दुनिया की सबसे महंगी गाय, कीमत बुगाटी कार के बराबर

नरेन्द्र सहारण कैथल  हरियाणा कहावत है कि जिसके घर काली, उसकी रोज दिवाली. यहां के किसान अच्छी नस्ल की महंगी भैंसे भी पाल रहे हैं, जो लग्ज़री गाडी फ़ॉर्च्यूनर से भी कहीं ज़्यादा महंगी हैं. हरियाणा के भिवानी जूई गांव निवासी के पास धर्मा नाम की भैंस है. धर्मा की उम्र महज 3 साल है. संजय ने अपनी इस भैंस को बच्चों की तरह पाला है. धर्मा अपने पहले ब्यांत से 15 लीटर दूध दे रही है. इस भैंस के खरीदारों ने इसे 40 लख रुपए की कीमत तक आंक डाला।

जैसे हरियाणा में सुल्तान ,युवराज,शहंशाह भैसैं अपनी कीमत को लेकर प्रसिद्धी प्राप्त कर चुके है,कीमत के मामले ब्राजील की गाय मारा इमोविस नाम की नेलोर गाय ने इन सब की छुट्टी कर दी ।ब्राजील मे एक नीलामी में रिकॉर्ड तोड़ 4.8 मिलियन डालर यानी 40 करोड़ रुपये में बेची गई. 

भारत में गायों की औसत कीमत ढाई हजार से 11 हजार रुपए है, लेकिन ब्राजील में एक गाय 40 करोड़ रुपए में बिकी है। पशुओं की नीलामी में इसे नया रिकॉर्ड बताया जा रहा है। गाय आंध्र प्रदेश के नेल्लोर की ‘वियाटिना-19 एफआइवी मारा इमोविस’ नाम की नस्ल की है। ब्राजील में नीलामी के दौरान इसे 48 लाख डॉलर में खरीदा गया। सफेद फर और कंधों पर विशिष्ट बल्बनुमा कूबड़ वाली यह गाय भारत की मूल निवासी है। ब्राजील में इस नस्ल की काफी डिमांड है। नस्ल का वैज्ञानिक नाम ‘बोस इंडिकस’ है।

लग्‍जरी कार बुगाटी से भी महंगी गाय, चौंक गए न. आपने शायद कभी कल्‍पना भी न की हो लेकिन यह सच है. दुनिया की सबसे महंगी गाय की कीमत 40 करोड़ रुपये है और इतनी ही कीमत में बुगाटी डिवो हाइपरकार आ जाती है. ब्राजील में हुई नीलामी में नेलोर की गाय दुनिया की अब तक की सबसे महंगी बिकने वाली गाय बन गई है. वियाटिना-19 FIV मारा इमोविस नाम की नेलोर गाय ब्राजील में एक नीलामी में रिकॉर्ड तोड़ 4.8 मिलियन डालर यानी 40 करोड़ रुपये में बेची गई.

 

4.5 साल की गाय, गुणों से भरपूर

वियाटिना की बिक्री न केवल उसके व्यक्तिगत मूल्य को दर्शाती है, बल्कि नस्ल की गुणवत्ता में सुधार करने, वैश्विक मवेशी बाजार में एक नया मानक स्थापित करने के लिए उसकी आनुवंशिक कौशल की क्षमता को भी प्रदर्शित करती है. नीलामी साओ पाउलो के अरंडू में हुई. यहां पर 4.5 साल की गाय के मालिकाना हक का एक तिहाई हिस्सा 6.99 मिलियन रियल में बेचा गया, जो 1.44 मिलियन डालर के बराबर है. इस घटना के बाद गाय की कीमत कुल 4.3 मिलियन डालर तक बढ़ गई है. यह नई कीमत, पिछले साल लगाई गई उसकी कीमत को भी पार कर गया है जब उसका आधा स्वामित्व पिछले साल करीब 800000 डालर में बेचा गया था.

भारत से है खास नाता 

नेलोर नस्ल मूल रूप से भारत की है और इसका नाम आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के नाम पर रखा गया है. अब यह ब्राजील की सबसे महत्वपूर्ण मवेशी नस्लों में से एक बन गई है. ओंगोल मवेशियों की पहली जोड़ी 1868 में जहाज से ब्राजील पहुंची थी. साल 1960 के दशक में इसकी संख्या में खास इजाफा हुआ है. उस समय सौ जानवरों का आयात किया गया था. इस आयात के बाद ब्राजील में इस नस्ल का विकास होना शुरू हुआ. इसके बाद जो कुछ हुआ वह अपने आप में एक इतिहास है.

 

क्‍या हैं इस गाय की खूबियां 

नेलोर गाय का वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है. यह गाय गर्म जलवायु, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मांस की गुणवत्ता जैसे बेहतर गुणों से भरपूर है. यह गाय अपनी ताकत, लचीलेपन और कठिन परिस्थितियों में पनपने की क्षमता के लिए जानी जाती है. इस वजह से इसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इन्हें अत्यधिक महत्व दिया जाता है. नेलोर ब्रीड की गाय कहीं भी खुद को एडजस्ट कर लेती हैं और दूध भी खूब देती हैं. इन गायों की खासियत ये भी है कि ये भयंकर गर्मी के मौसम में भी आराम से रह लेती हैं. इन गायों के शरीर पर सफेद फर होता है और ये धूप को रिफलेक्ट कर देता है. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतरीन होती है और त्वचा काफी कठोर होती है इसलिए इन पर खून चूसने वाले कीड़े भी नहीं लगते हैं.

 

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