आखिर कहां तक भागे ‘मिल्खा सिंह’, हरियाणा के बुजुर्ग एथलेटिक खिलाड़ियों के साथ खेलों के नाम पर भद्दा मजाक
नरेंद्र सहारण, BNM News, कैथल: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीट में हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन करने वाले बुजुर्ग महिला और पुरुष खिलाड़ी व्यवस्था के सामने हिम्मत हार रहे हैं। इसके चलते एथलैटिक मास्टर खिलाड़ी खेलों से दूरी बनाने को विवश हो चले हैं। राज्य के लगभग 1500 मास्टर खिलाड़ियों के साथ खेलों के नाम पर हो रहे मजाक का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
सीनियर जैवलिन थ्रो मेडलिस्ट शमशेर जैलदार का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा स्कूल से लेकर अंतर्राष्ट्रीय खेल मैदान तक आयोजित होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में ट्राफी के साथ-साथ कैश अवार्ड देने का प्रावधान रखा था। लेकिन बुजुर्ग खिलाड़ी कैश अवार्ड से वंचित हैं। इसलिए सालों से बुजुर्ग खिलाड़ी विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दमखम दिखा रहे हैं। लेकिन अब अपने स्तर पर संसाधन जुटाना इन खिलाड़ियों के लिए मुश्किल हो गया है। इसलिए एक बड़ी संख्या ऐसे खिलाड़ियों की है जो संसाधनों के अभाव में खेल मैदान से दूर हो रहे हैं।
जीवन के अंतिम पड़ाव में इससे बड़ी पीड़ा और क्या हो सकती है ? सरकार की खेल नीति के अनुसार जिन फैडरेशनों को एथलैटिक्स फैडरेशन आफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है उनके द्वारा आयोजित खेल कुंभों कैश अवार्ड का प्रावधान रखा गया है। हरियाणा में खेल कुंभों का आयोजन करवा रहे मास्टर एथलैटिक्स ऑफ इंडिया (माफी) और हरियाणा मास्टर एथलैटिक्स फैडरेशन के पास एएफआई की मान्यता नहीं है। इसलिए इनमें शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को अपने स्तर पर आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
इसलिए एएफआई यानी के फैडरेशन आफ इंडिया अपने संयोजन में खेलों का आयोजन करवाए। ताकि मास्टर खिलाड़ियों को उनका हक मिल सके। हरियाणा प्रदेश के बुजुर्ग खिलाड़ियों ने इस मामले में संज्ञान लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखने का फैसला लिया है। एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया से बुजुर्ग खिलाड़ियों द्वारा की जा रही खेलों के नाम पर खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
हरियाणा स्टेट मास्टर्स एथलैटिक फैडरेशन आफ इंडिया के महासचिव चरणजीत सिंह ने बताया कि प्रदेश में फर्जी फैडरेशनों की समस्या के चलते सरकार ने वर्ष 2014 में कैश अवार्ड को बंद कर दिया था। इसको बहाल करने के लिए फैडरेशन गंभीर है। हरियाणा स्टेट मास्टर्स एथलैटिक फैडरेशन आफ इंडिया नीति अनुसार खेलों का आयोजन करवाने के लिए एशिया व वर्ल्ड मास्टर एथलैटिक्स से मान्यता प्राप्त है।