Haryana News: आज से खुलेंगे 12वीं तक के स्कूल, प्रदूषण से राहत मिलने के बाद छुट्टी का आदेश वापस

नरेन्‍द्र सहारण , चंडीगढ़ : Haryana News: हरियाणा में वायु प्रदूषण में मामूली सुधार के बाद राज्य सरकार ने बुधवार से पहली कक्षा से लेकर बारहवीं तक के सभी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों को जारी अपने पूर्व आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि अब स्कूलों की छुट्टी पर फैसला लेने का अधिकार जिला प्रशासन के बजाय विभाग के पास रहेगा। यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

प्रदूषण में सुधार, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक

हरियाणा में वायु गुणवत्ता के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंगलवार को केवल बहादुरगढ़ शहर की हवा ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बहादुरगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 315 पर था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर संतोषजनक नहीं था, हालांकि यह बहादुरगढ़ की तुलना में थोड़ा बेहतर रहा।

गुरुग्राम: 289 (खराब श्रेणी)
सोनीपत: 288 (खराब श्रेणी)
बल्लभगढ़: 286 (खराब श्रेणी)
भिवानी: 227 (मध्यम श्रेणी)
फरीदाबाद: 215 (मध्यम श्रेणी)
पानीपत: 238 (मध्यम श्रेणी)
यहां यह समझना जरूरी है कि AQI का स्तर 200 से 300 के बीच ‘खराब’ माना जाता है, जबकि 300 से ऊपर का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस लिहाज से, हरियाणा के कई बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता अभी भी जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

सुप्रीम कोर्ट और CAQM की गाइडलाइंस का असर

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत लागू किए गए चौथे चरण के प्रतिबंधों में छूट देते हुए स्कूल और कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राज्य सरकारों को स्थिति का आकलन कर अपने-अपने स्तर पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले और CAQM की सिफारिशों के आधार पर स्कूल खोलने का फैसला किया है। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में प्रदूषण के स्तर में फिर से बढ़ोतरी होती है, तो स्कूलों की छुट्टी पर फैसला केवल शिक्षा विभाग द्वारा लिया जाएगा।

छात्रों और अभिभावकों के लिए क्या हैं निर्देश?

सरकार ने स्कूलों को खोलने का आदेश तो जारी कर दिया है, लेकिन छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है। बच्चों को मास्क पहनने, पर्याप्त पानी पीने और बाहर खेल-कूद की गतिविधियों को सीमित करने की हिदायत दी गई है।

इसके साथ ही, स्कूल प्रशासन को भी निर्देशित किया गया है कि वे कक्षाओं में वेंटिलेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करें और बाहर की गतिविधियों को फिलहाल कम से कम रखें।

प्रदूषण के कारण क्या हैं?

हरियाणा और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, उद्योगों से उत्सर्जन, और निर्माण कार्य शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पड़ोसी राज्यों से आने वाली पराली के धुएं का भी बड़ा असर देखा गया है। हालांकि, इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन वायु गुणवत्ता पर इसका असर धीरे-धीरे ही दिख रहा है।

आगे की राह

 

हरियाणा सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राज्य में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाने का दावा किया है। इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव, निर्माण कार्यों पर निगरानी, और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना शामिल है।

हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन प्रयासों का वास्तविक प्रभाव प्रदूषण स्तर पर कितना पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक नीतियों और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।

हरियाणा में प्रदूषण के कारण बंद स्कूलों का फिर से खुलना बच्चों और शिक्षकों के लिए राहत की बात है। लेकिन सरकार और समाज को यह सुनिश्चित करना होगा कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास जारी रहें। वायु प्रदूषण सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं है, बल्कि यह एक स्थायी चुनौती है, जिसके लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा।

 

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