Haryana Politics: हरियाणा सरकार का दुष्यंत चौटाला को झटका, चंडीगढ़ में जजपा का प्रदेश मुख्यालय खाली कराया

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) को भाजपा सरकार ने हाल ही में एक बड़ा झटका दिया है। चंडीगढ़ स्थित जजपा मुख्यालय, जो पिछले पांच वर्षों से सेक्टर 3 के एमएलए फ्लैट में चल रहा था, को सरकार ने खाली करवा लिया है। इस संबंध में जजपा को 15 दिन का नोटिस दिया गया था।

फ्लैट का इतिहास

 

यह फ्लैट पहले दुष्यंत चौटाला की मां और विधायक नैना चौटाला के नाम पर आवंटित किया गया था। 2019 में जजपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी, और दुष्यंत चौटाला को भाजपा के साथ गठबंधन के बाद उपमुख्यमंत्री का पद मिला। इसके बाद जजपाका मुख्यालय यहीं से संचालित होता रहा। हालांकि, 2024 के चुनावों में जजपा को बड़ा झटका लगा, जब दुष्यंत और नैना चौटाला सहित पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका। इसके चलते फ्लैट का आवंटन समाप्त कर दिया गया।

पंचकूला में नया मुख्यालय

 

जजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पार्टी अब मुख्यालय पंचकूला में खोलने की योजना बना रही है। चर्चाओं के अनुसार, यह नया कार्यालय पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के निजी आवास जो पंचकूला के सेक्टर 21 में स्थित है में खोला जाएगा।

अतिरिक्त समय की मांग

 

सरकार ने हारे हुए विधायकों से फ्लैट खाली करवाने का आदेश जारी किया, ताकि इन्हें नए विधायकों को आवंटित किया जा सके। इसी क्रम में जजपा को भी 15 दिन का समय दिया गया था। हालांकि, पार्टी ने तीन महीने की मोहलत मांगी थी, लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया। मजबूरन जजपा को अपना मुख्यालय खाली करना पड़ा।

2019 से 2024 तक जजपा की राजनीतिक स्थिति

 

2019 में जजपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला भी शामिल थीं। भाजपा के साथ गठबंधन कर उन्होंने डिप्टी सीएम का पद संभाला। लेकिन 2024 में स्थिति पूरी तरह बदल गई। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा और JJP में मतभेद हो गए, जिसके चलते जजपा ने गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा। नतीजतन, पार्टी एक भी सीट जीतने में असफल रही। दुष्यंत और उनके भाई दिग्विजय चौटाला दोनों को हार का सामना करना पड़ा।

फ्लैट का उपयोग और राजनीतिक पृष्ठभूमि

 

सेक्टर 3 स्थित जिस फ्लैट में जजपा का मुख्यालय था, वह पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का कार्यालय था। जब दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से अलग होकर जजपा बनाई तो यह कार्यालय नई पार्टी का मुख्यालय बन गया। जब तक दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम रहे, तब तक पार्टी की सभी प्रमुख गतिविधियां इसी कार्यालय से संचालित होती रहीं। लेकिन भाजपा से गठबंधन टूटने और चुनावी हार के बाद यह कार्यालय निष्क्रिय हो गया।

दफ्तर खाली करने की प्रक्रिया

 

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि जजपा भाजपा के एक विधायक के माध्यम से इस फ्लैट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही थी। हालांकि, यह प्रयास असफल रहा। अब जजपा को अपना सामान हटाकर आवास खाली करना पड़ा।

मीडिया प्रभारी का बयान

 

जजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीप कमल ने बताया कि पार्टी इसी महीने फ्लैट खाली कर देगी। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी की प्रांतीय गतिविधियां अब पंचकूला और अन्य जिलों के पार्टी कार्यालयों से संचालित होंगी। यह घटनाक्रम जजपा के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी को 2019 में मिली सफलता के बाद 2024 में न केवल चुनावी हार का सामना करना पड़ा, बल्कि उनका मुख्यालय भी छिन गया। अब देखना होगा कि पंचकूला में नया कार्यालय बनाकर जजपा कैसे अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करती है। भाजपा के साथ संबंध टूटने और चुनावी असफलता के बाद जजपा के लिए यह एक नई शुरुआत का समय हो सकता है।

 

 

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