Ind vs Aus: मोहम्मद शमी के टीम में चयन को लेकर उठे सवाल, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कही यह बात
एडिलेड : Ind vs Aus: ऑस्ट्रेलिया में जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे दिन-रात्रि टेस्ट मैच में भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपनी काबिलियत साबित की। हालांकि, बाकी गेंदबाज प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे, जिसके बाद भारतीय टीम में मोहम्मद शमी को शामिल करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी शमी की टीम में वापसी की वकालत की है। लेकिन कप्तान रोहित शर्मा इस मुद्दे पर अलग नजरिया रखते हैं।
शमी की फिटनेस पर रोहित के बयान
दूसरे टेस्ट मैच की हार के बाद जब रोहित शर्मा से शमी को टीम में शामिल करने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “हम शमी पर नजर बनाए हुए हैं। वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलते हुए फिर से घुटने की समस्या का सामना कर रहे हैं। हम उन पर वापसी का कोई दबाव नहीं डालना चाहते।”
रोहित के बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे शमी को टीम में लाने के लिए उत्सुक नहीं हैं। यह पहली बार नहीं है जब शमी की फिटनेस को लेकर चर्चा हुई है। टेस्ट सीरीज से पहले भी, बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान रोहित ने कहा था कि शमी के घुटने में सूजन के कारण उन्हें दोबारा शुरुआत करनी होगी।
रोहित ने यह भी जोड़ा था कि वे पूरी तरह फिट शमी को ही टीम में लेना चाहते हैं। उनके मुताबिक, “हम उस शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहते जो पूरी तरह तैयार न हो।” यह बयान स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कप्तान का ध्यान केवल फिट और प्रभावी खिलाड़ियों पर है।
शमी और रोहित के बीच गरमागरम बातचीत
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अपनी फिटनेस पर काम कर रहे शमी ने टेस्ट सीरीज से पहले रोहित से मुलाकात की थी। यह भी बताया गया कि दोनों के बीच टीम में चयन को लेकर तीखी बहस हुई थी। शमी ने खुद को पूरी तरह फिट बताते हुए टीम में जगह देने की बात कही, लेकिन रोहित अपने निर्णय पर अडिग रहे।
इसके बाद शमी ने बंगाल के लिए रणजी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सात मैच खेले हैं और सोमवार को चंडीगढ़ के खिलाफ एक और मैच में खेलने की तैयारी में हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या वाकई शमी टेस्ट मैच खेलने के लिए फिट नहीं हैं, या यह चयन प्रक्रिया का कोई और पहलू है?
बुमराह के कंधों पर भारी जिम्मेदारी
एडिलेड में हुए टेस्ट मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित ने जसप्रीत बुमराह की प्रशंसा की, लेकिन बाकी गेंदबाजों की जिम्मेदारी साझा न कर पाने पर चिंता जताई। रोहित ने कहा, “बुमराह अकेले दोनों छोर से गेंदबाजी नहीं कर सकते। हमें अन्य गेंदबाजों से भी सहयोग चाहिए, क्योंकि ऐसे दिन आएंगे जब बुमराह को विकेट नहीं मिलेंगे।”
हर्षित राणा जिन्होंने 16 ओवर में 86 रन दिए की आलोचना के सवाल पर रोहित ने उनका बचाव किया। उन्होंने कहा, “एक टेस्ट मैच के आधार पर उसे आंकना सही नहीं होगा। वह अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन कर रहा है।”
शमी की फिटनेस पर उठे सवाल
मोहम्मद शमी की फिटनेस और फॉर्म को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। जब शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया, तो इंटरनेट मीडिया पर इसे फेक न्यूज बताया गया। हालांकि, एनसीए में उनके रिहैब के दौरान रोहित के बयान ने इस बहस को और हवा दी।
शमी ने रणजी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह खेलने के लिए तैयार हैं। लेकिन टीम प्रबंधन की चिंताओं का केंद्र उनकी घुटने की पुरानी चोट है, जिससे उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
शमी और टीम चयन: क्या है भविष्य?
शमी के टीम में चयन को लेकर उठ रहे सवाल सिर्फ फिटनेस तक सीमित नहीं हैं। 34 वर्षीय इस अनुभवी गेंदबाज के पास अनुभव और कौशल है, लेकिन भारतीय टीम प्रबंधन युवा प्रतिभाओं को मौका देने पर जोर दे रहा है।
आगे का रास्ता
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आने वाले मैचों में भारतीय टीम को अपने गेंदबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। शमी को टीम में शामिल करना या नहीं करना, यह चयनकर्ताओं और कप्तान का सामूहिक निर्णय होगा। हालांकि, जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर गेंदबाज पर पूरी जिम्मेदारी डालना दीर्घकालिक समाधान नहीं है।
यह स्पष्ट है कि भारतीय टीम को न केवल अपनी गेंदबाजी की गहराई पर ध्यान देना होगा, बल्कि अनुभवी खिलाड़ियों को सही समय पर मौका देकर प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखनी होगी। मोहम्मद शमी के चयन को लेकर अंतिम निर्णय चाहे जो भी हो, यह बहस टीम के चयन मानकों और दीर्घकालिक रणनीति की ओर इशारा करती है।