Haryana Politics: नेताओं के रंग बदलने का दौर पकड़ेगा गति, आया बगावत का मौसम

नरेन्द्र सहारण, कैथल/नारनौल: Haryana Politics: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राजनीतिक पार्टियों के हाईकमान और बड़े नेताओं ने भी कमर कस ली है, वहीं चुनावी माहौल में नेताओं के रंग बदलने का दौर भी गति पकड़ने जा रहा है। कुछ नेता सुरक्षित ठिकाने खोजने में जुटने लगे हैं तो कुछ अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

चुनाव में नए समीकरणों की ओर साफ इशारा

 

पूर्व मंत्री किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक माहौल गर्माने लगा है। इस बीच सांसद धर्मबीर सिंह के चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की चौंकाने की घोषणा ने विधानसभा चुनाव में नए समीकरणों की ओर साफ इशारा कर दिया है। इसके साथ ही पार्टियों में बगावत का दौर अब सामने आने का दौर भी खुलकर दिखाई देगा। राजनीतिक पार्टियों के लिए इस बगावत को रोकना और दूसरी पार्टियों के नेता शामिल कर हवा बनाने का दबाव झेलने को तैयार रहना होगा। आने वाले समय में कई बड़े नेता घुटनभरे माहौल से बाहर आने के बहाने नए ठिकाने तलाशते दिखाई दे सकते हैं।

जनता के लिए रोचक किस्से

कोई अपने ओहदे से अंसतुष्ट हो सकता है तो कोई सम्मान बहाली के नाम पर बगावत का रूख अपना सकता है। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक घटनाक्रम प्रदेश की जनता के लिए रोचक किस्से बनने जा रहे हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र प्रदेश की राजनीति में सबसे ऊपर माना जाता है। इसलिए राजनीति में बगावती दौर भी इसी क्षेत्र से शुरू हो चुका है। आने वाले कुछ माह के दौरान यह दौर और भी देखने को मिल सकता है। अभी लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद राजनीति में छोटा सा ब्रेक आया था और अब यह ब्रेक समाप्त हो चुका है और नए-नए राजनीतिक घटनाक्रम प्रदेश वासियों के लिए चर्चा का विषय बनने जा रहे हैं।

नारनौल में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलेंगे हुड्डा

30 जून को पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा नारनौल के निजी फार्महाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए आ रहे हैं। इस दौरान वह भावी उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर आने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे। देखने वाली बात यह होगी कि इस दौरान उनकी रणनीति कितनी कारगर होती है। लोकसभा चुनाव में उन्होंने श्रुति चौधरी की टिकट कटवाकर राव दानसिंह को दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। राव दान सिंह को टिकट दिलवाने से उम्मीद थी कि इससे कांग्रेस को महेंद्रगढ़ जिले में फायदा होगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत कांग्रेस प्रत्याशी को महेंद्रगढ़ जिले से ही हार का सामना करना पड़ा। 30 जून की बैठक में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा लोकसभा चुनाव को लेकर भी टिप्पणी कर सकते हैं। उनके इस दौरे पर राजनीतिक पंडितों की नजर रहेगी।

 

 

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