हरियाणा में युवाओं को नशे से दूर रखने और सही दिशा में ले जाने के लिए राज्य सरकार ने पारित किए दो महत्वपूर्ण बिल, जानें क्या है धाराएं
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि राज्य में युवाओं को सही दिशा और उनके उत्थान को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है और इस दिशा में गत दिवस हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में दो महत्वपूर्ण बिलों को पारित किया गया। इन बिलों में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024 और हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक, 2024 शामिल है ताकि हमारी तरुणाई को नशे से दूर रखते हुए उन्हें आदर्श जीवन जीने की कला मिल सके।
हुक्का बार में बांटा जा रहा निकोटीन युक्त तंबाकू
विज ने कहा कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 को, संशोधित करते हुए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024 पारित किया गया।वे कहते है कि हमने इस बात को गंभीरता से लिया है कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में हुक्का बार निकोटीन युक्त तंबाकू के साथ हुक्का / नार्गली परोस रहे हैं जो बड़े पैमाने पर जनता और युवाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसे हुक्का बारों द्वारा कई बार विभिन्न स्वाद / जड़ी-बूटियां भी परोसी जाती हैं। इसके अलावा कई बार तो इन हुक्का बारों में स्वाद / जड़ी-बूटी परोसने की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं भी परोसी जाती हैं। इस तरह के हुक्का बारों में पानी की पाइप प्रणाली और चारकोल के साथ गर्म किया गया स्वादयुक्त घटक शीशा शामिल होता है जो स्वास्थ्य के लिए घातक होता है।
हुक्का बार को प्रतिबंधित करना आवश्यक
इससे जुड़े जोखिम कम या न होने की गलत धारणा कई स्वादों की उपलब्धता तथा धुएं की कम कठोरता के कारण इसका उपयोग काफी बढ़ गया है, जबकि ऐसे स्वाद वाले हुक्के के धुएं में विभिन्न विषाक्त पदार्थ होते हैं जो न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए बल्कि निष्क्रिय धूम्रपान के कारण आस-पास के लोगों के लिए भी हानिकारक होते हैं। विज के अनुसार आम जनता के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए ‘सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024’ को परिभाषित करने, और ‘हुक्का बार’ को प्रतिबंधित करने और इसके अलावा हरियाणा राज्य में हुक्का बार, होटल, रेस्तरां, शराबखाने या अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में धूम्रपान के लिए कोई हुक्का / नार्गली न परोसा जाए और उससे जुड़े और उसके प्रासंगिक मामलों के लिए यह विधेयक आवश्यक हो रहा था। इसलिए इस विधेयक को पास किया गया है।
अनिल विज ने धारा-20 विनिर्दिष्ट चेतावनी देने और निकोटीन तथा टार अंतर्वस्तु का उपदर्शन करने में असफल रहने पर दंड के बारे में बताया कि:-
(1) ऐसा कोई व्यक्ति, जो ऐसी सिगरेटों या ऐसे तम्बाकू उत्पादों का उत्पादन या विनिर्माण करेगा जिन पर या तो पैकेज पर या उनके लेबल पर विनिर्दिष्ट चेतावनी और निकोटीन और टार अंतर्वस्तु नहीं दी गई है, प्रथम दोषसिद्धि की दशा में, कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से, तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में, कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।
(2) ऐसा कोई व्यक्ति, जो ऐसी सिगरेटों या तम्बाकू उत्पादों का विक्रय या वितरण करेगा जिन पर या तो पैकेज पर या उनके लेबल पर विनिर्दिष्ट चेतावनी और निकोटीन तथा टार अंतर्वस्तु नहीं दी गई है, प्रथम दोषसिद्धि की दशा में कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में, कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो तीन हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।
इसमें दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध जमानतीय होगा। विज पूरी तरह से आशावान है कि इस विधेयक के आने के बाद युवाओं में इस प्रकार के विषाक्त पदार्थ युक्त सेवन से बचाव होगा और युवाओं को नशे से बचने के लिए यह विधायक एक लाभकारी मॉड्यूल के रूप में काम करेगा।
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