शव का सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करने पर होगी 10 साल तक कैद, हरियाणा में लागू होगा नया कानून

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा में अब किसी भी व्यक्ति के शव की बेकद्री हुई तो संबंधित क्षेत्र का थानेदार शव को कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार कराएगा। माता-पिता, चाचा-ताऊ, पति-पत्नी, भाई-बहन या बेटा-बेटी सहित किसी भी रिश्तेदार को शव के साथ सड़कों पर प्रदर्शन या आंदोलन करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने पर उन्हें छह महीने से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, शव का अंतिम संस्कार नहीं करने के लिए उकसाने वालों को भी जेल काटनी पड़ेगी और एक लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक-2024 को अंतिम रूप दे दिया है। बिल को विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में पारित कराया जाएगा। इसके बाद नया कानून लागू होगा।
शव का अंतिम संस्कार करने के लिए नोटिस दिया जाएगा
विधेयक के अनुसार थानेदार और ड्यूटी मजिस्ट्रेट शव का अंतिम संस्कार उसी समुदाय या धर्म की परंपरा और रीति-रिवाज से सुनिश्चित करेंगे, जिससे मृतक संबंधित था। अगर किसी थाने के प्रभारी को आशंका होती है कि किसी शव का उपयोग परिवार के सदस्यों या रिश्तेदारों द्वारा विरोध-प्रदर्शन के लिए किया जा सकता है तो वह तुरंत शव को अपने कब्जे में लेकर इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को देगा। साथ ही शव को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए भेजना होगा। इसके बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट मृतक के परिवार के किसी सदस्य को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए नोटिस दिया जाएगा। इस दौरान शव को सड़ने से बचाने के लिए डीप फ्रीजर में रखा जाएगा।
स्वजन को अंतिम संस्कार के लिए मिलेंगे 12 घंटे
रिश्तेदारों और स्वजन को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए 12 घंटे मिलेंगे। हालांकि, स्वजन द्वारा ठोस कारण बताने पर कार्यकारी मजिस्ट्रेट शव के अंतिम संस्कार करने के लिए समय अवधि को 24 घंटे तक बढ़ा भी सकता है। इसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा शहरी स्थानीय निकाय या संबंधित ग्राम पंचायत के किसी अधिकारी या अन्य अधिकारी की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
तीन साल से 10 साल तक कैद
अगर कोई व्यक्ति शव का सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करता है तो उसे तीन साल से लेकर दस साल तक की कैद काटनी होगी। इसके अलावा एक लाख रुपये तक जुर्माना भी किया जाएगा।