सोनीपत में गर्लफ्रेंड को ट्रॉली-बैग में छुपाया:यूनिवर्सिटी के बॉयज हॉस्टल ले जा रहा था, सिक्योरिटी ने पकड़ा

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat News: हाल के दिनों में सूटकेस से मिले शव की घटनाओं के बीच जिले में स्थित एक बड़े विश्वविद्यालय से एक अलग तरह का प्रकरण सामने आया है। हरियाणा के सोनीपत के ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने एक छात्र को सूटकेस खींचकर ले जाते हुए रोका, क्योंकि सूटकेस से किसी की चीख सुनाई दे रही थी। जब सुरक्षा कर्मियों ने सूटकेस खोलकर देखा तो उसमें एक छात्रा निकली। यह घटना तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो गई जिसके बाद पुलिस भी मामले की जांच के लिए समर्पित हुई।
घटना का कालक्रम
यह घटना ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के परिसर में हुई और इसकी जानकारी सबसे पहले वहाँ के सुरक्षा कर्मियों को मिली। छात्र जब सूटकेस लेकर कॉलेज परिसर से गुजर रहा था तो सुरक्षा कर्मियों को उस सूटकेस से कोई आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने सूटकेस को खोलने का निर्णय लिया तो अंदर से एक छात्रा निकली जो कि पूरी तरह से सुरक्षित थी।
इसके बाद छात्रा ने बताया कि ये सब उसके दोस्तों का एक प्रैंक था। छात्रा की पहचान बिजनेस स्टेज के सेकंड ईयर की छात्रा के रूप में हुई। इस प्रैंक के पीछे का मकसद केवल मज़ाक करना था लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए मामला थाने तक पहुँच गया।
यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला बॉयफ्रेंड अपनी गर्ल फ्रेंड को सूटकेस में छिपाकर बॉयज हॉस्टल में ला रहा था, सूटकेस की तलाशी में पकड़ा गया#suitcase #GirlfriendInSuitcase pic.twitter.com/lDeNJ4n7rl
— Anil Thakur (@Ani_iTV) April 12, 2025
ऊपर की ओर बढ़ते सवाल
इस घटना ने विश्वविद्यालय के परिसर में हड़कंप मचा दिया। हाल के दिनों में हुई हत्याओं और घटनाओं ने लोगों की संवेदना को झकझोर दिया है, जिसमें सूटकेस का इस्तेमाल किया गया था। रोहतक में एक वीडियो क्रिएटर और कांग्रेस की युवा नेता के शव को सूटकेस में रखकर ठिकाने लगाया गया था। ऐसे में यह घटना से जुड़ी चीख सुनकर सभी लोग चिंतित हो गए। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत प्रबंधन को सूचित किया। प्रबंधन ने बिना किसी देरी के मामले में कार्रवाई करते हुए चौकी प्रभारी को बुलाया। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की और सभी छात्रों को चेतावनी दी।
भ्रामक स्थिति
इस घटना के बाद कुछ लोग इसे एक अनुपयुक्त प्रैंक के रूप में देख रहे हैं। छात्रों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताओं को व्यक्त किया और यह जानना चाहा कि क्या एसा प्रैंक करना सही था। विश्वविद्यालय की प्रवक्ता अंजू मोहन ने कहा है कि विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना छात्रावास क्षेत्र में नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक क्षेत्र में हुई थी।
सुरक्षा के मुद्दे
इस घटना ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। क्या छात्रों को इस तरह के प्रैंकों की अनुमति होनी चाहिए? क्या विश्वविद्यालय के गार्ड्स को इस तरह की घटनाओं से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी गई है? सुरक्षा अधिकारी शकुंतला ने कहा कि उन्होंने वीडियो का मूल्यांकन किया और यह सुनिश्चित किया कि छात्रा सुरक्षित है। हालाँकि, इस बात पर ध्यान दिया गया कि इस तरह के गंभीर मुद्दों पर छात्रों को अवगत कराया जाए।
विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण
यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस घटना के महत्व को समझते हुए एक बैठक आयोजित की है। इस बैठक में सभी फैकल्टी सदस्यों और छात्रों को शामिल किया गया। प्रबंधन ने यह भी बताया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे प्रैंकों की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रवक्ता अंजू मोहन ने जानकारी दी कि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जा सकें।
सावधानी बरतना महत्वपूर्ण
यह घटना केवल एक प्रैंक से ज्यादा दर्शाती है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि हमारे समाज में किसी भी प्रकार के मजाक को हल्के में नहीं लिया जा सकता। संभावित खतरे और सुरक्षा के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि हर स्थिति में सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।
इन घटनाओं का इंटरनेट पर प्रसारित होना और उसके बाद की प्रतिक्रिया हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम कैसे व्यवहार करते हैं और दूसरों के साथ मिलकर कैसे सृजनात्मकता के क्षणों को बल्कि उन तक पहुँच बनाने के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएँ न केवल मज़ाक के रूप में रहने चाहिए, बल्कि वे हमारी नैतिकता और संवेदनाओं का प्रतिस्थापन भी बन जाती हैं।
इस स्थिति से हमें सीखने की आवश्यकता है कि सुरक्षा को सबसे पहले और प्रैंक या मज़ाक को एक सीमित सीमा में रखना। यह कहानी केवल एक मूर्खतापूर्ण चुटकुला नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि हमारी युवा पीढ़ी को अपनी जिम्मेदारियों और सामाजिक नियमों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।