Ind Vs Eng: अंग्रेजों का टूटा एजबेस्टन में घमंड, शुभमन गिल, आकाश दीप और सिराज के कमाल से दूसरा टेस्ट जीता भारत

मोहम्मद सिराज-आकाश दीप-शुभमन गिल।
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : Ind Vs Eng: जो 1967 में मंसूर अली खान पटौदी, 1974 में अजीत वाडेकर, 1986 में कपिल देव, 1996 में अजहरुद्दीन, 2011 में एमएस धौनी, 2018 में विराट कोहली और 2022 में जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज अपनी कप्तानी में न कर सके, वो 25 साल के युवा कप्तान शुभमन गिल ने रविवार को कर दिखाया। बर्मिंघम का एजबेस्टन मैदान भारतीय टीम के लिए हमेशा अभेद्य किला बना रहा, लेकिन गिल की युवा भारतीय टीम ने इस किले को भेदते हुए 58 साल के इतिहास में पहली बार यहां तिरंगा लहराया। एंडरसन-तेंदुलकर ट्राफी के दूसरे टेस्ट मैच में 608 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम 271 रन ही बना सकी और भारत ने 336 रन से यह मुकाबला जीतकर अंग्रेजों की धरती पर अपनी सबसे बड़ी जीत और कुल चौथी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। यह उसकी विदेश में भी रनों के आधार पर सबसे बड़ी जीत है।
जैसे कभी ब्रिसबेन का गाबा मैदान आस्ट्रेलिया के लिए अभेद्य किला माना जाता था, ठीक वैसा ही इंग्लैंड में था एजबेस्टन, जहां भारत को 58 वर्षों में एक भी टेस्ट जीत नसीब नहीं हुई थी लेकिन रविवार को यह मिथक भी टूट गया। भारत ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 336 रन से हराकर इतिहास रच दिया और एजबेस्टन के ‘किले’ को ध्वस्त कर दिया। इस जीत को केवल एक सामान्य टेस्ट जीत मानना भूल होगी। यह उस मानसिक अवरोध का अंत है, जिसने वर्षों तक भारतीय टीम को इस मैदान पर जकड़ रखा था। इससे पहले भारत ने एजबेस्टन में आठ टेस्ट खेले थे, जिनमें से सात में हार मिली थी और केवल एक बार भारतीय टीम मैच ड्रा कराने में सफल रही थी। 1967 से 2022 तक यह मैदान भारत के लिए दुखद यादों से भरा रहा, लेकिन अब यह गौरव का प्रतीक बन गया है। भारत बर्मिंघम में इंग्लैंड को हराने वाली पहली एशियाई टीम है।
युवा शुभमन गिल ने नेतृत्व किया और आत्मविश्वास से लबरेज टीम ने इंग्लैंड को पूरी तरह दबाव में रखा। गाबा में 2021 की ऐतिहासिक जीत के बाद यह जीत भारतीय टेस्ट इतिहास के लिए मील का पत्थर है। अब भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी मैदान पर, किसी भी परिस्थिति में और किसी भी टीम के विरुद्ध जीत हासिल कर सकती है।
महत्वपूर्ण है ये जीत
जसप्रीत बुमराह के एकादश में न होने के बावजूद ये मैच जीतना बहुत बड़ी बात है। इसने पांच मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबरी पर ही नहीं ला दिया है, बल्कि लार्ड्स में भारत की जीत की संभावनाओं को भी खोल दिया है क्योंकि वहां पर बुमराह वापसी करेंगे। मोहम्मद सिराज के फार्म में आने, आकाश के उदय और बुमराह की वापसी से भारत की तेज गेंदबाजी अचानक से मजबूत दिखने लगी है। तीसरा टेस्ट अब चार दिन बाद खेला जाएगा और उसमें ये तीनों तेज गेंदबाज जरूर खेलेंगे। आकाश ने दिखा दिया कि भारतीय तेज आक्रमण अब सिर्फ एक नाम पर निर्भर नहीं है।
वर्षा से मिला फायदा
रविवार सुबह जब वर्षा के कारण मैच देर से शुरू हुआ तो सभी भारतीय मायूस होकर गंभीर और गिल को कोस रहे थे कि उन्होंने चौथे दिन अपनी दूसरी पारी को जल्दी क्यों नहीं घोषित किया लेकिन जब खेल शुरू हुआ तो इसका फायदा भारत के तेज गेंदबाजों को मिला। पिच में नमी और आसमान में बादल का सहारा मिलने के बाद हमारे गेंदबाज और घातक हो गए।
सासाराम एक्सप्रेस के आगे ढह गया ‘बैजबाल’
इंग्लिश टीम ने पांचवें दिन का खेल शुरू करते हुए बैजबाल रणनीति से हटते हुए बचाव को प्राथमिकता दी, लेकिन भारत की अनुशासित गेंदबाजी और आकाश दीप की अगुआई में शानदार प्रदर्शन ने मेजबान टीम को मुश्किल में डाल दिया है। वर्षा के कारण मैच की शुरुआत में एक घंटा 40 मिनट की देरी हुई, जिससे भारत को इंग्लैंड को आलआउट करने के लिए 80 ओवर ही मिल पाए। हालांकि पिच पर अब तक बल्लेबाजों का बोलबाला रहा था, लेकिन पांचवें दिन पिच टूटती नजर आई और सीम मूवमेंट भी देखने को मिला, जिसका आकाश दीप ने बेहतरीन फायदा उठाया।
