ रहे

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने जब विरोध स्थलों की तस्वीरें दिखाईं तो हाईकोर्ट ने किसान नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि किसानों और सरकार के बीच टकराव के चलते दोनों राज्यों के बॉर्डर पर युद्ध जैसी स्थिति है। इतनी भयानक स्थिति में बच्चों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, यह शर्मनाक है, यह पंजाब की संस्कृति तो नहीं है। जिन बच्चों को स्कूल में होना चाहिए था वो हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं, क्या किसान नेता अपने छोटे बच्चों को ऐसी स्थिति में भेजते। कोर्ट ने कहा कि तस्वीरों में लोग तलवार व अन्य तेज धार हथियारों के साथ देखे जा सकते हैं, क्या ये शांतिपूर्ण आंदोलन है।

गोलियों और छर्रों के इस्तेमाल का विवरण मांगा

इस दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि खनौरी में भारत-पाक की सरहद नहीं थी फिर किसानों पर गोलियां क्यों दागी गईं। हरियाणा सरकार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की हिंसक कार्रवाई में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और कई बार चेतावनी के बाद पहले लाठीचार्ज, फिर आंसू गैस, फिर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया लेकिन जब बात नहीं बनी तो रबड़ की गोलियां चलाई गईं। इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर किस तरह की गोलियों और छर्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उनसे इस पर विवरण देने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर मोर्चे पर हैं। मोर्चे पर बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चों के साथ पहुंच रही हैं। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के बल्लो गांव के युवक शुभकरण की पुलिस टकराव में मौत हो गई थी।

जस्टिस जय श्री ठाकुर की अध्यक्षता में काम करेगी कमेटी

हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस जय श्री ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। उनके साथ हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों व पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बन को कमेटी का हिस्सा बनाया है। जस्टिस जय श्री ठाकुर को प्रतिमाह पांच लाख रुपये का भुगतान दोनों सरकारों को बराबर हिस्से में करना होगा।

कमेटी को सौंपी यह जिम्मेदारी

कमेटी तय करेगी कि शुभकरण की मौत हरियाणा के क्षेत्राधिकार में हुई थी या पंजाब के क्षेत्र में। मौत का कारण क्या था और किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था। आंदोलनकारियों पर जिन तिथियों पर बल प्रयोग किया गया था, क्या वह परिस्थितियों के अनुरूप था या नहीं। साथ ही शुभकरण की मौत के मुआवजे को लेकर भी कमेटी फैसला लेगी।

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