Haryana Politics: हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा- कुमारी सैलजा भावी मुख्यमंत्री, सिरसा सांसद ने भी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा पर साधा निशाना

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अब मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर दावेदारी दिखने लगी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई ने सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा को भावी सीएम बताकर गुटबाजी को और हवा दे दी। पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के सबसे बड़े बेटे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट डाली है। पोस्ट में चंद्रमोहन बिश्नोई ने लिखा कि हरियाणा प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री व सिरसा लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद आदरणीय बहन कुमारी सैलजा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात कर उनको ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। दरअसल, सैलजा सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन दिनों दिल्ली में हैं। सोमवार को उन्होंने सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर चुनाव का फीडबैक दे चुकी हैं। इस अहम मुलाकात के बाद सैलजा ने खुद इसकी जानकारी मीडिया को दी थी।

हुड्‌डा भी विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय

इधर, हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिलने के बाद कांग्रेस का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा खेमा भी काफी सक्रिय है। इसकी वजह अब सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। दिल्ली में चार सांसदों के साथ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा केंद्रीय नेतृत्व को चुनाव का फीडबैक दे चुके हैं। साथ ही चंडीगढ़ में सोमवार को सीएलपी बैठक भी बुला चुके हैं। इस बैठक में उन्होंने सूबे के पार्टी सांसदों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी की। साथ ही यह संकेत भी दिए कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव में वह ही मुख्यमंत्री के सबसे बड़े दावेदार हैं।

कुमारी सैलजा ने भी किया दावा

उधर, कुमारी सैलजा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मैं ही सीएम हूं, मैं ही सीएम हूं, यह कहना गलत है। हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं। इन नामों पर कांग्रेस हाईकमान विचार करता है। मेरा मानना है कि जब कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में मुख्यमंत्री के दावेदारों के नामों पर विचार करेगा तो उनमें से मेरा नाम भी एक होगा। कुमारी सैलजा ने एक मीडिया प्लेटफार्म पर खुलासा किया कि अंबाला में वरुण चौधरी को उन्होंने ही टिकट दिलाया है। कांग्रेस हाईकमान ने मुझसे अंबाला के उम्मीदवार के बारे में राय जानी। मैंने वरुण मुलाना का नाम लिया और यह हर कोई जानता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है।

सिरसा की जीत को सैलजा बता चुकी हरियाणा की नींव

 

सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर को ढाई लाख से अधिक हराया है। कुमारी सैलजा को 7,32,298 वोट मिले हैं, जबकि अशोक तंवर को 4,64,472 वोट मिले। कुमारी सैलजा ने सिरसा से तीसरी बार और कुल पांचवीं बार सांसद बनी है। इस जीत को लेकर वह उत्साहित हैं। रिजल्ट के बाद कुमारी सैलजा कह रही हैं कि सिरसा की जीत हरियाणा की नींव है। उनके इस बयान को लेकर उनके समर्थकों के द्वारा एक पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसके बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि वह विधानसभा चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री चेहरे के तैयारी कर रही हैं।

कांग्रेस में अभी दो गुट सक्रिय

 

हरियाणा कांग्रेस में भी अभी दो गुट सक्रिय हैं। पहला गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का है। दूसरा गुट कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी का है, जिसको एसआरके गुट भी कहते हैं। हालांकि सूबे में हुड्‌डा गुट सबसे पावरफुल है। यही वजह है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्‌डा गुट का दबदबा रहा। इसके कारण ही एसआरके गुट की तोशाम से विधायक किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटकर हाईकमान ने हुड्‌डा के करीबी राव दान सिंह को दे दी।

विधानसभा चुनाव में सीएम फेस

 

हरियाणा में कांग्रेस सत्ता से 10 सालों से दूर है। चूंकि लोकसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए सुखद रहे हैं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी यही मान रहा है कि अब होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए अच्छे परिणाम आने वाले हैं। चूंकि केंद्रीय नेतृत्व ने अभी यहां से सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है, इसलिए दोनों गुट के समर्थक अपने-अपने नेताओं को सीएम फेस बता रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा कई सार्वजनिक मंचों पर खुद को बतौर मुख्यमंत्री पेश कर चुके हैं, वहीं एसआरके गुट के समर्थक भी सैलजा को सीएम बता चुके हैं।

लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली जीत

 

लोकसभा चुनाव में 5 सांसदों की जीत मिलने को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता उत्साहित हैं। 2014 के बाद यह जीत इन नेताओं के लिए संजीवनी से कम नहीं है। चूंकि अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी के नेता यह तय मान रहे हैं कि इस चुनाव में भी उन्हें जीत मिलेगी। सियासी जानकारों का भी यही कहना है कि प्रदेश में 70% विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिल सकती है।

सूबे में 15 सालों बाद वोट शेयर बढ़ा

 

हुड्‌डा और एसआरके गुट के सक्रिय होने की बड़ी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस के वोट शेयर में 18% की बढ़ोतरी हुई है। पार्टी को सूबे की 9 लोकसभा सीटों में 47.07 प्रतिशत वोट पड़े हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले सिर्फ 28% वोट ही मिले थे। इस वोट प्रतिशत का सीधा फायदा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में होगा।

 

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