Haryana Politics: समर्थन वापस लेने वाले विधायकों ने सरकार पर बोला हमला, जानिए किसने क्या कहा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तीन निर्दलीय विधायकों ने प्रदेश की भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि इससे हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार पर संकट आ गया है। मंगलवार को पूंडरी से विधायक रणधीर गोलन, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने रोहतक पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की।

राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा

तीनों ने पत्रकार वार्ता में कहा कि लोगों की जनभावना को देखते हुए यह फैसला लिया है। साथ ही राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भी भेजा है। इस दौरान हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और रोहतक शहर के विधायक भारत भूषण बतरा भी मौजूद रहे। निर्दलीय विधायकों ने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ग बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी से दुखी है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी, सरपंच, नंबरदार समेत अन्य वर्ग आंदोलनरत है। सरकार में रहते हुए उन्होंने अलग-अलग मौकों पर भाजपा को चेताया भी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

सही समय पर सही फैसला

ऐसे में सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को लोकसभा व विधानसभा चुनाव में समर्थन देने का निर्णय लिया है। वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तीनों विधायकों ने सही समय पर सही फैसला लिया है। जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब भाजपा सरकार बहुमत खो चुकी है, इसलिए प्रदेश में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करके विधानसभा चुनाव करवाए जाने चाहिए। हुड्‌डा ने कहा कि नैतिकता यही कहती है कि अब मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस्तीफा देकर चुनाव करवा लेना चाहिए। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि अब प्रदेश में अल्पमत की सरकार चल रही है। ऐसे में भाजपा को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, तुरंत सरकार भंग करके विधानसभा चुनाव कराना चाहिए।

महंगाई व बेरोजगारी चरम पर

 

पूंडरी से विधायक रणधीर गोलन ने कहा कि नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस लेते हैं। आगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा का ईमानदारी से साथ दिया। महंगाई व बेरोजगारी चरम पर है। प्रदेश हित में समर्थन वापस ले रहे हैं। हालांकि मैंने अपने हलके में इतना काम करवाया, मुख्यमंत्री भी अपने हलके में नहीं करवा सके।

जाति व धर्म आधारित राजनीति बर्दाश्त नहीं

चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि चारों विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने व कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया था। गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक राकेश दौलताबाद को भी आना था। किसी कारण से वे नहीं आ सके। जाति व धर्म आधारित राजनीति बर्दाश्त नहीं हुई, इसलिए सरकार से समर्थन वापस ले रहा हूं।

अब तो सरकार का सेनापति ही नहीं

नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि पांच विधायकों नयनपाल, सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन व राकेश दौलताबाद और उन्होंने खुद लोटे में नमक डालकर निर्णय लिया था कि जब तक मनोहर लाल मुख्यमंत्री हैं, तब तक समर्थन करेंगे। अब सेनापति ही नहीं है, साथ ही किसानों व सरपंचों के हित में सरकार से समर्थन वापस लेता हूं।

 

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