HSGMC के खाते किए गए सीज: गुरुघरों के लंगर के राशन से लेकर शिक्षण संस्थानों के संचालन पर संकट, कर्मचारी धरने पर बैठे

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (HSGMC) को बड़ा झटका दिया है। सरकार की ओर से एचएसजीएमसी के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक खातों को ऑपरेट करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दिए है। एसीएस हरियाणा की ओर से जारी लेटर में अधीक्षक, गुरुद्वारा चुनाव द्वारा बैंकों के जोनल प्रबंधकों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। लेटर में कहा गया है कि बैंक की सभी शाखाओं से एचएसजीएमसी के सभी बैंक खातों से वित्तीय लेनदेन नहीं किया जाए। बताया जा रहा है कि यह फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के तहत लिया गया और जारी पत्र में स्पष्ट किया गया कि वित्तीय लेन देन न किया जाए। इसके पीछे किसी गबन की आशंका जताई जा रही है।
गुरुघरों व अन्य संस्थानों में कार्यरत कर्मियों में खलबली
कमेटी के सभी सरकारी व निजी खाते सीज होने के चलते कमेटी मुख्यालय से लेकर गुरुघरों व अन्य संस्थानों में कार्यरत कर्मियों में खलबली मच गई है कर्मचारियों का वेतन रूक गया है तो वहीं अनेकों अन्य कार्य भी अटक गए हैं। बैंक खाते सीज होने से जहां गुरुघरों के लंगर से लेकर शिक्षण व अन्य संस्थानों के संचालन पर असर पड़ता दिखाई देने लगा है वहीं बुधवार को कमेटी मुख्यालय के ही कर्मचारी भी काम छोड़ कर धरने पर उतर आए। मुख्यालय पर धरना देते हुए कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की तो वहीं ऐलान किया कि इस संबंध में प्रदेश सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया और खाते नहीं खोले तो वे सड़कों पर भी उतरने को मजबूर होंगे।
कर्मचारियों की मानें तो उन्हें उस समय पता चला जब बैंकों से संबंधित लेन-देन किया जाने लगा। कमेटी मुख्यालय में विभिन्न संस्थानों की ओर से सूचनाएं आने लगी तो वहीं उनके वेतन भी जारी न होने पर बैंकों से संपर्क किया गया। यह पता चलने पर वे हैरान रह गए, जबकि पहले उन्हें इस बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी और वे अपने सामान्य रूप से कामकाज में लगे थे।
खाते सीज होने से सभी लेन-देन अटके
धरने पर बैठे कमेटी मुख्यालय के सहायक सुपरवाईजर हरकीरत सिंह, सहायक सचिव रूपिंद्र सिंह, उपसचिव अमरेंद्र सिंह, सहायक सचिव सतपाल सिंह, अकाउंटेंट गुरमिंदर सिंह आदि ने बताया कि बैंक खाते सीज होने से सभी लेन-देन अटक गए हैं। मुख्यालय में ही करीब 61 कर्मचारी कार्यरत है तो वहीं 40 से ज्यादा धर्म प्रचार से जुड़े कर्मी भी है। यहीं नहीं प्रदेश भर में कमेटी के अधीन 52 गुरुघरों के अलावा चार शिक्षण संस्थान भी है।
संस्थानों के लेन-देन भी अटके
इनमें निसिंग व पंजोखरा साहिब में कॉलेज व कैथल और कपालमोचन में स्कूल भी संचालित है। इन संस्थानों का लेन-देन भी अटक गया है और नया शिक्षा सत्र शुरू होने के चलते इसका बड़ा असर पड़ने लगा है। यहीं नहीं 31 मार्च को क्लोजिंग के चलते गुरुघरों के लंगर के लिए सामान को लेकर समस्याएं आनी शुरू हो गई है।
कड़ाह प्रसाद के लिए देसी घी समाप्त होने वाला है तो वहीं बिजली बिल भी चेक क्लीयर न होने के कारण अटक गए हैं, जिन पर जुर्माना भी पड़ना तय है। इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों से लेकर गुरुघरों, कमेटी मुख्यालय व अन्य कार्यालयों के वाहनों व जरनेटर तक के लिए डीजल की समस्या खड़ी हो गई है। कर्मचारियों ने कहा कि दो दिन बाद बैशाखी पर्व है, जिसके चलते अनेक आयोजन होने हैं। इन पर भी असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
घपला हुआ तो जांच कराई जाए, खाते बंद क्यों : हरकीरत
सहायक सुपरवाईजर हरकीरत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुरुद्वारा चुनाव अधीक्षक की ओर से पत्र जारी कर खाते सीज होने की सूचना दी गई, जिसमें किसी घपले की आशंका जताई गई। उन्होंने कहा कि कोई घपला हुआ है तो उसकी जांच सरकार या कमेटी द्वारा कराई जाए लेकिन सभी खाते सीज करना सही नहीं है। इसका असर बड़े स्तर पर पड़ने लगा है। जल्द खाते नहीं खोले तो कर्मचारी बच्चों को भी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
जल्द खुलवाए जाएंगे खाते : प्रधान
कमेटी प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध का कहना है कि सीज किए गए खाते जल्द खुलवा लिए जाएंगे। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं रहने दी जाएगी। धरना दे रहे कर्मचारियों को भी समझाबुझा कर मना लिया जाएगा।
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