Warren Buffett: वॉरेन बफे ने भारत को बताया अवसरों की भरमार, निवेश करने के बारे में कही यह बात
वाशिंगटन, एजेंसी: अरबपति निवेशक वारेन बफे ने कहा कि भारत में अवसरों की भरमार है। बर्कशायर हैथवे के वार्षिक सम्मेलन में शेयरधारकों और निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए बफे ने कहा कि कंपनी भविष्य में भारत में निवेश के अवसर तलाश सकती है। बफे ने यह बात तब कही जब भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले अमेरिका स्थित हेज फंड दूरदर्शी एडवाइजर्स के राजीव अग्रवाल ने उनसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में निवेश के संबंध में बर्कशायर हैथवे की संभावना के बारे में पूछा।
भविष्य में कंपनी भारत में निवेश के अवसर तलाश सकती है
बफे ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा प्रश्न है। मुझे यकीन है कि भारत जैसे देशों में ढेर सारे अवसर हैं। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि क्या उन अवसरों का हमारे लिए कोई उपयोग है या नहीं। यदि हमारे हित में कोई निवेश होगा तो बर्कशायर उसमें भाग लेना चाहेगा।’ 93 वर्षीय बफे ने कहा कि बर्कशायर की दुनियाभर में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। हमारा जापानी अनुभव काफी आकर्षक रहा है।
एपल में हिस्सेदारी को लेकर बफे ने कहीं बड़ी बात
बफे ने बर्कशायर हैथवे द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख निवेश फैसलों से संबंधित कई सवालों के भी जवाब दिए। एपल में हिस्सेदारी कम करने पर उन्होंने कहा कि इसका स्टाक के दीर्घकालिक दृष्टिकोण से कोई लेना-देना नहीं है और हालिया मंदी के बावजूद एपल शायद उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग्स में से एक बनी रहेगी। उन्होंने शेयरधारकों से यह भी कहा कि वाइस चेयरमैन ग्रेग एबेल और अजीत जैन ने जिस तरह से कंपनी को संभाला है, वह यह साबित करता है कि मेरा फैसला बिल्कुल सही था।
आरक्षित मुद्रा के रूप में डालर का कोई विकल्प नहीं
दिग्गज निवेशक और अमेरिकी व्यवसायी वॉरेन बफेट ने बर्कशायर हैथवे की वार्षिक बैठक के दौरान अमेरिकी ऋण और मुद्रास्फीति पर भी चिंता जताई। उन्होंने आरक्षित मुद्रा के तौर पर डालर के लचीलेपन पर जोर दिया और रिकार्ड ऋण के बावजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आरक्षित मुद्रा के रूप में डालर का कोई विकल्प नहीं है।
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