Haryana Politics: रणजीत चौटाला के इस्तीफे पर पेच बरकरार, स्पीकर के सामने नहीं हुए पेश

नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़ । Haryana Politics: हिसार लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हरियाणा के बिजली व जेल मंत्री रणजीत चौटाला के विधायक पद से इस्तीफे को लेकर पेंच फंस गया है। मंगलवार को रणजीत सिंह चौटाला विधानसभा स्पीकर के समक्ष अपने इस्तीफे पर स्पष्टीकरण देने के लिए पेश नहीं हुए। स्पीकर के सामने पेश होने के लिए रणजीत चौटाला ने अतिरिक्त समय मांग लिया है। विधानसभा स्पीकर ने अब उन्हें 30 अप्रैल को विधानसभा सचिवालय में आकर पेश होने को कहा है।
रणजीत सिंह चौटाला वर्ष 2019 में रानियां विधानसभा हलके से बतौर निर्दलीय विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। सरकार के गठन के समय रणजीत सिंह ने भाजपा को समर्थन दिया था।

रणजीत सिंह पहले मनोहर लाल और अब नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इस बीच रणजीत चौटाला 24 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें हिसार से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद 26 मार्च को प्रचार शुरू करने से पहले रणजीत सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा दिया। रणजीत चौटाला ने यह इस्तीफा मेल के माध्यम से विधानसभा स्पीकर को भेजा था। विधानसभा स्पीकर ने इस इस्तीफे पर कानूनी राय ली। कानूनी विशेषज्ञों से राय आने के बाद रणजीत सिंह चौटाला को मंगलवार को विधानसभा स्पीकर के समक्ष पेश होकर इस्तीफे पर किए गए हस्ताक्षरों की वेरिफिकेशन करवाने को कहा गया। मंगलवार को विधानसभा में आने की बजाय रणजीत सिंह ने निजी व्यस्तता का हवाला देकर अतिरिक्त समय की मांग की।

इसके बाद विधानसभा स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि रणजीत सिंह ने 24 मार्च को अपना अगला राजनीतिक कदम उठाने से पहले उन्हें इस्तीफा भेजा था। इस्तीफे पर स्पष्टीकरण के लिए आज उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाया गया था। रणजीत सिंह की मांग पर स्पष्टीकरण की सीमा को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। अब उन्हें 30 अप्रैल को विधानसभा में आने के लिए बोला गया है।

चौटाला के मंत्री बने रहने पर झूलता रहेगा सवाल

 

एक सवाल के जवाब में स्पीकर ने कहा कि जब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता, तब वह रणजीत चौटाला हरियाणा विधानसभा के सदस्य माने जाएंगे। किसी भी सदस्य द्वारा इस्तीफा देने के बाद फैसला विधानसभा स्पीकर को लेना होता है। इसके लिए स्पष्टीकरण की प्रक्रिया को अपनाना जरूरी है। रणजीत चौटाला का विधायक पद से इस्तीफा स्वीकार होने के पश्चात उनके मंत्री बने रहने पर सवाल बरकरार रहेगा। पूर्व विधायक के तौर पर विधानसभा सचिवालय से वे पेंशन प्राप्त करने योग्य रहेंगे, हालांकि मंत्री के तौर पर राज्य सरकार से वेतन-भत्ते भी प्राप्त करने के हकदार माने जाएंगे। आज तक ऐसा नहीं हुआ, जब एक मंत्री विधायक पद छोड़कर मंत्री बना रहा हो, हालांकि मंत्री पद छोड़कर विधायक बने रहना सामान्य बात है।

 

Tag- Haryana Politics, Haryana Assembly, Ranjit Chautala

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