Haryana Politics: आप को लगा बड़ा झटका, अशोक तंवर ने दिया इस्तीफा; इस पार्टी में होंगे शामिल
नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: लोकसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी को हरियाणा में बड़ा झटका लगा है। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। तंवर ने अपना इस्तीफा अरविंद केजरीवाल के पास भेजा है। तंवर ने अपने इस्तीफे का कारण इंडिया गठबंधन में आप और कांग्रेस को एक होना बताया है। जानकारी के अनुसार अशोक तंवर आप द्वारा राज्यसभा न भेजे जाने के कारण भी नाराज थे। पिछले दिनों अशोक तंवर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी। उसके बाद अशांक तंवर के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। वह 20 जनवरी को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में शामिल होंगे। उन्हें लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। अशोक तंवर ने पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन की थी। अशोक तंवर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। अशोक तंवर को राहुल गांधी ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया था, लेकिन बाद में कांग्रेस को अलविदा कह दिया था।
अप्रैल, 2022 में आम आदमी पार्टी में हुए थे शामिल
अप्रैल 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। उसके बाद केजरीवाल ने उन्हें जिम्मेदारी देते हुए AAP की हरियाणा चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था।
तंवर ने क्यों छोड़ी थी कांग्रेस?
हरियाणा चुनाव के लिए राज्य में हुए टिकट बंटवारे से अशोक तंवर खुश नहीं थे. उन्होंने कहा था कि बीते पांच सालों में जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया उन्हें टिकट बंटवारे के दौरान अनदेखा किया गया. वहीं जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने तवज्जो दी है। वहीं, अशोक तंवर ने पार्टी पर हरियाणा के सोहना विधानसभा सीट पर 5 करोड़ में टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था।
अशोक तंवर का राजनीतिक सफर
अशोक तंवर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के चिमनी गांव में हुआ है। अशोक की मां का नाम कृष्णा और पिता का नाम दिलबाग है. उन्होंने दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए, एमफिल और पीएचडी की है। यहीं से इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। तंवर तब मशहूर हुए, जब उन्होंने जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। वह 1999 में एनएसयूआई के सचिव और 2003 में इसके अध्यक्ष बने। अशोक की शादी अवंतिका से हुई है। अवंतिका का लालन पालन नाना डॉ. शंकरदयाल शर्मा और नानी विमला शर्मा ने किया। 1992 से 1997 तक वह अपने नाना-नानी की देखरेख में राष्ट्रपति भवन में रहीं और यहीं इनकी परवरिश हुई। अवंतिका की शादी के कुछ समय बाद ही तलाक हो गया था। दोनों क दो बच्चे हैं। 2009 में अशोक तंवर ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में हरियाणा के सिरसा से 35499 वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, वह 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में इनेलो के चरणजीत सिंह रोरी से हार गए थे।
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