Haryana Politics: अहीरवाल की सीटों पर टिकट के दावेदारों के बगावती सुर तेज
नरेन्द्र सहारण, रेवाड़ी : Haryana Politics: हरियाणा की राजनीति में अहीरवाल की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है। कांग्रेस, इनेलो या फिर 10 वर्ष पूरा कर रही भाजपा सरकार की धुरी अहीरवाल क्षेत्र की 11 विधानसभा सीटें रही हैं। अब जब चुनाव होने में दो माह ही शेष हैं तो सभी सीटों से टिकट के दावेदार आगे आ रहे हैं। सियासत सबसे अधिक भाजपा में हो रही है। टिकट मांगने वाले पार्टी के संगठन की लकीर लांघकर बयान दे रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह चाहे कांग्रेस में रहे हों या फिर कई वर्षों से अब भाजपा में, चली उनकी ही है। हालांकि उनके विरोधी उन्हें पीछे करने के लिए हर चुनाव में मुखर हुए, लेकिन राजनीति के माहिर राव भारी ही पड़े हैं।
राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी अब होने लगे मुखर
कई बार पार्टी संगठन पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने चुनाव के पहले ही ऐसे बयान दिए कि पार्टी को उनकी ही माननी पड़ी। इस समय भी वह स्वयं को अहीरवाल का मुखिया मानकर बयान दे चुके हैं। बेटी आरती राव को टिकट दिलाने के लिए उन्होंने खुले मंच से यह भी कह डाला कि पार्टी ने उनकी नहीं सुनी तो इंसाफ मंच भी है। इंसाफ मंच को कांग्रेस से विमुख होने के बाद राव ने वर्ष 2014 में बनाया था। हालांकि बाद में वह भाजपा में चले गए थे। राव की अहमियत को भाजपा संगठन भी नकार नहीं सकता। यही वजह है कि उन्हें प्रदेश चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। इसी समिति में भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य तथा राव की राजनीतिक विरोधी सुधा यादव को भी रखा गया है। समिति में आने के बाद राव शांत हैं।
विरोधी कस रहे तंज
विधायक बनने के लिए भाजपा से टिकट के दावेदार राव इंद्रजीत के समर्थक तो उसके सहारे ही बैठे हुए हैं, लेकिन उनके विरोधी सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह ने अपने चुनावी दौरे आरंभ कर दिए हैं। गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक दी है। वह बादशाहपुर से रेवाड़ी तक में आकर यही कहते हैं कि राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले चुनाव में उनका टिकट कटवा दिया। यही नहीं, कई सही दावेदारों के टिकट कटवा दिए, जिसके चलते 75 पार का नारा देने वाली उनकी पार्टी को सरकार चलाने के लिए गठबंधन करना पड़ा। गठबंधन करने वाले भी लूटकर खा गए। नरवीर ने यहां तक कह दिया कि वह हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। संकेत यह भी दिया कि पार्टी
उन्हें टिकट नहीं भी देगी तो भी वह चुनाव लड़ेंगे।
बिक्रम के भी बगावती तेवर
राव की अंगुली पकड़ राजनीति में आने वाले पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठेकेदार भी वर्ष 2019 में अपना टिकट कटवाने के लिए राव इंद्रजीत सिंह जिम्मेदार बता रहे हैं। दो दिन पहले कोसली में आए पार्टी के पर्यवेक्षक के सामने ही उन्होंने मन की भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि राव की चली और उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो पार्टी का बुरा हाल होगा। उन्होंने भी संकेत दिया कि कोसली विधानसभा सीट से वह हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। राव की सिफारिश पर बिक्रम को वर्ष 2014 में भाजपा से टिकट मिला था। उन्हें प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया था। वर्ष 2019 में हुए चुनाव में बिक्रम का टिकट काट कर इंद्रजीत की सिफारिश पर लक्ष्मण सिंह को टिकट दिया गया और वह मौजूदा विधायक भी हैं।
कांग्रेस में भी बगावत के उठ रहे सुर
लोकसभा चुनाव में पांच सीट जीतने के बाद कांग्रेसी विधानसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। अहीरवाल की सभी सीटों पर एक सीट के लिए बीस से तीस उम्मीदवार हैं। कई पूर्व मंत्री भी जो समय विपरीत देख भाजपा तथा अन्य पार्टी में चले गए थे, अब कांग्रेस में आकर फिर से दावेदारी जता रहे हैं। हालांकि फिर से अपने ही क्षेत्र में पैर जमाने के लिए पुराने समर्थकों का सहारा लेना पड़ रहा है। वह भी पर्याप्त नहीं है। नए दावेदारों ने धन बल के चलते जनमत पर पैठ बना ली है।
वर्तमान में किसका आधिपत्य :
विस सीट– पार्टी– विधायक
रेवाड़ी – कांग्रेस- चिरंजीव राव
बावल- भाजपा- डा. बनवारी लाल
कोसली- भाजपा- लक्ष्मण सिंह
महेंद्रगढ़- कांग्रेस- राव दान सिंह
अटेली – भाजपा- सीताराम
नांगलचौधरी- भाजपा- डा. अभय सिंह
नारनौल – भाजपा- ओमप्रकाश यादव
पटौदी- भाजपा- सत्यप्रकाश जरावता
गुड़गांव – भाजपा- सुधीर सिंगला
सोहना- भाजपा- संजय सिंह
बादशाहपुर -निर्दलीय- राकेश दौलताबाद (दिवंगत )
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