Haryana Politics: हरियाणा में राव इंद्रजीत से बड़े BJP नेताओं का किनारा, चुनावी मैदान में पड़े अलग- थलग

नरेन्द्र सहारण, गुरुग्राम। Haryana Politics: हरियाणा की गुड़गांव लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह को अपनी ही पार्टी के 5 सीनियर नेताओं की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। भूपेंद्र यादव, सुधा यादव, राव नरबीर सिंह, रणधीर सिंह कापड़ीवास और पर्यटन निगम के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव राव इंद्रजीत सिंह के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। इनके अलावा एक नाम संतोष यादव का भी है। इस बार राव इंद्रजीत सिंह चुनावी मैदान में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं इसका खामियाजा राव इंद्रजीत सिंह को भुगतना पड़ सकता है।

भीतरघात की पूरी संभावना

राव इंद्रजीत सिंह के सामने कांग्रेस ने फिल्म स्टार राज बब्बर को चुनावी मैदान में उतारा है। राज बब्बर के चुनाव लड़ने से राव इंद्रजीत सिंह के सामने भी चुनौती खड़ी हो गई है। विशेषकर गुरुग्राम, बादशाहपुर, रेवाड़ी सीट पर उन्हें भीतरघात का खतरा सता रहा है। गुरुग्राम व बादशाहपुर में राव नरबीर तो रेवाड़ी में रणधीर सिंह कापड़ीवास उनके सामने चुनौती है। राव नरबीर भले ही राव इंद्रजीत सिंह को लेकर खुलकर कभी कुछ नहीं बोले, लेकिन कापड़ीवास मुखर होकर राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ बगावत करते रहे हैं।

क्षेत्र में प्रचार से बनाई दूरी

इनमें अधिकांश नेताओं ने लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग से पहले राजस्थान के अलवर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव के समर्थन में खूब पसीना बहाया। जब खुद के क्षेत्र की बारी आई तो वे प्रचार से दूर हो गए। हालांकि, गुरुवार को रेवाड़ी के ऐतिहासिक मोती चौक पर आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रैली में पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास और डॉ. अरविंद यादव के अलावा कुछ अन्य लोकल नेता नजर आए, लेकिन इस मंच पर पार्टी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह मौजूद नहीं थे। रणधीर कापड़ीवास ने अपने संबोधन में राव इंद्रजीत सिंह का नाम लिए बगैर जनता से कहा कि वे कमल के फूल और भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का काम करें।

मनोहर लाल और सीएम नायब सैनी कर रहे जनसभाएं

दरअसल, राव इंद्रजीत सिंह को भाजपा ने लगातार तीसरी बार गुरुग्राम सीट से प्रत्याशी बनाया है। 5 बार के सांसद राव इंद्रजीत सिंह इस बार चुनावी मैदान में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुग्राम से लेकर नूंह और रेवाड़ी तक जनसभाएं कर रहे हैं, लेकिन इस इलाके के दिग्गज नेताओं ने प्रचार अभियान से एक तरह से दूरी बनाई हुई है। गुरुग्राम में सीएम नायब सैनी की रैली के मंच पर जरूर राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी कहे जाने वाले राव नरबीर सिंह और सुधा यादव दोनों एक साथ नजर आए थे, लेकिन प्रचार की बात करें तो इन नेताओं ने अभी तक राव इंद्रजीत सिंह के साथ किसी दूसरी जगह पर मंच शेयर नहीं किया है।

राव इंद्रजीत को हरा चुकीं सुधा यादव

कांग्रेस में रहे हुए राव इंद्रजीत सिंह 2 बार महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। उस वक्त उनके सामने भाजपा उम्मीदवार सुधा यादव होती थीं, जिन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह को हरा दिया था। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राव इंद्रजीत सिंह भाजपा में आ गए। इसके बाद से ही दोनों एक ही पार्टी में हैं, लेकिन रिश्तों में मिठास नहीं आ पाई।

प्रचार में कोई रुचि नहीं

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी सुधा यादव भी गुरुग्राम सीट से दावेदार थी, लेकिन भाजपा ने सुधा की बजाए राव इंद्रजीत सिंह को टिकट दी। जिसके चलते सुधा यादव प्रचार से दूरी बनाए हुए है। ठीक इसी तरह, रणधीर सिंह कापड़ीवास और नरबीर सिंह भी कहने को भाजपा में जरूर है, लेकिन प्रचार में कोई रुचि नहीं ले रहे। रणधीर सिंह कापड़ीवास ने भाजपा से बागी होकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

टिकट कटने के बाद विरोध बढ़ा

2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर राव नरबीर की बादशाहपुर तो रणधीर सिंह कापड़ीवास की रेवाड़ी से टिकट कटवा दी थी। नरबीर के टिकट कटने के बाद भी शांत रहते हुए भाजपा में बने रहे। वहीं कापड़ीवास ने बागी होकर रेवाड़ी से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 2 महीने पहले रणधीर सिंह कापड़ीवास फिर से भाजपा में वापसी कर गए। कापड़ीवास के भाजपा के पुराने नेताओं से संबंध जरूर अच्छे है, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह से आज भी छत्तीस का आंकड़ा है।

राव नरबीर सिंह और भूपेंद्र यादव से राव इंद्रजीत के अच्छे रिश्ते नहीं

 

वहीं राव नरबीर सिंह भी पूर्व सीएम मनोहर लाल के काफी करीबी है, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह से उनके मतभेद जगजाहिर है। जिसके चलते ये नेता राव के चुनावी प्रचार से किनारा किए हुए हैं। भूपेंद्र यादव की बात करें तो वे पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी हैं, लेकिन भूपेंद्र यादव की अहीरवाल में सक्रियता के कारण राव इंद्रजीत सिंह से उनकी अदावत शुरू हो गई थी। इसके बाद दोनों के रिश्तों में मिठास नहीं घुल पाई।

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Tag- Haryana Politics, Gurgaon Lok Sabha seat, Rao Inderjit Singh, Loksabha Election 2024, Bhupendra Yadav, Sudha Yadav, Rao Narbir Singh, Randhir Singh Kapriwas

 

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