Haryana News: डाइट संस्थान में 100 से अधिक लोगों को मधुमक्खियों ने काटा, 18 किलोमीटर पीछा कर झुंड पहुंचा अस्पताल

मधुमक्खी काटने से घायल हुए छात्र व अभिभावक का हाल जानते कार्यवाहक सीएमओ डॉ: गौरव भारद्वाज।

नरेन्द्र सहारण, चरखी दादरी। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव बिरहीकलां स्थित डाइट संस्थान में सोमवार को मधुमक्खियों के झुंड ने छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों पर हमला बोल दिया। मधुमक्खियों के काटने पर 100 से अधिक लोगों को एंबुलेंस और दूसरी गाड़ियों में सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान मधुमक्खियों का झुंड भी उनका पीछा करते हुए बिरहीकलां से 18 किलोमीटर दूर स्थित सिविल अस्पताल तक पहुंच गया। इससे अस्पताल परिसर में भी काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही।

100 से अधिक लोग मधुमक्खियों के हमले के शिकार

 

सोमवार को बिरहीकलां स्थित डाइट संस्थान में चरखी दादरी और भिवानी के 35 डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) संस्थानों के 1300 छात्र अध्यापकों का प्रशिक्षण शिविर था। दो दिवसीय शिविर के पहले दिन की शुरुआत के कुछ देर बाद ही मधुमक्खियों का झुंड पहुंच गया। इस दौरान संस्थान में 700 से अधिक छात्र अध्यापक, अभिभावक और शिक्षक मौजूद थे। इनमें से 100 से अधिक लोग मधुमक्खियों के हमले के शिकार हुए। देखते ही देखते आपातकालीन विभाग के सभी बेड फुल हो गए। जिनके चेहरों पर सूजन अधिक थी, उनको अस्पताल में दाखिल कराया गया। किसी को चार घंटे तो किसी को छह घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई।

परिसर के पास लगे हैं मधुमक्खियों के छत्ते

 

बिरही कलां डाइट संस्थान की दीवार से सटे सड़क किनारे लंबे-लंबे पेड़ हैं, जिनपर मधुमक्खियों ने छत्ते लगा रखे हैं। डाइट कर्मचारियों को शक है कि किसी ने इन मधुमक्खियों के छत्ते से छेड़छाड़ की होगी, जिससे इनको गुस्सा आया होगा।

दो घंटे तक सिविल अस्पताल में मचा रहा हड़कंप

 

मधुमक्खियां पीछा करते हुए सिविल अस्पताल के पुराने और नए दोनों भवनों में पहुंच गई। इसके चलते दोनों भवनों के मुख्य गेट भी बंद करने पड़े। लोग चेहरा ढंककर और इधर-उधर भागकर बचाव करते दिखे। करीब दो घंटे तक मधुमक्खियां सिविल अस्पताल परिसर में ही उड़ती रहीं। संस्थान से जुड़े किसी व्यक्ति ने कोई गड़बड़ी नहीं की है। वहीं डाइट के प्राचार्य एवं कार्यवाहक डीईओ ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे पास डीईओ का भी चार्ज है। सूचना मिलते ही मौके पर गया था। जल्द ही मुधमक्खी संबंधी समस्या का समाधान करवाने के लिए विभाग से पत्राचार किया जाएगा।

जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

सामान्य तौर पर यह अपने खाने के लिए 3 से 5 किलोमीटर दूर तक जाती हैं। हमला करने के लिए कितनी दूर जा सकती है, इसका उल्लेख किसी रिपोर्ट में नहीं है। संभव है, मधुमक्खियां गाड़ियों से चिपक कर अस्पताल पहुंची होंगी, क्योंकि ये 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से नहीं उड़ सकतीं।

एक मधुमक्खी के डंक मारते ही दूसरी मधुमक्खियां भी मान लेती हैं शत्रु

मधुमक्खी विशेषज्ञ पद्मश्री प्रो. आरसी सिहाग ने कहा कि मधुमक्खी के काटने से उसके डंक से आइसोपेंटाइल नामक एक केमिकल निकलता है। इस केमिकल की गंध से दूसरी मक्खी भी उसे अपना शत्रु मानकर हमला करती हैं। मधुमक्खी खुद हमला नहीं करती, वह अपने बचाव के लिए हमलावर होती है। यह काले रंग के कपड़े और व्यक्ति के सिर पर अधिक आक्रमण करती हैं। मधुमक्खी के काटने से सिस्टेमिट एलर्जी होती है, जिससे सांस की नली रुक जाती है। अगर बड़ी संख्या में मधुमक्खियां काट लें तो 3 से 5 मिनट में मौत हो सकती है।

 

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