IND vs SA: जानें कैसे बुमराह, अर्शदीप और पांड्या की बेमिसाल गेंदबाजी ने बनाया भारत को विजेता, दक्षिण अफ्रीका को साबित किया चोकर्स

जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या।

बारबाडोस, बीएनएम न्यूज : IND vs SA T20 World Cup Final: भारतीय टीम के 176 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 16 ओवर में चार विकेट पर 151 रन बना लिए थे। पहली बार फाइनल खेल रही दक्षिण अफ्रीकी टीम को जीतने के लिए 24 गेंद पर सिर्फ 26 रनों की जरूरत थी। 52 रन बनाने वाले हेनरिक क्लासेन क्रीज पर थे, जो अक्षर पटेल के एक ओवर में दो चौके व दो छक्के मार चुके थे लेकिन होता वही है जो भगवान चाहता है। मुंबई इंडियंस के कप्तानी विवाद के बाद एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करने वाले रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या बारबाडोस में भारत को जिताने के लिए एक-दूसरे के साथ खड़े थे। रोहित ने 17वां ओवर हार्दिक को दिया और उन्होंने क्लासेन को पंत के हाथों कैच आउट कराकर मैच का रुख मोड़ दिया। इस ओवर में चार रन ही गए। अगला ओवर में गेंद जसप्रीत बुमराह के हाथ में थी। यही ओवर मैच की दिशा तय करने वाला था।

जसप्रीत बुमराह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे। उन्होंने इस वर्ल्ड कप में 15 विकेट झटके।

बुमराह को खेलना नामुमकिन

 

बुमराह को खेलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है और मार्को जेनसेन जैसे गेंदबाज के लिए तो यह नामुमकिन काम था। 17वें ओवर की चौथी गेंद कहां से आई और कहां को चली गई ये जेनसेन को पता भी नहीं चला। जेनसेन ने परफेक्ट डिफेंस किया लेकिन गेंद गिल्ली को चूमते हुए निकल गई। बुमराह ने इस ओवर में सिर्फ दो रन दिए। इस गेंदबाज ने आठ मैचों में 4.18 की इकोनामी से 8.27 के औसत से 15 विकेट लिए। यह अब तक हुए टी-20 विश्व कप में किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ इकोनामी रेट है। दक्षिण अफ्रीका को आखिरी दो ओवर में 20 रन चाहिए थे। अर्शदीप ने 19वें ओवर में चार और पांड्या ने आखिरी ओवर में सात रन दिए। इस ओवर में दो विकेट भी मिले। पहली ही गेंद पर सूर्यकुमार यादव ने बाउंड्री के पास जब मिलर का शानदार कैच लपका तो उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के लिए यह मैच जीतना नामुमकिन हो गया। भारत ने सात रन से दूसरी बार टी-20 विश्व कप ट्राफी जीत ली। हार्दिक ने तीन ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट लिए।

सबसे बड़ा लक्ष्य

 

भारत ने शनिवार को टी-20 विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सबसे बड़ा लक्ष्य दिया, जिसे दक्षिण अफ्रीकी टीम हासिल नहीं कर पाई। कोई भी टीम टी-20 विश्व कप फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए 177 रन नहीं बना सकी है। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और उनके साथी ओपनर विराट कोहली ने जेनसेन के पहले ओवर में ही तीन चौकों की मदद से 15 रन बनाकर उसे सही भी साबित कर दिया लेकिन दक्षिण अफ्रीकी कप्तान बहुत समझदार निकले।

