Haryana News: पानीपत एसपी को हाईकोर्ट का नोटिस: पूछा- आप पर कार्रवाई क्यों न की जाए; नाबालिग लड़के को थर्ड डिग्री देने का मामला

नरेन्द्र सहारण, पानीपत। Panipat News: हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी और पानीपत के एसपी को नोटिस भेजा है। मामला पानीपत की सीआइए-2 यूनिट में एक 15 साल के नाबालिग को थर्ड डिग्री देने से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने पानीपत सेशन जज सुदेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किया है।

19 जुलाई तक जवाब मांगा

हाईकोर्ट ने पानीपत एसपी अजीत सिंह शेखावत को नोटिस जारी करते हुए 19 जुलाई तक जवाब मांगा है। नोटिस में पूछा गया है कि आखिर आप पर कार्रवाई क्यों न की जाए? वहीं, डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पूरे मामले की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, सीआइए-2 थाने में नाबालिग लड़के को थर्ड डिग्री देने के मामले में सेशन जज थाने की वास्तविक स्थिति की जांच करने पहुंचे थे। उस समय उनके लिए 7 से 8 मिनट तक गेट नहीं खोला गया। सेशन जज ने हाईकोर्ट में दी रिपोर्ट में कई बड़ी खामियों का उल्लेख किया है। रिपोर्ट में थाने के सीसीटीवी में की जाने वाली गड़बड़ी का भी खुलासा है।

नाबालिग के परिवार ने लगाई थी हाईकोर्ट में लगाई याचिका

 

पानीपत के इसराना थाने में 7 जुलाई 2022 को धारा 148, 148, 323, 506, 454, 380 और 307 के तहत केस दर्ज किया गया। इस मामले में सीआइए-2 ने 2 अगस्त 2022 को 15 साल के एक लड़के को हिरासत में लेकर पूछताछ की। अनाज मंडी स्थित सीआइए-2 थाने में उसे थर्ड डिग्री दी दिया।

इस मामले में उसके परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका डाली। नाबालिग ने कोर्ट में बोला था कि थाने के अंदर के हालात अच्छे नहीं हैं। वहां के सीसीटीवी भी चेक करवाए जाएं। हाईकोर्ट के आदेश पर ही 4 मई की सुबह 9.50 बजे सेशन जज सुदेश कुमार सीआइए-2 थाने में जांच के लिए गए थे, लेकिन थाने के गेट पर मौजूद कर्मचारी ने गेट नहीं खोला।

जज को इंतजार करवाने के मामले में इन पर गिरी गाज
सेशन जज को सीआइए-2 के बाहर इंतजार करवाने के मामले में एसपी ने सीआइए-2 के पुलिस प्रभारी एसआइ सौरभ, मुंशी प्रवीण और एसआइ जयवीर को निलंबित सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा, सीआइए के संतरी स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) को नौकरी से हटा दिया। साथ ही उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया था, जिनमें सरकारी काम में बाधा डालने की भी धारा शामिल है।

रिपोर्ट में इन बड़ी खामियों का जिक्र

 

  1. सीआइए-2 में मिले एएसआइ राजबीर ने जज को पहले बताया था कि प्रभारी एसआइ सौरभ एक मामले में कोर्ट में गए थे। फिर बाद में बोला कि वह कैथल में एक मामले की जांच के लिए गए हैं। जबकि, थाना प्रभारी कहां है, इस बारे में एसपी को भी नहीं पता था।
  2. थाने में सीसीटीवी कैमरे की हार्ड डिस्क नहीं मिली। पूछने पर बताया कि वह 4 फरवरी 2024 को शॉर्ट सर्किट के कारण खराब हो गई थी। उसे किशनपुरा के सन्नी नामक मैकेनिक को रिपेयर के लिए भेजा है।
  3. नई हार्ड डिस्क खरीदने के लिए 4400 रुपए सन्नी को दिए हैं। सेशन जज की जांच में मिला कि इस बारे में भी एसपी को पत्राचार नहीं किया गया।
    पुलिस विभाग ने करनाल की एएमसी नामक कंपनी को सीसीटीवी के मेंटीनेंस का ठेका दिया है। इसके बावजूद हार्ड डिस्क वहां नहीं दी गई। पूछने पर बताया गया कि उन्हें नहीं पता कि वार्षिक मेंटिनेंस कहां होती है।
  4. नियम के अनुसार 500 GB की हार्ड डिस्क होनी चाहिए। 18 महीने की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखना जरूरी है।

 

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