Haryana News: हरियाणा में लागू हुआ एससी आरक्षण के कोटे में कोटा, वंचितों को भी मिलेगा लाभ
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग में आरक्षण के उपवर्गीकरण की महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब राज्य में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे को दो श्रेणियों में विभाजित कर दिया गया है: 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए और शेष 10 प्रतिशत अन्य अनुसूचित जातियों के लिए होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को विधानसभा में यह घोषणा की और इसके तुरंत बाद मुख्य सचिव ने इस फैसले का आदेश जारी कर दिया।
वंचितों को मिलेगा ज्यादा लाभ
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति वर्ग के भीतर समान अवसर सुनिश्चित करना है। वंचित अनुसूचित जातियों को अब ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनके लिए सरकारी सेवाओं में अवसरों की कमी एक बड़ी समस्या थी। वर्तमान में, अन्य अनुसूचित जातियों को सरकारी नौकरियों में उनकी जनसंख्या के अनुपात से अधिक प्रतिनिधित्व प्राप्त है, जबकि वंचित जातियों का प्रतिनिधित्व काफी कम है।
ऐतिहासिक निर्णय की पृष्ठभूमि
हरियाणा ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उपवर्गीकरण की इस पहल को लागू किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा करते ही सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इससे पहले, 18 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में एससी-एसटी वर्ग में ज्यादा जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ देने के लिए इस उपवर्गीकरण को मंजूरी दी गई थी।
आरक्षण का नया स्वरूप
इस फैसले के तहत अनुसूचित जातियों को अब दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी को “अन्य अनुसूचित जातियां” कहा गया है, जिसमें 15 जातियां शामिल हैं। इन जातियों में चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, बलाही, बटोई, भटोई, भांबी, रोहिदास, जाटव, जाटवा, मोची, और रामदासिया शामिल हैं। दूसरी श्रेणी को “वंचित अनुसूचित जातियां” (डीएससी) नाम दिया गया है, जिसमें 66 जातियां शामिल की गई हैं। इनमें वाल्मीकि, चूड़ा, भंगी, धानक, ओड, बाजीगर, मजहबी, मजहबी सिख, आद धर्मी और अन्य समुदाय शामिल हैं।
उपवर्गीकरण की प्रक्रिया
सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती के दौरान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटा अब दो बराबर भागों में विभाजित होगा। वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए 10 प्रतिशत कोटा सुरक्षित रहेगा, और यदि उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते हैं, तो रिक्त पदों पर अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा। इसी तरह, अन्य अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत कोटा भी वंचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए तब उपलब्ध होगा जब उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पाते।
वरिष्ठता और चयन प्रक्रिया
विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों की भर्ती एक सामान्य मेरिट सूची के आधार पर की जाएगी, जिसे भर्ती एजेंसी तैयार करेगी। इसके लिए वर्तमान रोस्टर प्रणाली में अलग-अलग ब्लॉक के लिए रोस्टर अंक निर्धारित करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इससे प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
प्रतिनिधित्व में असमानता को समाप्त करने की पहल
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रुप ए, बी और सी सेवाओं में अन्य अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व अपेक्षाकृत अधिक रहा है, जबकि ग्रुप डी सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों को लाभ मिला है। इस असमानता को दूर करने और सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उपवर्गीकरण लागू किया गया है। यह कदम अधिक न्यायसंगत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि वंचित जातियों के लोग भी सरकारी सेवाओं में अपना स्थान बना सकें।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय अनुसूचित जाति वर्ग के भीतर समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने का प्रयास है। यह कदम राज्य में वंचित जातियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद इसे लागू करना हरियाणा सरकार की तत्परता और संवेदनशीलता को दर्शाता है, जिससे सामाजिक न्याय को और मजबूती मिलेगी।
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