वाराणसी से हावड़ा तक एलिवेटेड रूट पर दौड़ेगी हाई स्पीड ट्रेन, तीन घंटे में पूरा होगा सफर, जानें- क्या होगा रुट

वाराणसी, बीएनएम न्यूजः : काशीवासियों के लिए हाई स्पीड ट्रेन से हावड़ा (वाया पटना) तक 753 किलोमीटर तक के सफर की परियोजना दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ रही है। वाराणसी से हावड़ा तक हाई स्पीड ट्रेन एलिवेटेड रूट पर दौड़ेगी। इसके लिए किसानों से जमीन लेकर 17.5 मीटर चौड़ा कारिडोर बनाया जाएगा। ट्रेन की औसत गति 250 किमी प्रति घंटा और अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा होगी। इससे वाराणसी से कोलकाता अधिकतम तीन घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा।

केंद्र व राज्य सरकारों के संयुक्त उद्यम नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की सहयोगी कंपनी एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट कंसल्टेंट (ईआइए) के डा. नफीस ने कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को किसानों को परियोजना के बारे में जानकारी दी। उनसे परियोजना के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों के विषय में जानकारी ली।

बताया कि किसानों से 17.5 मीटर चौड़ी भूमि ली जाएगी और उस पर 10 से 15 मीटर ऊंचे खंभों पर ट्रेन दौड़ेगी। नीचे एक तरफ पांच मीटर चौड़ी सड़क होगी। ट्रेन पटना में 12.50 किमी तक टनल से गुजरेगी। सर्वे का काम पूरा हो गया है और डीपीआर बनने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। चिह्नित किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। कई स्थानों पर निशान के पत्थर भी गाड़ दिए गए हैं।

वाराणसी से हावड़ा है प्रथम फेज

हाई स्पीड ट्रेन का वर्तमान रेलवे स्टेशनों से कोई संबंध नहीं होगा। इसके लिए परियोजना में वाराणसी से हावड़ा तक कुल 13 अलग स्टेशन होंगे। बीच में बक्सर, आरा, पटना, नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान हैं। पूरी परियोजना दिल्ली से हावड़ा तक है। प्रथम फेज में वाराणसी से हावड़ा तक कार्य होगा, दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ।

पटना में स्टेशन के लिए तीन जगह चिन्हित

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपरेशन लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि पटना में रेलवे स्टेशन के लिए तीन जगहों पर स्थल का चयन किया गया था। इनमें से एक जगह स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है। हाई स्पीड ट्रेन का स्टेशन पटना एम्स के नजदीक दानापुर अंचल के भुसौला मौजा के थाना नंबर 40 में बनाया जाएगा।

यह स्थल एम्स गोलंबर से 750 मीटर की दूरी पर है। नेउरा-दनियावां रेलवे लाइन से सटे पूरब-उत्तर दिशा में स्थित है। यह पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क से 15 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन के लिए लगभग 37 एकड़ भूमि की जरूरत होगी।

यह होगा कॉरिडोर का रूट

कॉरपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि यह कॉरिडोर वाराणसी से चंदौली, गाजीपुर, बक्सर, भोजपुर, पटना, जहानाबाद, गया होते हुए झारखंड के हजारीबाग में प्रवेश करेगा। वहां से गिरिडीह, धनबाद होते हुए पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान, पूर्वी बर्धमान, हुगली, हावड़ा और कोलकता जिले से होकर गुजरेगा।

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