Haryana News: किशोरी को बहकाकर ले जाने के बाद किया दुष्कर्म, मिली उम्रकैद की सजा, शिमला और मथुरा लेकर गया था

नरेंद्र सहारण, सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में कोर्ट ने किशोरी को बहकाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म व मुख्य आरोपी की मदद करने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। घटना के समय दोषियों में एक आरोपी नाबालिग था, उसे भी बराबर सजा दी गई है। अदालत ने प्रत्येक पर 1.55 लाख रुपये का जुर्माना किया है। प्रत्येक की जुर्माना राशि में 50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए गए हैं।
घर से लापता हो गई थी किशोरी
खरखौदा थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने 2 मार्च, 2021 को पुलिस को बताया था कि उनकी करीब 17 साल की बेटी 1 मार्च, 2021 की रात को घर में सो रही थी। सुबह उठे तो लापता थी। जिस पर उन्होंने पता किया तो जानकारी मिली थी कि उनकी बेटी को अंकित बहकाकर ले गया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। 26 अप्रैल, 2021 को लड़की लौट आई थी।
घर से ले जाने में अंकित की दो युवाओं ने की थी मदद
तब पता लगा था कि अंकित उसे शादी की नियत से जबरन बहकाकर ले गया था, जिसमें सागर ने उसकी मदद की थी। साथ ही गांव का एक नाबालिग भी मददगार बना था। लड़की ने बताया था कि वह घर से लाखों के आभूषण लेकर गई थी, जिन्हें सागर को दिया था। सागर ही उन्हें कार में लेकर यूपी की तरफ गया था। उसे स्थान के बारे में जानकारी नहीं है।
दूसरे आरोपी को रोहतक से पकड़ा गया
वहां उसके साथ अंकित ने दुष्कर्म किया था, जिस पर बाद में मामले में दुष्कर्म समेत अन्य धारा जोड़ी गई। आरोपी सागर ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ली थी। उसके बाद जांच में शामिल नहीं हुआ था। इसी बीच मामले में एससी-एसटी एक्ट जोड़ा गया था, जिसमें जांच तत्कालीन डीएसपी रविंद्र कुमार को सौंपी गई थी। इसी बीच आरोपी सागर को रोहतक पुलिस ने एक अन्य मामले में काबू किया था।
किशोरी के घर से चोरी किए गए आभूषण बरामद
जिसके बाद उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया। पता लगा कि वह किशोरी को शिमला और बाद में मथुरा लेकर आए थे। पुलिस ने आरोपी से किशोरी के घर से चोरी के आभूषण भी बरामद किए थे। बाद में मामले में 7 सितंबर, 2022 को मुख्य आरोपी अंकित को गिरफ्तार किया था। साथ ही इस मामले में आरोपी के मददगार एक नाबालिग को भी काबू किया गया। मामले में तत्कालीन डीएसपी रविंद्र कुमार की टीम ने सबूत जुटाकर कोर्ट में पेश किए थे। साथ ही चालान पेश किया गया था।
तीनों को उम्रकैद और प्रत्येक को 1.55 लाख रुपये जुर्माने की सजा
सरकारी अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले में सुनवाई शुरू की गई, जिसमें एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को अलग-अलग धाराओं में उम्रकैद और प्रत्येक को 1.55 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रत्येक की जुर्माना राशि में 50-50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न देने पर 55 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।