पहले दिन बेन डकेट और जो रूट का शिकार करने वाले ‘सासाराम एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर आकाश दीप ने उसी लय को बरकरार रखा और पहले ही घंटे में दो और महत्वपूर्ण विकेट निकालकर इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पहले ओवर में ही आकाश ने ओली पोप (24) को आफ स्टंप पर खेलते हुए बोल्ड कर दिया। इसके बाद उन्होंने हैरी ब्रूक को एक बेहतरीन आफ कटर एलबीडब्ल्यू कर दिया, जो बल्लेबाज के अंदरूनी पैर पर जाकर लगी।
ब्रूक दर्द से कराहते हुए पवेलियन लौटे और रिव्यू लेने के बावजूद निर्णय बरकरार रहा। कप्तान बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ ने इसके बाद 115 गेंदों में 70 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड की पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन वाशिंगटन सुंदर ने स्टोक्स को लंच से पहले आउट कर किया। आकाश ने जब जैमी स्मिथ (88) को आउट कर पांचवां विकेट लिया तो भारत की जीत सुनिश्चित हो गई थी। इसके बाद उन्होंने कार्स के रूप में अंतिम विकेट लेकर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। इसके अलावा मोहम्मद सिराज ने पहली पारी में छह विकेट चटकाकर जीत में अहम भूमिका निभाई।
शुभमन ‘युग’ की शुरुआत
जिस शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाए जाने पर आलोचना और आनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था, आज वही युवा खिलाड़ी इतिहास रच चुका है। एजबेस्टन टेस्ट में भारत की जीत के साथ गिल न केवल अपनी कप्तानी पर उठे सवालों का करारा जवाब दे चुके हैं, बल्कि वह इंग्लैंड के इस ऐतिहासिक मैदान पर टेस्ट जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बन गए हैं। सिर्फ दो टेस्ट मैचों में गिल ने नेतृत्व की ऐसी मिसाल पेश की है कि अब क्रिकेट पंडितों को भी उनकी प्रशंसा करने पर मजबूर होना पड़ा है। भारतीय टीम ने एजबेस्टन में इंग्लैंड को हराकर जहां सीरीज में बराबरी की, वहीं गिल ने अपने कप्तानी करियर को नई दिशा दे दी।
इस मैच में कप्तान गिल को उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए प्लेयर आफ द मैच चुना गया। गिल ने पहली पारी में दोहरा शतक (269) और दूसरी पारी में शतक (161) लगाकर भारत का पलड़ा भारी रखा। वह इंग्लैंड ने दोहरा शतक लगाने वाले पहले एशियाई और भारतीय कप्तान बने। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी गिल की कप्तानी को लेकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, गिल ने न केवल बल्लेबाजी से टीम को मजबूती दी, बल्कि क्षेत्ररक्षण की सजगता और गेंदबाजों के सही इस्तेमाल से अपनी कप्तानी की परिपक्वता साबित की। उनकी कप्तानी में भारत ने खेल के हर विभाग में दबदबा दिखाया, चाहे वह रणनीतिक क्षेत्ररक्षण हो, गेंदबाजों का सही उपयोग या खिलाड़ियों में आत्मविश्वास बनाए रखना। गिल की यह ऐतिहासिक जीत न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत हो सकती है। यह जीत गिल के नेतृत्व की परिपक्वता और भारतीय टीम की सामूहिक ताकत को दर्शाती है।
आकाश ने कैंसर से जूझ रही बहन को समर्पित की जीत
बिहार के सासाराम से आने वाले अकाश दीप यह सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। एक सरकारी स्कूल शिक्षक के बेटे ने टेनिस बाल क्रिकेट से शुरुआत की और सीमित संसाधनों में क्रिकेट का सपना जिया। बंगाल के टैलेंट स्काउट्स ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और 2019 में उन्हें रणजी टीम में जगह मिली। इस सीरीज में उतरने से पहले आकाश को एक और मानसिक चुनौती का सामना करना पड़ा। उनकी बहन कैंसर से जूझ रही हैं। आकाश ने बताया कि हर बार जब वह गेंदबाजी के लिए दौड़ते हैं, उनकी बहन की छवि उनकी आंखों में होती है। उनकी यह भावनात्मक ताकत मैदान पर भी दिखी, जब उन्होंने जो रूट, बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रूक जैसे बल्लेबाजों को आउट किया। उन्होंने भारत की इस ऐतिहासिक जीत को बहन को समर्पित किया।
टेस्ट में रन अंतर से भारत की बड़ी जीत
रन अंतर, बनाम, स्थान, वर्ष
434, इंग्लैंड, राजकोट, 2024
372, न्यूजीलैंड, मुंबई, 2021
337, द.अफ्रीका, दिल्ली, 2015
336, इंग्लैंड, बर्मिंघम, 2024
विदेश में भारत की सबसे बड़ी जीत
रन अंतर, बनाम, स्थान, वर्ष
336, इंग्लैंड, बर्मिंघम, 2025
318, वेस्टइंडीज, नार्थ साउंड, 2016
304, श्रीलंका, गाल, 2017
295, आस्ट्रेलिया, पर्थ, 2024
279, इंग्लैंड, लीड्स, 1986