हरियाणा में किसी आइएएस अधिकारी को नहीं मिलेगी सुरक्षा, जिन्हें मिली, उनकी भी वापस होगी

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में उन सभी आइएएस अधिकारियों को दी गई सुरक्षा वापस ले, जिन्हें नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध न्यायिक कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाई कोर्ट ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को एक हलफनामा दायर कर यह बताने के भी निर्देश दिए कि क्या राज्य में किसी आइपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट को बताया कि किसी भी आइपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी नहीं सौंपी गई है। पुलिस महानिदेशक की इस बात पर हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और हलफनामे के रूप में यह जानकारी हाई कोर्ट में देने को कहा है।

येलो बुक को भी  प्रशासन के पास रखने का आदेश दिया

हाई कोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकाल के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी संबंधी किताब) को भी हाई कोर्ट के प्रशासन के पास सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्यों में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। चार अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए।

सत्यापन के बाद हलफनामे में जवाब दें

उन्होंने कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है। राज्य के भीतर आइएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया है।

पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा में किसी भी आइएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाएगा। डीजीपी ने कोर्ट के पूछने पर यह जानकारी भी दी कि आज तक राज्य में किसी भी आइपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि वह इन तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में जवाब दें।

हरियाणा के अधिकतर आइएएस व एचसीएस के पास सिक्योरिटी

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने भले ही हाई कोर्ट में यह जानकारी दी है कि राज्य के किसी आइएएस अधिकारी के पास सुरक्षा नहीं है, लेकिन अधिकतर आइएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें सरकार की ओर से सिक्योरिटी मिली हुई है। यहां तक की एचसीएस अधिकारियों के पास भी सुरक्षाकर्मी होते हैं। इन अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों को अपना स्टेटस सिंबल बनाया हुआ है। प्रोटोकाल के मुताबिक किसी भी आइएएस अधिकारी को ऐसी सिक्योरिटी देने का कोई प्रविधान नहीं है, लेकिन फिर भी उनके पास सिक्योरिटी है।

अब पुलिस प्रमुख हाई कोर्ट में हलफनामा देकर बताएंगे कि क्या वास्तव में यह सही है कि किसी आइएएस अधिकारी के पास कोई सिक्योरिटी नहीं है या फिर सरकार आदेश जारी कर सभी अधिकारियों की सिक्योरिटी वापस ले लेगी और उसके बाद पुलिस प्रमुख हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह दावा करेंगे कि किसी आइएएस के पास कोई सिक्योरिटी नहीं है। राज्य में आइपीएस अधिकारियों के पास भी सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं।

 

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