वाराणसी में 42 लाख रुपये लूट की घटना में दरोगा निकला सरगना, वर्दी में दिया घटना को अंजाम अब गया जेल

वाराणसी, बीएनएम न्यूजः वाराणसी में  सर्राफा कारोबारी के कर्मचारियों से 42 लाख 50 हजार रुपये लूटने में नदेसर पुलिस चौकी प्रभारी रहा सूर्य प्रकाश पांडेय लुटेरों का सरगना निकला। पुलिस ने उसे दो साथियों संग गिरफ्तार किया है। बदमाशों के पास से आठ लाख पांच हजार रुपये, दो पिस्टल और दो कारतूस बरामद हुए हैं।
नीचीबाग के सर्राफा कारोबारी जयपाल के दो कर्मियों अविनाश गुप्ता और धनंजय यादव से कोलकाता जाने के दौरान 22 जून को रामनगर में रुपये लूटे गए थे। वारदात में केस विलंब से दर्ज करने से बदमाशों को रुपये छिपाने का वक्त मिल गया, जिसके लिए रामनगर थाना प्रभारी की भूमिका जांची जाएगी।

प्रयागराज का रहने वाला है दरोगा

सूर्य प्रकाश पांडेय प्रयागराज के कर्नलगंज का रहने वाला है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट आते ही दारोगा को निलंबित किया जाएगा, उसके बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। आरोपितों ने पहले भी ऐसी घटना की बात स्वीकारी है। सूर्य प्रकाश पांडेय और विकास मिश्रा के खिलाफ पुलिस ने पिस्टल रखने का मुकदमा भी दर्ज किया है।

कई घटनाओं में शामिल, करोड़ों दबाए

पुलिस अफसरों की पूछताछ में पता चला है कि सूर्य प्रकाश पांडेय केवल सर्राफ जयपाल के कर्मचारियों से ही लूट में शामिल नहीं था, बल्कि इसके पहले उसने कई वारदात को अंजाम दिया है। पूर्व की घटनाओं में चार से पांच करोड़ रुपये तक लूट की बात सामने आ रही है। चूंकि पूर्व में लूट की घटनाओं में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई, लिहाजा सख्ती के बावजूद सूर्यप्रकाश ने मुंह नहीं खोला।

टालमटोल के बाद कर्मचारियों पर ही कर दिया केस

रामनगर पुलिस की भूमिका भी पूरे मामले में संदिग्ध है। घटना 22 जून की है, जबकि मुकदमा 13 जुलाई को लिखा गया। मुकदमा भी पुलिस ने कारोबारी के कर्मचारियों पर ही धन गबन में दर्ज किया। जबकि कारोबारी ने 11 जुलाई को दी गई अपनी तहरीर में लिखा था कि बस में वर्दी पहने एक व्यक्ति सवार हुआ था।
यह भी बताया था कि उसने दोनों कर्मचारियों के साथ ही बस और परिचालक से घटना के संबंध में बात की। इन सबके बावजूद रामनगर पुलिस ने बिना तफ्तीश किये पुलिसकर्मी को बचाने के लिए कर्मचारियों पर ही केस लाद दिया।

पूर्व डीएसपी का बेटा है आरोपी दरोगा

आरोपी दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के पिता भी पुलिस महकमे में थे। डीएसपी के पद से रिटायर हुए थे। विभागीय कर्मचारियों में इस बात की काफी चर्चा रही। वहीं दरोगा के कार्यों की निंदा भी हो रही थी।

अपराधी से दोस्ती ने लगाया रुपये का चस्का

2019 बैच के दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय की पहली तैनाती बड़ागांव थाने पर हुई थी। वहीं उसकी नजदीकी बड़ागांव निवासी अपराधी नीलेश यादव, मुकेश दुबे, योगेश पाठक, चोलापुर के अजय और विकास से हुई। इनकी शोहबत में आकर सूर्यप्रकाश को रुपये का चस्का लग गया। बड़ागांव और कचहरी चौकी पर तैनाती के दौरान रुपये वसूली को लेकर वह बदनाम था।

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