एडन मार्करैम ने भारत के विरुद्ध भारतीय मूल के बाएं हाथ के आर्थोडाक्स स्पिनर केशव महाराज को उतार दिया। उन्होंने छोटे मैदान के बावजूद दूसरा ओवर ही स्पिनर को दे दिया। रोहित ने आते ही उनका स्वागत दो लगातार चौकों से किया लेकिन महाराज तो आखिरी महाराज निकले। उन्होंने ओवर की आखिरी तीन गेंदों पर दो विकेट लेकर भारतीय पारी को धीमा कर दिया। पिछले दो मैचों में दो अर्धशतक लगा चुके रोहित महाराज के विरुद्ध दो चौके मार चुके थे लेकिन वह लगातार दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर पर दबाव बनाना चाहते थे। उन्होंने आफसाइड के बाहर जा रही गेंद को स्वीप करने की कोशिश की लेकिन गेंद दूर होने के कारण वह पूरा शाट खेल नहीं पाए। स्कवायर लेग के पास हेनरिक क्लासेन ने पकड़ ली।

पिछले मैच में चार रन पर आउट हुए रिषभ दूसरी ही गेंद पर स्वीप करने के चक्कर में शून्य पर आउट हो गए। वह इस टूर्नामेंट में एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके हैं। महाराज ने इस टूर्नामेंट में आठ मैचों में 11 विकेट लिए हैं। पांचवें ओवर में रबादा ने सूर्यकुमार यादव को फाइन लेग पर कैच आउट कराया। बैक आफ द लेंथ गेंद को छह मारने के चक्कर में सूर्य आउट हुए। यह भी विकेट लेने वाली गेंद नहीं थी लेकिन भारत की अतिरिक्त आक्रामक सोच ने उसे इस स्थिति में पहुंचा दिया।

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भारत की धीमी बल्लेबाजी

 

भारत ने सिर्फ 34 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे और फिर रोहित ने अपने संकट मोचक अक्षर पटेल को भेजा। अक्षर और विराट ने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन ये दोनों थोड़ा धीमे हो गए। पावरप्ले के बाद अगले सात ओवर तक भारत ने सिर्फ तीन बाउंड्री लगाई। कोहली ने शुरुआती पांच गेंद पर 14 रन बनाए और उसके बाद अगली 22 गेंद पर 24 रन बनाए। अक्षर पटेल और विराट कोहली ने चौथे विकेट के लिए 54 गेंदों पर 72 रनों की साझेदारी की।

14वें ओवर की तीसरी गेंद पर कोहली ने फ्लिक किया और अक्षर एक रन लेना चाहते थे। कोहली ने उन्हें वापस भेजा, विकेटकीपर डिकाक ने गेंद सीधे गेंदबाजी छोर पर की तरफ फेंकी और गिल्लियां बिखर गईं। अक्षर तीन इंच से चूक गए। 2023 वनडे विश्व कप में 63 गेंद पर 54 रन बनाने वाले विराट ने यहां 48 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया। हालांकि अगले ओवर में रबादा पर उन्होंने एक चौका व एक छक्का लगाया। कोहली ने चौथे ओवर के बाद सीधे 18वें ओवर में बाउंड्री लगाई। वह बीच के 13 ओवर में एक भी बाउंड्री नहीं लगा पाए।

मालूम हो कि 2007 में जब भारतीय टीम ने टी-20 विश्व कप जीता था तो फाइनल में ओपनर गौतम गंभीर ने 54 गेंद में 138.88 के स्ट्राइक रेट से 75 रन बनाए थे। अक्षर और विराट के अलावा सिर्फ शिवम दुबे (27) ने दहाई का आंकड़ा पार किया। उन्होंने और विराट ने पांचवें विकेट के लिए पांचवें विकेट के लिए 57 रनों की साझेदारी की।

क्लासेन का कमाल

लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 12 रन पर दो विकेट खो दिए थे लेकिन हेनरिक क्लासेन की 27 गेंदों पर 52 रनों की साझेदारी ने उसे जीत की डगर पर पहुंचा दिया। 15वां ओवर फेंकने आए अक्षर ने 24 रन दिए। इसमें क्लासेन ने दो चौके और दो छक्के लगाए लेकिन आज फिर दक्षिण अफ्रीका ने बता दिया कि उसे चोकर क्यों कहा जाता है। वह फिर से जीता जिताया मैच गंवा बैठी।

 

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